***-- राहु देता है छप्पड़ फाड़ कर..***
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प्रबुद्ध पाठकों ने एक कहावत सुनी होगी,,,छप्पड़ फाड़ कर देना....कहावतें भी कई बार ज्योतिष के आम सूत्रों की ओर संकेत करती हैं..राहु धड़ विहीन एक ग्रह है...एक ऐसा ग्रह जब अपनी नकारात्मकता पर उतर आए,,तो सूर्य व चंद्र तक को खा जाता है...राहु को नकारात्मक अथवा सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने को बाध्य करने का सामर्थ्य स्वयं जातक के पास होता है,,या कह लें स्वयं जातक ही अपने राहु को सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव देता है..
उत्पादन के हिसाब से देखा जाय तो पंचम व एकादश,,ये दो भाव उत्पादन करने वाले कहे गए हैं..ऐसे में पंचम व एकादश को प्रभावित करने वाला राहु प्रारम्भिक रूप से इन दोनों भावों का उत्पादन खा जाता है...शिक्षा भाव मे आधिपत्य जमाया राहु प्रारम्भिक शिक्षा का नाश करता है..एकादश भाव मे बैठा राहु ,,आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया की कहावत को चरितार्थ करता है..ये जातक की आरंभिक आय को कई तरीके से खाने के रूप में जाना जाता है...
किन्तु पाठक जानते हैं राहु के पास पेट नही है ,,खाया हुआ पचाने को...अतः स्वाभाविक रूप से इसे ये सब खाया हुआ उगलना पड़ता है एक दिन...इसे ही ज्योतिष की दृष्टि में छप्पड़ फाड़ कर देने वाला कहा गया है..पंचम में राहु के प्रभाव ने थॉमस अल्वा एडिसन को प्रारम्भिक शिक्षा से वंचित रखा...उसे स्कूल तक से निकम्मा कह कर निकाल दिया गया...किन्तु तुला लग्न में लग्नस्थ राहु के शुभ प्रभाव से वही बालक बिजली के बल्ब अविष्कारक बन नोबल पुरस्कार विजेता बन कर कालांतर में सामने आया..महान भरतीय वैज्ञानिक श्री अब्दुल कलाम के नवमस्थ राहु ने पंचम भाव को बांधा,,,उनकी आरम्भिक शिक्षा बहुत कठिनाई के माहौल में हुई,,किन्तु नवम शिक्षा की भी शिक्षा है,,पंचम से पंचम... उच्च शिक्षा के भाव में राहु के प्रभाव ने उन्हें श्रेष्ट अविष्कारक बना कर प्रस्तुत किया....एकादश राहु के बहुत प्रमाण देखने मे आते हैं....भारतीय कप्तान धोनी के नाम से सभी परिचित है ....देवानंद एक मामूली इंसान थे,,एकादश राहु जब देने पर आया तो छप्पड़ फाड़ कर दे गया..अल्मोड़ा के एक गरीब परिवार से निकले महान राजनीतिज्ञ स्वर्गीय नारायण दत्त तिवाड़ी जी का प्रारम्भिक जीवन बेहद विषमताओं में गुजरा....एकादश राहु के शुभ प्रभाव में आते ही उनका वर्चस्व इंदिरा गांधी तक को चुनौती दे गया....इसी एकादश राहु का चमत्कार आजकल और एक उदाहरण में दिखाई दिया है...जरा अंदाजा लगाइये कहाँ.....
सोचिये,,,
दिमाग पर जोर डालिये...….
.... . . .. .. ... ... ...रानू मंडल का नाम तो सुना ही होगा.......
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प्रबुद्ध पाठकों ने एक कहावत सुनी होगी,,,छप्पड़ फाड़ कर देना....कहावतें भी कई बार ज्योतिष के आम सूत्रों की ओर संकेत करती हैं..राहु धड़ विहीन एक ग्रह है...एक ऐसा ग्रह जब अपनी नकारात्मकता पर उतर आए,,तो सूर्य व चंद्र तक को खा जाता है...राहु को नकारात्मक अथवा सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने को बाध्य करने का सामर्थ्य स्वयं जातक के पास होता है,,या कह लें स्वयं जातक ही अपने राहु को सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव देता है..
उत्पादन के हिसाब से देखा जाय तो पंचम व एकादश,,ये दो भाव उत्पादन करने वाले कहे गए हैं..ऐसे में पंचम व एकादश को प्रभावित करने वाला राहु प्रारम्भिक रूप से इन दोनों भावों का उत्पादन खा जाता है...शिक्षा भाव मे आधिपत्य जमाया राहु प्रारम्भिक शिक्षा का नाश करता है..एकादश भाव मे बैठा राहु ,,आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया की कहावत को चरितार्थ करता है..ये जातक की आरंभिक आय को कई तरीके से खाने के रूप में जाना जाता है...
किन्तु पाठक जानते हैं राहु के पास पेट नही है ,,खाया हुआ पचाने को...अतः स्वाभाविक रूप से इसे ये सब खाया हुआ उगलना पड़ता है एक दिन...इसे ही ज्योतिष की दृष्टि में छप्पड़ फाड़ कर देने वाला कहा गया है..पंचम में राहु के प्रभाव ने थॉमस अल्वा एडिसन को प्रारम्भिक शिक्षा से वंचित रखा...उसे स्कूल तक से निकम्मा कह कर निकाल दिया गया...किन्तु तुला लग्न में लग्नस्थ राहु के शुभ प्रभाव से वही बालक बिजली के बल्ब अविष्कारक बन नोबल पुरस्कार विजेता बन कर कालांतर में सामने आया..महान भरतीय वैज्ञानिक श्री अब्दुल कलाम के नवमस्थ राहु ने पंचम भाव को बांधा,,,उनकी आरम्भिक शिक्षा बहुत कठिनाई के माहौल में हुई,,किन्तु नवम शिक्षा की भी शिक्षा है,,पंचम से पंचम... उच्च शिक्षा के भाव में राहु के प्रभाव ने उन्हें श्रेष्ट अविष्कारक बना कर प्रस्तुत किया....एकादश राहु के बहुत प्रमाण देखने मे आते हैं....भारतीय कप्तान धोनी के नाम से सभी परिचित है ....देवानंद एक मामूली इंसान थे,,एकादश राहु जब देने पर आया तो छप्पड़ फाड़ कर दे गया..अल्मोड़ा के एक गरीब परिवार से निकले महान राजनीतिज्ञ स्वर्गीय नारायण दत्त तिवाड़ी जी का प्रारम्भिक जीवन बेहद विषमताओं में गुजरा....एकादश राहु के शुभ प्रभाव में आते ही उनका वर्चस्व इंदिरा गांधी तक को चुनौती दे गया....इसी एकादश राहु का चमत्कार आजकल और एक उदाहरण में दिखाई दिया है...जरा अंदाजा लगाइये कहाँ.....
सोचिये,,,
दिमाग पर जोर डालिये...….
.... . . .. .. ... ... ...रानू मंडल का नाम तो सुना ही होगा.......
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