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मनुष्य के जन्म समय में पूर्व दिशा में जिस राशि का उदय हो रहा होता है वह राशि जातक की जन्म लग्न राशि कहलाती है. प्रथम भाव में उसी राशि को लिख कर लग्न बनाया जाता है .उस समय विशेष में चंद्रमा जिस भी राशि में भ्रमण कर रहा होता है वो ही जातक की जन्म राशि कहलाती है. लग्न कुंडली के बाद जिस राशि में चंद्रमा होता है उसे लग्न मानकर एक और कुंडली का निर्माण होता है जो चन्द्र कुंडली कहलाती है. अब लग्न कुंडली और चन्द्र कुंडली में क्या अंतर होता है ये एक ऐसा विषय है जिस पर विद्वान ज्योतिषियों को मतभेद रह सकता है. मेरा मत यह है की जन्म कुंडली जातक के लिए ईश्वर द्वारा निर्धारित फैसलों का प्रतिबिम्ब होती है .उन विशेष परिस्थितियों ,उन विशेष नियमों से जातक को मिलना ही होता है .इस पर जातक का कोई नियंत्रण नहीं होता .ये पूर्वार्ध है. आपके किये गए कर्मों का लेखा जोखा .किन्तु चन्द्र कुंडली वो है जिसकी सहायता से जातक उन नियमों ,सिद्धांतों ,उन पूर्व निर्धारित फैसलों में लूप होल खोजने का प्रयास करता है. यहाँ से हम देखते हैं की कहाँ और कैसे किस ग्रह के साथ कोई डील की जा सकती है.कैसे ले- दे कर अपना काम चलाया जा सकता है .कैसे अपनी रुकी हुई गाडी को गतिवान किया जा सकता है. यकीन कीजिये मैंने कई बार समस्या को लग्न कुंडली से पकड़कर ,उपचार चन्द्र कुंडली द्वारा करने का प्रयास किया और सफलता पाई .कई ज्योतिषियों को चन्द्र कुंडली को अनदेखा करते पाया है. यकीन मानिए एक बार चन्द्र कुंडली को लग्न मान कर फलित करने का प्रयास कीजिये ,मजा आ जाता है. ऐसे ऐसे तथ्य जातक के बारे में मालूम होने लगते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी आपने .
आइये इसे दूसरी तरह से कहने का प्रयत्न करते हैं.किन्तु कहूंगा सामान्य भाषा में ही . बावजूद इसके कि एक बार मेरी एक पाठिका ने और अभी कुछ दिन पहले मेरे एक क्लाइंट ने मुझसे एक ही शिकायत की .दोनों का कहना था की आप की भाषा शैली कहीं से भी पंडितों वाली नहीं है .मैं फिर स्पष्ट कर देना चाहूँगा की मेरा ब्लॉग उस आम जिज्ञासु पाठक के लिए है जो ज्योतिष का रुझान रखता है या जो अपनी किसी समस्या को मुझ से साझा करना चाहता है. मेरे किसी भी लेख को किसी प्रकार की प्रतियोगिता में भेजने की मेरी कोई मंशा नहीं है .ये मात्र मेरे पाठकों के लिए है .अपने इसी साधारण अंदाज से मैंने उनका स्नेह -आदर प्राप्त किया है।भाषा के भ्रमजाल में उलझाकर मैं अपने पांडित्य का झूठा आभामंडल तो रच सकता हूँ ,अपने गैरजरूरी हव्वे को भी बुन सकता हूँ ,जिस की आड़ में आराम से अपनी फीस बढ़ा सकता हूँ ,लेकिन अपने पाठक के स्नेह से वंचित हो जाउंगा ,उसके विश्वास को खो बैठूँगा ,उस आस को तोड़ दूंगा जिस आस के साथ वो बेहिचक मेरे पास अपनी व्यथा कहने का अधिकार पाता है,कुसमय में मेरे काँधे को तलासने के लिए चुपके से देखता है. मैं इस सुख से ,इस गर्व के एहसास से वंचित नहीं होना चाहता ,इसलिए अपना अंदाज अपनी भाषाशैली नहीं बदल सकता . थोडा भावुक हो गया तो विषय से ही भटक गया .क्या करूँ आखिर साधारण मनुष्य ही तो हूँ .खैर वापस विषय पर आता हूँ .
समस्त ग्रहों में सर्वाधिक अस्थिर या कहें गतिशील चंद्रमा ही होते हैं .अततः जल्दी से किसी परिवर्तन की आस इन्ही के दरबार से की जा सकती है. अपनी समस्त सोलह कलाओं का जादू बिखेरकर ये नित्य नयी अवस्था, नए रूप में हमारे सामने होते हैं .पूरे माह में हम किसी भी दिन इन्हें समान रूप में नहीं पाते . अतः ये निरंतर बदलाव का प्रतीक हैं . इसी लिए तो मन के कारक हैं .ये सन्देश देते हैं की स्थितियों में परिवर्तन संभव है .यही कारण है की लग्न कुंडली के बाद चन्द्र कुंडली अपना विशेष स्थान रखती है.हर रोज अपने आश्रित स्थान से इनका प्रभाव हर ग्रह पर अलग होता है.तत्व के जानकार जानते ही हैं की सारा खेल मन का है. मन यानि चंद्रमा . नवग्रहों में चंद्रमा को धरती के सर्वाधिक निकट माना गया है .इसी कारण सबसे अधिक उपचार चन्द्र को लेकर ही किये जाते हैं .इसी कारण इसे माँ का कारक कहा गया है.जातक के जन्म से लेकर उसके जीवन भर सर्वाधिक निकट यदि कोई है तो माँ ही है. पहला स्पर्श ,पहला सम्बन्ध ,पहला प्रभाव इंसान के ऊपर माँ का ही है .माँ का है अर्थात चन्द्र का है. हर समस्या हर परेशानी का निदान माँ है. इसी प्रकार जातक के जीवन की हर समस्या का निदान चंद्रमा के पास है. तभी तो शिव के माथे का अलंकार है. कुछ सूत्र इसी क्रम में बताता हूँ जिस जातक की भी कुंडली में चंद्रमा दूषित हों वह इन्हें आजमाए व इनका चमत्कारिक असर देखें .
1 . सोमवार के व्रत करें
2. माँ से चांदी का कोई जेवर लेकर अपने पास रखें .
3 . यदि संभव हो तो पूर्णिमा की रात माँ के चरणों में सिर रखकर सोयें किन्तु ध्यान दें की आपके पैर माँ के सिर को न छुएँ . दिशा में परिवर्तन करें .
4 . जिस भी दिन रोहिणी नक्षत्र हो उस दिन शिव मंदिर में एक मॊर पंख अर्पित करें .
5 . गाय के दूध से बने घी की हलके हाथों से मालिश माँ के सिर पर करें .
लेख के विषय पर आप की अमूल्य राय की आशा है
( आपसे प्रार्थना है कि कृपया लेख में दिखने वाले विज्ञापन पर अवश्य क्लिक करें ,इससे प्राप्त आय मेरे द्वारा धर्मार्थ कार्यों पर ही खर्च होती है। अतः आप भी पुण्य के भागीदार बने )
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bahut gyanvardhak guru g.
जवाब देंहटाएंkoti koti naman..
gyanvardhak.ati sundar.
जवाब देंहटाएंगुरुदेव बहुत ही महत्पूर्ण जानकारी दी हे आपने समय मिले तो ग्रहों के गोचर पर जरुर
जवाब देंहटाएंप्रकाश डालियेगा. में जानना चाहता हु की गोचर में गृह अपना प्रभाव चन्द्र कुंडली के स्थिति के अनुसार देते हे या लगन कुंडली के अनुसार.
मनोज सरन
GURU JI SAADAR CHARAN ASPARS,
जवाब देंहटाएंGURU JI AAPKE BLOG SE MUJHE JYOTISH KE BAARE ME BAHUT SE MAHATWA PURN JAANKARIYA MILE HAI.
JISKA MAI DIL SE AABHAR PRAKAT KARTA HU.
MERA NAAM RAHUL HAI. MERE D.O.B. 2/6/1992 HAI. AUR TIME 4:20 AM HAI.
GURU JI MAINE BAHUT SE WANTS GOVT. JOB KE DAALE LEKIN KISE ME SELECTION NAHI HUA TO ISLIYE MAI AAP SE YE JAAN NA CHATA HU KI KYA MERE KUNDLI ME GOVT. JOB KE YOG HAI YA NAHI. AUR AGAR NAHI HAI TO MUJHE KAUN SA BUSSINESS SUIT KAREGA.
GURU JI KRIPA KARKE AAP MERE PRSNO KE UTTAR DENE KA KAST KARE AUR AGAR AAKI TARF SE MERE KUNDLI ME KOI MARGDARSAN HOGA TO USE BHE BATANE KA KAST KARE.
GURU JI AAPKI MAHAN KIRPA HOGI MUJHPAR.
GURU JI PRANAAM.
सदा खुश रहो राहुल साहब .गन्धर्व योग का निर्माण तुम्हारी कुंडली में हुआ है. कहते हैं ऐसा जातक संगीत कला आदि का शौक़ीन होता है व इसी योग के प्रभाव से विदेश यात्रा करता है।कहते है की ब्रह्मदेव सुबह साढ़े चार बजे के आस पास भाग्य लिखते हैं .तुम तो अपना भाग्य स्वयं ब्रह्मा से लिखवा कर आये हो .विधि ने तुम्हारे लिए सरकारी नौकरी स्वयं सजा कर रखी है. बैंक- वकालत-शिक्षा आदि के क्षेत्र में तुम्हारा चयन तय है. समय लिख लो .इस वर्ष के अंत तक नौकरी पा रहे हो. गोमेद रत्न धारण करो. अभी घर की रसोई में चूल्हे का मुह पूर्व की और है .यानी खाना बनाने वाला पश्चिम दिशा की और मुह करके खड़ा होता है .इसे दक्षिण की ओर करो. शनिवार को लाल बूंदी के लड्डू प्रसाद के रूप में बांटो .जब भी नौकरी में चयन हो मुझे सूचित करना मत भूलना .
हटाएंBohot sundor post.. Mene az tak ittna sundor post nehi poda kohi v... Thank u sir itne sare sundor post k liye app ko danaawaad..
हटाएंSarthak evam sateek lekh.
जवाब देंहटाएंGURU JI MAI RAHUL APNA PLACE BATANA BHUL GAYA THA MERA PLACE OF BIRTH HAI BASTI(U.P.).
जवाब देंहटाएंMAI B.COM. Final kar chuka hu.
guruji krupaya ye patrika k bare mai batayie life kasi hogi, marriage, job , stone
जवाब देंहटाएं24-augest 1990
06-20 pm
amaravti (mahrashtra)
Pandit Ji
जवाब देंहटाएंPranam. Kya apne Mridula Trivedi ki melapak meemansa parhi hai? Moti Lal Banarasi Das publication se chhapi hai.
Pandit Ji Pranam,
जवाब देंहटाएंKripa kar Vivah ke bare mein batane ki kripa karen.
JAnm Vivran: Female 3:30 am, 6/7 March, 1980, (krich paksh chaturthi), Guruvaar, Almora
Kya meri kundali me mangal dosh hai? Pita ka dehant ho chuka hai.
Apki ati kripa hogi.
Trupti
Pandit Ji kshama karen, janm samay 5.00 baje subah hai.
हटाएंJanm tarikh-- Female , 6/7 march, 1980 guruvaar, (krisn paksh chaturthi) Rashi Tula
Trupti
Pandit Ji Pranam,
हटाएंKya mera prasn uttar yogya nahi?
Trupti
तृप्ति जी ,जानता हूँ की जब मनुष्य समस्याओं से घिरा रहता है तो एक एक पल का इंतज़ार उसे कितना खलता है. किन्तु क्षमा प्रार्थी हूँ की मैं देर से आपके प्रश्न का उत्तर दे रहा हूँ .कारण मेरी स्वयं की व्यस्तताएं हैं .किन्तु फिर से क्षमा .
हटाएंमकर लग्न में चंद्रमा का शत्रु राशि व राहु के नक्षत्र में विराजमान हो जाना साथ ही मंगल -गुरु का वक्री होकर आठवें भाव राहु के साथ होना व कुंडली में चार चार ग्रहों का वक्री होना किसी भी हालत में कुंडली को सामान्य नहीं रहने देता, विशेषतः दाम्पत्य भाव को. मेरी बात को अन्यथा कदापि न लें किन्तु आपका स्वयं को क्ष्रेष्ट समझने का भुलावा ,परिस्थिति को अधिक जटिल कर देता है. अष्टम भाव में मंगल की उपस्थिति मात्र से ही आप मांगलिक नहीं हैं .मांगलिक आपको मैं नहीं मानता, किन्तु यहाँ दोष कुछ और उत्पन हो रहा है .आज से लगभग आठ सौ वर्ष पूर्व आज के जापान आदि देशों की तरफ आपका पिछला जन्म था .कुलीन कुल के पुरुष रूप में आप के भीतर एक क्षत्रिय के सम्पूर्ण गुण प्रचुर मात्रा में विद्यमान थे. अपने कुल ,अपने गुण, अपने रूप, अपनी प्रतिष्ठा के गर्व में चूर हो आपने अपने वैवाहिक जीवन का निर्वाह पूर्ण रूप से नहीं किया जिस के फल स्वरुप आपके जीवन साथी को कभी दाम्पत्य का सुख प्राप्त नहीं हुआ .ईश्वर का न्याय देखिये की इस जन्म में आपको स्त्री के रूप में उस गलती का प्रायश्चित करने भेज दिया .दाम्पत्य के सुख से आपको महरूम किया (ध्यान रखियेगा की मैं यहाँ जीवनसाथी जा जिक्र नहीं कर रहा हूँ )स्वाति नक्षत्र में आपको जन्म दिया .चातक पक्षी देखा होगा आपने ,देखा नहीं तो सुना अवश्य होगा की स्वाति नक्षत्र में पानी की बूँद की आस में सदा आसमान की और सर उठाए प्यासा रहता है किन्तु सामने बहती नदी का जल नहीं पीता .
शाश्त्रों में उल्लेख मिलता है "धारा नैव पन्तति चातक: मुखे मघस्य की दूषणं ,यत्न पूर्वक विधिना ललाट लिखितम ,तन्मार्जते कि क्षमम "अर्थात धारा के निकट होकर भी चातक आसमान की ओर मुह उठाये प्यासा रहता है तो ,भला विधि ने जो उसके ललाट (भाग्य )में लिख दिया है उससे कैसे मुक्ति मिले ? बहुत संभव है की मेरी बात आप को अतिशोक्ति किन्तु हकीकत यही है की पिछले जन्म के प्रभावस्वरूप आपका व्यवहार इस जन्म में भी पुरुष प्रवृत्ति के अधिक निकट है. उसी प्रभाव के कारण गर्व की मात्रा अब भी अधिक है .चीजें सामने होकर भी उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करना अपना सम्मान कम करने जैसा लगता है .अततः कई काम ऐसे करने होंगे जिन के लिए साधारण अवस्था में ह्रदय हामी नहीं भरता . निवारण बहुत से करने होंगे।उपाय भी हैं . किन्तु ये उपाय तभी होंगे जब आप मेरी बातों से सहमत होंगी .मेरी गणनाओं से आपको सारोकार होगा. वरना ये प्रश्न यहीं तक सीमित हो जाता है. मेरी शुभकामनाएं
Gurudev Pranam evam sadar charan sparsh.
जवाब देंहटाएंApke bahumulya paramarsh ko follow kar raha hun. sath hi aapke blog ko bhi niyamit roop se parh raha hun. Apka aashirvaad
evam margdarshan milta rahe. yahi chah hai. upar kiye vivechan se ek prasn dimag mein aya hai. kya kisi aatma ko karm bhog
hetu 800 varshon tak pratiksha karni parti hai? sath hi ek prasn yah bhi hai, ki purva janmon ke bare mein jyotish ke
aadhar par bataya ja sakta hai ya kisi anya vidha ya sidhi se.Kripa samay nikal kar uttar dene ki kripa karen.
Aashirvaadakanshi,
Manish, Ranikhet
गुरूजी चरण स्पर्श ,
जवाब देंहटाएंआपके मार्गदर्शन की आवश्यकता है जीवन पूर्णतया निराशावादी बन गया है कुछ समझ में नहीं आता क्या करें क्या ना करें । पिछले १० वर्षों से जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है पढाई भी भयंकर रुकावटों के साथ हुई हलाकि परिणाम उच्च कोटि के रहे लेकिन फिर भी उच्च शिक्षा का योग नहीं बन पाया कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पास करने के बाद भी कहीं प्रवेश नहीं ले पाए । नवम्बर २०११ से शेयर ब्रोकर का काम शुरू किया लेकिन वो भी दिसंबर २०१२ तक अच्छे खासे घाटे में बंद हो गया । जिंदगी के २९ सावन बितने में आये लेकिन १ रुपये की भी कमाई नहीं हुई उलटे नुकसान ही हुआ ....... कृपया हमारा भी मार्गदर्शन करें जिससे यह दिशाहीन जीवन किसी दिशा को प्राप्त कर ले आपका बड़ा उपकार होगा ....... केवल यह ही बता दीजिये की कब से हमारे कमी शुरू हो जाएगी और किसी क्षेत्र में सफलता मिलेगी कृपया मार्गदर्शन करने का कष्ट करें .....
जन्म विवरण :-
नाम - हरीश
जन्म तारीख - 27/07/1984
जन्म सामान्य - सुबह 5:50
जन्म स्थान - khargone (mp)
आपके उचित मार्गदर्शन की प्रतीक्षा ........
धन्यवाद ......
गुरूजी मेरा नंबर नहीं आएगा ............. :(
हटाएंगुरूजी आपने हमारे प्रश्न का उत्तर दिया इसके लिए बहोत बहोत धन्यवाद हम आभारी रहेंगे आपके लेकिन क्षमा करें गुरूजी ,हमारी कुंडली सिंह लग्न की नहीं है ..... कहीं त्रुटी हो गयी है .......... हमारा जन्म कर्क लग्न तथा मिथुन राशी पुनर्वसु नक्षत्र -४ चरण में हुआ है ........
हटाएंलग्न में धनेश सूर्य के साथ सुखेश तथा लाभेश शुक्र विराजमान है .....
धन भाव में पराक्रमेश तथा व्ययेश बुध विराजमान है .....
चतुर्थ भाव में पंचमेश तथा दशमेश मंगल के साथ सप्तमेश तथा अष्टमेश शनि विराजमान है
पंचम भाव में केतु विराजमान है
छटे घर में षष्टेश तथा भाग्येश गुरु ( वक्री ) स्वराशिष्ठ विराजमान है
ग्यारहवे भाव में रहू महाराज
बारहवे भाव में लग्नेश चन्द्रमा विराजमान है
कृपया एक बार फिर से इस इसे देखने का कष्ट करें ..........
क्षमा प्रार्थी हूँ हरीश जी ,वास्तव में आपका डाटा किसी के साथ बदल गया था . अभी रिकॉर्ड चेक किया तो मालूम चला .यथा शीघ्र आपके प्रश्न का उतार देने का प्रयास करता हूँ और आपसे वादा है की टंकण की इस गलती का मुआवजा यह होगा कि पहले से अधिक विवेचना आपकी कुंडली पर की जायेगी .
हटाएंअभी भी कहीं कोई त्रुटी अवश्य हो रही है. कृपया एक बार आप भी अपना डाटा जांच लें . मिथुन भ्रमनचक्र की तीसरी राशि है जिसका विस्तार ६०-९० डिग्री के मध्य माना गया है .नक्षत्र तालिका में पुनर्वसु सातवां नक्षत्र है .इसका चौथा चरण तारामंडल के पथ में ९० -९३ .२० डिग्री की परिधि को पूरा करता है ,अतः स्वाभाविक रूप से इसे भोगने का अधिकार कर्क राशि के पास होता है .
हटाएंचरण स्पर्श गुरूजी ........... क्षमा करें पुनर्वसु प्रथम चरण है कहीं लिखने में त्रुटी हो गयी ......... फिर से परेशान करने के लिए एक बार पुनः क्षमा मांगते है ..... और गुरुवर आप क्षमा शब्द का प्रयोग कर हमें शर्मिंदा ना करें ........ क्षमाप्रार्थी तो हम है क्योंकि आप एक ब्राह्मण है जिन्हें भूदेव की संज्ञा दी गयी है और हम एक क्षत्रिय इसलिए क्षमाप्रार्थी तो हम ही रहेंगे ........... :)
हटाएंहरीश जी ,आपकी कुंडली के बारे में कुछ कहने से पूर्व आपको यह बताना चाहता हूँ की क्या आप जानते हैं की पुनर्वशु नक्षत्र भीष्म पितामह का था और कर्क लग्न श्री राम चन्द्र जी का था . अब इन दोनों का सम्मिलित प्रभाव लिए हुए आपकी कुंडली है .कहते हैं की कर्क लग्न के जातक को जीवन में वनवास जरूर भोगना होता है. वनवास का अर्थ मात्र वन में जाना ही नहीं है. कई सन्दर्भों में इसे देखा जा सकता है .सन १९९९ से आरम्भ हुआ आपका वनवास अब २०१३ में समाप्त हो रहा है .शनि में उच्च के राहु का अंतर सफलता के द्वार आपके लिए खोलेगा .होटल -खान पान आदि से सम्बंधित कोई कार्य अथवा ऐसा कोई भी कार्य जिसमें भट्टी का उपयोग होता हो आपको रास आ जायेगा .कई कार्यों में हाथ आजमाने के बाद आप जमीन से जुड़े सौदों से भूमिपुत्र मंगल व उच्च के शनि महाराज की प्रेरणा से आप धन की प्राप्ति करेंगे और इतनी करेंगे की जिसे थामने हेतु आपके दोनों हाथ कम पड़ जायेंगे .जहां से आप अपने समस्त प्रयासों से निराश हो चुके होंगे वहीँ से स्वयं प्रकाश का दीपक लिए पवन पुत्र हनुमान आपके मार्गदर्शक बनेंगे .आपके लिए वास्तविक व् पूर्ण रूप से भाग्योदय बुध की महादशा के आरम्भ होने के दो वर्ष पश्चात होगा व सन २०२८ में आप अपने कुटुंब के सर्वाधिक संपन्न जातक होंगे .आपके इर्द गिर्द ही आप अपने साम्राज्य का निर्माण करेंगे .जरा अंदाजा लगाने का प्रयास करें की जब राम वनवास से लौटकर आये होंगे तो उस वक्त उनकी आयु क्या रही होगी व अपने वास्तविक राज्य का सुख उन्होंने इसी के पश्चात पाया था .एक बार रामेश्वरम के दर्शन कर आयें . स्वयं पुरुषोत्तम राम ने अपने दुखों के अंत हेतु वहां पर शिव की स्थापना की थी .आएश व धनेश की लग्न में युति आखिरकार धन सम्बन्धी समस्यों का निवारण स्वत ही कर देगी .सवा सात रत्ती मूंगा धारण कर लें . कर्क लग्न में बुध ही सर्वाधिक आकारक ग्रह होता है ,अतः इस से सम्बन्धी कोई भी कार्य (ब्याज पे पैसा लगाना ,शेयर आदि का कार्य करना ,)कभी शुभ फल नहीं देगा .जमीन ही आपके लिए धन की बरसात करेगी. शेष शुभ हो यही परमपिता से प्रार्थना है .
हटाएंगुरूजी उचित मार्गदर्शन के लिए सह्रदय धन्यवाद ........... :)
हटाएंकल से ही शनि में राहू का अंतर शुरू हो गया है लेकिन गोचर में शनि राहू पंचम भाव में विचरण कर रहे है और इन पर गुरु कि पंचम दृष्टी भी है जो शायद शुभ साबित हो ....... अब देखते है क्या होता है ।
जैसे ही व्यवस्थाएं ठीक होती है वैसे ही श्री रामेश्वरम के दर्शन हेतु निकल जायेंगे और मूंगा भी धारण कर लेंगे एक बार पुनः आपका पुरे दिल से आभार ..........
स्तिथि ठीक होते ही आपसे मिलने जरुर जरुर आयेंगे ........... :)
चरण स्पर्श .......... :)
हटाएंAdardiya gurug pranam mra name dharmendra hai. Humari ek samasya hai ki ek pandit g ne kundli bnayi hmari ar usmai kha ki kch bi acha ni hai, kya isvr hmse itna rust hai, hmara janam 24 may 1993 ko utarpradesh k unnao jile ke ek gaon mai sam k 17 :52 par hua hai.krapya ap hmari kundali dkhe hme ab apki utar ki ash hai, krapya jo bi ho spast btayiga guru g. Apko ek bar punah pranam .apke utar ki pratisha mai apka ek bndhu dharmendra dixit.
जवाब देंहटाएंराहु के नक्षत्र आर्द्रा प्राप्त हुआ है आपको .इसका अर्थ ही नम होना है .यानि अन्दर ही अन्दर जातक सदा घुलता रहता है. किस कारण भला ?अकारण ...कोई कारण नहीं होता सिवा इसके की राहु धुंआ है .आँखों के आगे भ्रम की चादर लगा देता है .और जातक अपनी सही गति भांप नहीं पाता .धर्मेन्द्र जी ,जानते नहीं है आप शायद की राहु को गुरु के समान दृष्टि प्राप्त है .जब देने पर आयेगा तो अच्छे -अच्छे वरदान दाताओं को भी धूल चटा देता है. सिंहिका के पुत्र में ग्रहों के राजा सूर्य को भी ग्रस लेने का सामर्थ्य है. इस वर्ष के अंत से अपना समय बदलते देखिये व सन १६ के बाद हर उस ज्योतिषी से व्यक्तिगत रूप से मिल कर आना जो भी आपके भाग्य को कम आंकता है. पन्ना रत्न धारण करें .धातु का बना हुआ एक पंचमुखी सर्प लायें व प्रतिदिन उस पर दूध का अभिषेक करे.मेरी बात को गाँठ बाँध लें की आप एक दिन विदेश यात्रा अवश्य करेंगे .शनि की दशा आपके सारे प्रश्नों ,समस्त विपदाओं व दुविधाओं का अंत करने में सक्षम होगी .शुभकामनाएं ......
हटाएंआदरणीय पंडितजी श्री ललित मोहनजी, जय श्री राम ... सादर प्रणाम एवंम चरणस्पर्श. आपके ब्लॉग therightsunshineforu पर मैंने आपके बहुत सारे लेख पढ़े. आपके ब्लॉग का पता मुझे लगभग एक महिना पहेले पता चला , जब मै इन्टरनेट पर “ग्रहों का प्रभाव” ऐसे कुछ टाइप कर गूगल पर हिंदी में खोज रहा था. आपका एक लेख पढ़ा , उस एक लेख ने मुझे आपके लगभग सारे लेख पढने पर बाध्य कर दिया . आपके लेखो में सच्चाई, प्रमाणिकता, भाषा की सरलता, और सबसे महत्वपूर्ण अद्भुद ज्ञान साफ़ दिखाई देता है. मै यह सब सिर्फ formality के तौर पर नहीं बल्कि दिल से कह रहा हूँ . मै भगवन का धन्यवाद् करता हूँ की उसी की वजह से मुझे आपके लेख पढने का और आपको जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कभी लगता है की जब आपके ब्लॉग को पढने का मौका मिला तो शायद इसमें भी ग्रहों का प्रभाव या योगदान है . आपका भी मै धन्यवाद् करता हूँ की आपके इतने बढ़िया लेख पढने का मुझे मौका मिला. आपसे मिलने की आशा है ....देखे कब मौका मिलता है. वैसे तो मै पुणे में रहता हूँ ...लेकिन गाँव मेरा पानीपत के पास है ....हरिद्वार भी आते रहता हूँ . अगर कभी हरिद्वार आता हूँ तो आपसे ज़रूर मिलू ऐसी इच्छा है .
जवाब देंहटाएंएक बार फिर से धन्यवाद् , प्रणाम तथा चरणस्पर्श.
आनंद गुप्ता
anandguptamittal@gmail.com
मैं आप द्वारा मिले सम्मान हेतु आभारी हूँ आनंद जी
हटाएंपंडित जी अगर हो सके तो एक लेख कृपया निम्नलिखित कुछ मुद्दों पर लिखे यह एक विनम्र निवेदन है
जवाब देंहटाएं...घर में मंदिर या पूजा स्थान कैसा हो , मतलब मूर्ति हो या न हो , अगर हो तो कौनसी मूर्ति कितनी हो और कितनी बड़ी हो , उनकी पूजा आदि कैसे हो , शंक, यन्त्र , शिवलिंग , आदि रख सकते है या नहीं और भी बाते जो आप ज़रूरी समझे और अगर मूर्ति या फोटो बदली करनी हो खंडित या पुरानी अथवा ख़राब होने पर या अगर घर में ज्यादा मूर्ति या फोटो हो तो उनका क्या करे आदि ...
आपके लेख का इंतज़ार रहेगा ...धन्यवाद् और आभार .
पंडितजी सादर प्रणाम एवेम चरणस्पर्श ,
जवाब देंहटाएंपंडितजी कुछ एक समस्याओ से झूझ रहा हूँ ...कई सालो से व्यापार में नुक्सान हो रहा है , आर्थिक परेशानियो से घिरा हुआ हूँ . पहे स्टेशनरी फिर आइसक्रीम का व्यापार किया जो बंद करना पड़ा . नया व्यापार करने की सोच रहा हूँ . क्या किरयाना का व्यापार करना ठीक रहेगा ?या और कुछ ? मेरी जन्म दिनांक २५/५/१९८२ है जन्म समय दोपहर २.१५ है स्थान पुणे. ग्रहों की क्या दशा चल रही है इस पर भी कृपया मार्गदर्शन करे यह विनंती . बहुत बहुत धन्यवाद् .
आनंद जी ,वाकई कुंडली कष्टकारी है।आद्रा नक्षत्र राहु का नक्षत्र है व् सदा आँखों में आंसू देने वाला ही माना जाता है. दशम भाव में बनते ग्रहण योग के कारण आप कई बार अपने व्यवसाय बदलेंगे .आपके लिए बेहतर परिणाम देने के रूप में बिजली से सम्बंधित कार्यों को देखा जा सकता है .किन्तु अभी नवम्बर तक किसी नए कार्य में हाथ डालने की सलाह मैं आपको नहीं दूंगा .शनि में बुध का अंतर तुलनात्मक रूप से अधिक सुन्दर रहेगा .अभी पिछले कुछ समय से माताजी के लिए समय शुभ नहीं है ,उनके स्वास्थय का ध्यान करें .आपको कार्य व्यवसाय में पूर्णरुपेन सफलता आयु के ३६ वें वर्ष के पश्चात प्राप्त होती है .धातु का पंचमुखी सर्प लेकर आयें व नित्य उस पर जलाभिषेक करें .
हटाएंपंडितजी प्रणाम और चरणस्पर्श ,आपने जो मार्गदर्शन दिया उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् . पंचमुखी सर्प कौनसी धातु का लेना चाहिए पंडितजी ? और क्या कोई रत्ना धारण करना ठीक रहेगा ? कृपया मार्गदर्शन करे यह विनती . धन्यवाद् और आभार .
जवाब देंहटाएंपंडितजी सादर प्रणाम और चरणस्पर्श ,
जवाब देंहटाएंपंडितजी मेरा नाम देबसीश मल्लिक्क है , एक मित्र द्वारा आपके ब्लॉग का पता चला .काफी समय से आर्थिक समस्यायों से परेशां हूँ .व्यापार कम होता जा रहा है , नुक्सान हो रहा है , पैसा टिकता ही नहीं ,साथ ही क़र्ज़ भी बढ़ता जा रहा है .मेरा जन्म दिनांक १४/०७ १९६७ है , जन्म समय ०९.३० सुबह प्रातकाल का, स्थान मिदनापुर, पश्चिम बंगाल का है .ऐसा समय कब तक चलेगा , कौन सा नया व्यापार ठीक रहेगा, कब करना ठीक रहेगा कृपया मार्गदर्शन करे यह विनंती .पंडित जी मुझे मेरी राशी नहीं पता अगर राशि भी बता दे तो आभार .
पंडितजी आपका धन्यवाद् और आभार
सिंह लग्न में आपका जन्म कन्या राशि व हस्त नक्षत्र में हुआ है .लग्नेश की आय भाव में आएश से युति कभी आपको धन के लिए किसी का मोहताज़ नहीं होने देगी .सन २०१ ० से चला आ रहा आपका बुरा दौर अब बीत चुका है . काम वहीँ से आरम्भ है जहाँ से आपने छोड़ा था .और जहाँ तक व्यवसाय की बात है कपडे ,घरेलु सजावट ,वन सम्बन्धी ,मशीन - पुर्जे ,ये सभी शुभ हैं .ब्याज या शेयर आदि का पैसा भी आपको सहज प्राप्त होगा .पन्ना रत्न सवा छह रत्ती अष्टधातु में धारण करे.बहन या बुआ को हरे वस्त्र उपहार में दें .किन्नरों की सेवा करें .बाजरा नियमित रूप से पंछियों को डालें .लाल आसन लगाकर नित्य इस मन्त्र की एक माला जाप करें "ॐ गोवल्लाय नाम:".प्रभु की कृपा रही तो सब कुछ नियंत्रण में होगा .किन्तु एक बात जो आपके नियंत्रण में है वो आपका व्यवहार है. थोड़े से सामाजिक बने व व्यवहार में सौम्यता लायें।
हटाएंबहुत बहुत धन्यवाद् और आभार पंडितजी
जवाब देंहटाएंvery nice information, thank you so much pandit ji
जवाब देंहटाएंआभार बेदी साहब
हटाएंGuruji parnaam,
जवाब देंहटाएंGuruji mere question ka answer nahi diya kya naraz hai? Koi bhul Ho gayi Ho to maffi.
Chotay to galti karte hai badoo(elder) ka kaam to maaf karna hota hai. Galtiyun Ke liye ek baar pahir maffi mangata Hun.
Please tell me about my future.
Guruji parnaam,
जवाब देंहटाएंGuruji aapne meri query publish Kari Uske liye mai aapka aabhari Hun.
Dhanybaad.
गुरूजी प्रणाम
जवाब देंहटाएंगुरु जी मैं हमेशा डिप्रैशन में रहता हूँ, जबकि मेरी उम्र मात्र २० वर्ष है कृपा करके आप कुछ उपाय बताएं ,
गुरूजी मेरी कुण्डली में चन्द्र ग्रहण दोष है कृपा करके आप उसका भी उचित उपाय बताने की कृपा करें | और मेरे आगे के भविष्य पर प्रकाश डालिये |
अंकित
13 अगस्त 1993, 11:05 AM
बस्ती, उत्तर प्रदेश
शत शत प्रणाम
अंकित जी ,रात को सोते समय सिरहाने पर नीचे स्टील के किसी बर्तन में पानी भरकर रखें व सुबह उसे किसी भी वृक्ष की जड़ में डालें ,ऐसा नियमित करें .ताम्बे के बर्तन का पानी पियें व गले में ताम्बे का सिक्का पहने .तकनीकी विषयों से भविष्य में सफलता के द्वार खुलेंगे .अधिक न सोचें . .
हटाएंएक जानकारी और लेना चाहूँगा आपसे गुरू जी मेरी इच्छा है कि मैं अपनी शिक्षा को बहुत ऊचाई तक ले जाना चाहता हूँ अर्थात् मैं अपनी पढाई जारी रखते हुए आगे और पढना चाहता हूँ मुझे पढने का बहुत शौक है पर न जाने क्यों दुर्भाग्यवश मेरी शिक्षा में अडचनें आती रहती हैं कृपा करके कुछ उपाय बतायें वैसे तो मैं बी काम कर रहा हूँ पर आप अपने अनुभव से मेरे लिये उपयुक्त विषय बताएं |
जवाब देंहटाएंगुरु जी मुझे झूठी प्रसंशा करनी नही भाती इसलिये मैं अपने दिल पर हाथ रखकर सत्य कहता हूँ कि आप इस इस व्यस्तता पूर्ण जीवन में इस ब्लॉग के माध्यम से अपना अमूल्य समय देकर लोगों की चिन्ताओं का निवारण करते हैं और निष्काम भाव से लोगों को नि:शुल्क परामर्श देते हैं वरना आज के इस वर्तमान युग में लोग ज्योतिष को अपना व्यापार बनाकर उसे बदनाम कर रहे हैं |
आपके इस निष्काम भाव को देखकर मैं अति प्रसन्न हूँ और आपको अपना गुरु मानकर श्रद्धा रूपी सुमन आपके चरणों में समर्पित करता हूँ इसे स्वीकार कीजिए और हमें अनुग्रहीत कीजिए
और अपना अमूल्य मार्गदर्शन दीजिए |
प्रणाम
गुरूजी
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण ज्योतिष की बाते बताई है अपने ब्लाग्स में, जो की अति प्रशंशनीय है। इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद्।
पंडितजी मै इंदौर से प्रकाश शर्मा, मेरा जन्म दिनांक 13 सितम्बर १९८०, जन्म समय : 03 :10 प्रातः (12 सितम्बर की रात ) और जन्म स्थान : बिलासपुर (मध्यप्रदेश/ छत्तीसगढ़)।
मेरे कुछ प्रश्न है जिनका जवाब आपसे जानना चाहता हूँ जिसका लगभग संभावित और संतोषप्रद जवाब आज तक किसी भी ज्योतिषी से नहीं मिल पाया।
1. मेरा विवाह कब तक होगा और जीवन साथी कैसी मिलेगी (स्वाभाव/शिक्षा/सुन्दरता)। वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा।
2 . मै जॉब छोड़ कर पी. एच. डी. (फुल टाइम) कर रहा हूँ (3 साल हो चुके है )। मेरी पी. एच. डी. कब तक पूरी हो पायेगी।
3 . मेरा कैरिअर किस क्षेत्र में बनेगा (सिविल सर्विसेस/ शिक्षा/ आई टी(सॉफ्टवेर) / राजनीती/ या कोई और..... ) और कब तक जॉब ज्वाइन कर पाउँगा।
आप इस इस व्यस्तता पूर्ण जीवन में इस ब्लॉग के माध्यम से अपना अमूल्य समय देकर लोगों की चिन्ताओं का निवारण करते हैं और निष्काम भाव से लोगों को नि:शुल्क परामर्श देते हैं वरना आज के इस वर्तमान युग में लोग ज्योतिष को अपना व्यापार बनाकर उसे बदनाम कर रहे हैं |
आपके इस निष्काम भाव को देखकर मन में बड़ा हर्ष होता है और हमें भी आपके माध्यम से अपने ज्ञान का सामाजिक उपयोग करने की प्रेरणा मिलती है। अपना अमूल्य मार्गदर्शन दीजिए |
प्रणाम
कर्क लग्न में चित्रा नक्षत्र प्राप्त हुआ है आपको .लग्नेश का मंगल से चतुर्थ भाव में युति करना ,लग्नेश -चतुर्थेश का राशि परिवर्तन ,धनेश का स्वराशिस्थ होना ,संकेत है की स्वयं ब्रह्मा ने अपने हाथों से कुंडली की रचना की है .संपन्न पारिवारिक पृष्टभूमि ,जन्मजात नेतृत्व क्षमता ,व स्वयं पर विश्वास ही आपकी सफलता की कहानी गढ़ने में सक्षम है .भावनाओं की अती (अच्छी -बुरी दोनों )नियंत्रण की मांग कर रही है .दशम भाव पर मंगल की दृष्टि प्रशासनिक पदों पर आपका चयन तय कर देती है .साथ ही कर्क लग्न नैसर्गिक रूप से राजनेताओं का लग्न माना जाता है .अतः परोक्ष -अपरोक्ष रूप से इस से जातक जुड़ता ही है .विवाह व नौकरी दोनों अभी तक हो जानी चाहिए थी .पिछले एक वर्ष से समय पूर्णत अनुकूल चल रहा है. अब विवाह हेतु २०१ ४ के मध्य में ही समय होगा .लग्न में उच्च का गुरु गोचरवश बड़ी डिग्रियों की प्राप्ति का कारक बनेगा . मूत्र स्थान से सम्बंधित यदि कोई समस्या नहीं है तो उचित है. अन्यथा विवाह पश्चात कुछ क्षणिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है .पैरों में एलर्जी के प्रति सावधान रहना भी आवश्यक है .अपने जीवन के ३६ -३७ वें वर्ष तक आप परम सम्मानित पद पर होंगे .अपने जीवन काल में तीन मंजिले भवन के स्वामी आप बनेंगे . आएश लग्न में धन सम्बन्धी किसी भी समस्या को खारिज कर देता है .कर्क लग्न श्री राम जी का लग्न है व विवाह से कुछ वर्ष पूर्व से आरम्भ कर यह जातक हेतु वनवास का योग भी बनाते देखा गया है .वनवास का शाब्दिक अर्थ न लगाकर भावार्थ को समझना इसके अर्थ को भांपने में सहायक रहता है .शेष प्रभु की इच्छा .. उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं
हटाएंItane achchhe tarike se kundli ka vishleshan aapne kiya. Bahut bahut Dhanywad Panditji. Hamesha aap ke sampark me raha na chahunga.
हटाएंPranam
guru ji parnaam
जवाब देंहटाएंGuru ji main apne bete deepak ke baare me poochna chahata hoon
Guru ji ye hamesa beemar rehta hai padhai me isko koi intrest nahi hai main to isse pareshan ho gaya hoon ab aap hi kuch upaay batayen aur apna aashirwad de.
Dob 15/09/1997, 03:38 am , gonda u.p.
Parnaam
लग्नेश केतु के साथ अष्टम भाव में होना साथ ही चंद्रमा का अत्यधिक कम अंशों में होना जन्म से ही समस्या का कारण है .बालक बालारिष्ट से ग्रसित है. पेट(लिवर -किडनी आदि ) व सीने से सम्बंधित रोग समस्या देने में सक्षम हैं .सूर्य भी राहु के साथ हैं तो जाहिर रूप से भविष्य में आँखों व सिर से सम्बंधित रोग भी उभरेंगे .महामृतुन्जय का पाठ बालक के निमित कराएँ . मोती व मूंगा एक साथ लाकेट में धारण करें .सूर्य अस्त से पहले दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर दें ,रात का भोजन कुछ समय के लिए बंद करें या बहुत हल्का दें .
हटाएंगुरु जी हमसे कोई नाराजगी है या आप हमें भूल गये हैं
जवाब देंहटाएंअगर लेखन में हमसे कोई त्रुटि हो गई हो तो आप हमें क्षमा करें ।
और हमारी जिग्यासा एवं समस्याओं का निवारण करें ।
आपने कदाचित ध्यान ही नहीं दिया अंकित ,आपके प्रश्न का उत्तर ऊपर दिया जा चुका है .
हटाएंVRISCHIK LAGNA KI KUNDALI HAI SECOND HOUSE ME RAHU KE SATH CHANDRAMA HAI
जवाब देंहटाएंKOI UPAY BATEYE.UTTARASHADA NAKSHATRA HAI.DETAIL 24-04-1973,TIME 8:20:00PM,KANPUR
व्यवहारकुशल बनिये ,यही आपकी सारी समस्याओं का निवारण होगा .
हटाएंnamste sir, mera nam gopal hai,date of birth 10 july,1980. time 7:35am palece dist. sikar, rajsthan, india. may abhi tak avivhait or berojgar hu. job kab tak or kis fild mey melega,shadi kab tak hogi,kia may singer or music compser ban sakta hu. is fild ke lia lucky gem ston palese batia.
जवाब देंहटाएंDear Sir,
जवाब देंहटाएंKindly advice me. I was born on July 15, 1967 at 8.00 AM at Village Salimpur, PostOffice Sadhaura, Distt Ambala (Now Yamuna Nagar), Haryana, India. I am facing a lot of problems and difficulties regarding Type & Place of Job and Financial State. Please help me.
AVTAR SINGH RAHI
rahiavtaar@gmail.com
अवतार जी ,कर्क लग्न में आप तुला राशि व चित्रा नक्षत्र के जातक हैं .अगस्त २०१ २ से समय आप के सब्र की परीक्षा लेने लगा है साथ ही आपके स्थानान्तरण का भी योग बनाने लगा है .२०१ ४ के अंत तक अभी आपको संयम रखने की आवश्यकता है .चंद्रमा पर केतु का प्रभाव आपको मन की डोर थामने पर अंकुश लगाता है .आपको चाहिए की आप सवा सात रत्ती मूंगा धारण करें .कोई भी ऐसा कार्य व्यवसाय जिसमें भूमि का उपयोग होता हो ,आपके भाग्योदय का कारक बनेगा .
हटाएंPandit ji, Sadar Charan Isparsh . Mera Date of birth 22august1984 at 2.15 Am In Village Bharnawan, Tah - Ladnun, Dist- Nagaur(Rajasthan). Mera Future Kesa Rahega. Meri kundli Me Chandra RAhu Ka Fal Janana H Please Help Me.
जवाब देंहटाएंधनेश अपनी उच्च राशि में हो व आएश स्वराशि में तब भी यदि धन सम्बन्धी समस्या हो तो इसे भाग्य की विडंबना ही कहा जाएगा, इसी सूत्र को दर्शाती व इसका सटीक उदाहरण प्रस्तुत करती हुई आपकी कुंडली है .आपको शिक्षा अथवा धागा,कपडा आदि से सम्बंधित कार्य ही लाभदायक होगा ऐसा संकेत मिल रहा है . इसके अलावा आयात-निर्यात या शेयर आदि से सम्बंधित कार्य भी किया जा सकता है . राहु का चन्द्र को प्रभावित करना पैतृक धनसंपदा का अपव्यय करता है साथ ही जीवन में किसी प्रकार के आरोप का सामना करना पड़े ,ऐसा एहसास होता है .
हटाएंguru ji pranam - guruji mujhe jyotish seekhne ka shouk h .google par mahadasha search kar rahi thi to sobhagya se apka blog khul gya mene apke kuch lekh padhe kafi achi jankari mili | sabse pahle to me apko hriday se dhanyvad deti hu ki aap apna bahumulya samay nikal kar logo ko gyan ka prakash de rahe h |guruji meri dob 12-10-1964 tob_9:40pm ajmer (raj) h abhi me 3 sal se job me bahut pareshan hu rahu me shani ka antar chal raha tha par ab 8 july 2013 se budh ka antar shuru ho gaya h par mujhe abhi bhi paristhiti me parivartan nazar nahi aa raha h .mere sthanantaran ke yog samajh nhi aa rahe h .is samay sharirik arthik mansik rup se kafi tut chuki hu .me govt teacher hu .plz apna bahumulya samay nikal kar mera margdarshan kare
जवाब देंहटाएंलेख पसंद करने हेतु धन्यवाद ....अपना कष्टदायी समय आप सन २००८ से १० के मध्य निकाल चुकी हैं,अतः अब परेशान होने की आवश्यकता नहीं .वर्तमान में बुध का अंतर हालात को नियंत्रित कर देगा .पीठ पीछे होने वाले कुचक्रों से तो आपको सदा ही सावधान रहना है ,साथ ही एक रेखा अपने व अन्य के बीच जरूर रखनी है .गैरजरूरी मामलों में अपनी राय व उपस्थिति पर नियंत्रण लगायें . जहाँ आप ये समझ रही होती हैं की चीजों को आप संचालित कर रही हैं वास्तव में हालात व आकारक गृह आपको संचालित कर रहे होते हैं ,व यही अवस्था आगे जाकर दुःख का कारण आपके लिए बन जाती है . आशा है आप अर्थ समझ रही होंगी .शनि की उपस्थिति दशम भाव पर कार्यस्थल से सम्बंधित प्रोग्रेस को धीमा कर देती है ,इसका कोई इलाज किसी के पास नहीं .ऊपर से गुरु वक्री तो संयम भी मुश्किल हो जाता है .अपने कार्यस्थल अथवा घर में पूर्णिमा के चाँद की तस्वीर लगायें व एक गोमेद सवा पांच रत्ती धारण करें .प्रभु ने चाहा तो शान्ति मिलेगी ,(ध्यान दें की शान्ति शब्द का प्रयोग कर रहा हूँ ,आराम या स्थिति पर नियंत्रण का नहीं ) वास्तव में आप उस कस्तूरी मृग की तरह हैं जो अपने ही अन्दर सुवासित कस्तूरी की तलाश में न जाने कहाँ कहाँ भटकता है .सरल शब्दों में अहं तो आपको किसी गुरु की आवश्यकता है जो आपकी पहचान आपसे कराये .खुश रहें .. सहज रहें व भावनाओं को हावी न होने दें .
हटाएंguruji sadar charansparsh -aacharyaji mere margdarshan ke liye bahut bahut dhanywad . apka kahna bilkul sahi h .me apke dwara bataye gaye upayon ko avashy karungi |
हटाएंguruji mera ichhit tabadla kab tak hoga .ab pareshani jhelte huye kafi samay ho gaya h.kripya bataven meri kam se kam mansik pareshani to dur ho jaye .
हटाएंaachary ji jaldi batane ka kasht karen .hriday se abhar vyakt karti hu .apke uttar ki pratiksh me
हटाएंNAME - SKR
जवाब देंहटाएंDOB - 26-9- 1980
PALACE - GHAZIPUR U.P.
TIME - 6.30PM
GURU G KO PRANAM ...GURU G MERI KUNADALI DEKH K BATAYEN KI MERI SHADI KAB TAK HOGI ...RISTE TO KAFI AA RAHE HAI LEKIN KISI K SATH HO NAHI PAA RAHA HAI JISKI WAJAH SE MERE MAA AUR PITA G KAFI PARESAAN HAI AUR BAHUT TENSSION ME HO JAATE HAI UNKO PARESAAN DEKH K MAI KAFI DISTURB HO JATA HUN ...KOI RASTA BATAYEN GURU G BAHUT URGENT HAI ...MERI SAARI PARESAANI KAB TAK DOOR HOGI
प्रणाम गुरूजी,
जवाब देंहटाएंआप ले ब्लॉग ने बहुत सरे लोगो का संतुष्टि से समाधान किया एवं यह ब्लॉग बहुत ही
प्रसंसनीय है|
कृपया कर मेरी भी एक छोटी समस्या का समाधान कर दीजिये,
मेरा नाम रविष पटेल है एवं मुझे मेरे नौकरी , तरक्की , और किस फील्ड में मेरी अच्छी तरक्की होगी , मेरा वैवाहिक जीवन केसा जायेगा , परिवार का नाम रोशन कर पाऊंगा ,कृपा कर बताने का कृष्ट करे|
नाम - रविष पटेल
जन्म दिनक - २०/१०/१९९०
स्थान - खंडवा (म.प्र.)
समय - ५.०० am
प्रणाम गुरूजी,
जवाब देंहटाएंआपका लेख बहुत ही प्रसंशनीय एवं ज्ञानवर्धक है इसके लिया आपको बहुत बहुत बधाई|
कृपा कर मेरी भी एक छोटी सी समस्या का समाधान बताने का कर्ष्ट करे |
मेरा नाम रविष पटेल है और में खंडवा जिला मध्य प्रदेश का हु.
मुझे मेरी नौकरी एवं जीवन में तरक्की करूंगा और कब करूंगा , मेरा विवाह और वैवाहिक जीवन केसा रहेगा के बारे में बताने का कृष्ट करें |
नाम - रविष पटेल
जन्मदिनांक - २०/१०/१९९०
स्थान - खंडवा (म.प्र.)
समय - ५:०० प्रातः
धन्यवाद,
GURUJI PRANAM GURUJI MERA NAAM GANESH HAI MY D.O.B 24-JUN-1986 HAI BIRTH TIME 11:48PM PLACE BHARATPUR (RAJASTHAN) HAI GURUJI MAI MANSIK TANAB SE PARESAN HU LAST ONE YEAR SE SAMALH MAI NHI AARHA KYA KRU
जवाब देंहटाएंnamaste guruji.... mera naam Divyansh he.. kyaa plzzz aap mujhe bta sakte he ki mera Study me man kyo nhi lagta.... or iske liye me kya kar sakta hoo... mere iksha life me business karne ki he .. kya me ak sucessfull businessmen ban saktahoo... plzz btaye ki mere liye life ka serious time kab se start hoga... plzzzzzzzzzzzzz my date of birth is 21-6-1995..............time of birth 5:20 am...........................place of birth Delhi..... !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! plzzzz Bataiye .... Thakxxxxx
जवाब देंहटाएंGuruji Pranam
जवाब देंहटाएंAapka blog padha..aur man ko bahot hi anand aur prasannata hui padhkar.sach me aapne bahut si achhi jankari prapt hui hai. mein bhi apne jeevan ke bare me aapse kuch janna chahta hu. pichle kai varsho se jeevan me bahut pareshaniya hai. kisi ka samadhan nahi mil raha hai. Shatru log mujh per bhari pad rahe hai. jeevan ek ranbhumi ban kar rah gaya hai.isme mujhe vijay prapt karni hai... sath me mein ye bhi janna chahta hu ki kya kabhi mere jeevan me sukh aayega ya nahi? kya mere pass bhi uchit matra me dhan hoga ya nahi... meri kundli me grahan yog bhi hai uska bhi uchit upaay bataye. Meri birth detail me aapko deta hu. mujhe konsa business kerna chahiye ye bhi bataye. Filhal me software field me job karta hu.
date:18/07/1981
time :9:30 A.M
Place Nadiad (Gujarat)
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Kripiya jankari jald se jald dene ki kripa kare.
जिस कुंडली का लग्नेश ही प्रभावित हो वहां ऐसे हालात आते ही हैं.फिर भी तारों ने आपका चयन बैंक-फाइनेंस-शिक्षा आदि के क्षेत्रों में सरकारी पद के लिए किया है.प्रयास आपको करना है व समीकरणों के अनुसार चलना है.आपने प्रश्न कई रूपों में किया
हटाएंहै,जिसके लिए पूर्ण कुंडली विवेचन आवश्यक है.आप हमारी वेब साईट ,astrologerindehradun.com के जरिये अपनी समस्त शंकाओं का निवारण पा सकते हैं.
PANDIT JI CHARN SPARSH,
जवाब देंहटाएंDOB : 16-APRIL-1983
TIME:8:40 AM
PLACE :SIROHI RIVER RAJASTHAN
PLEASE BATIYAE KI KAROBAR AUR LABH KAE HISABH SAE KUNSA TIME ACACHA HAI, MERA GAHR KAB BANEGA AUR BHAGYA KAB SATH DEGA , MAIN KAFI PARESHAN HU, KYA KAROBAR KARU . PLEASE HELP KIJIYAE MERI
charn sparsh pandir ji
जवाब देंहटाएंDOB: 16-APRIL-1983
PLACE : SIROHI RIVER RAJASTHAN
TIME: 8:40 AM
BUSINESS KUNSA KARNA CHAIYE AUR KAB SURUAAT KARNI CHAIYE, BHAGYA KAB SATH DEGA, GAHR KAB BANEGA . PLEASE HELP KIJYAE. THANKS
लोहा आपके लिए सोना उगलेगा विक्रांत जी ,गाड़ियों के पुर्जे -तेल ,आदि शनि सम्बन्धी व्यवसाय ,किन्तु जहाँ नौकर अवश्य हों। नवम्बर २०१४ से पहले ही कोई बदलाव है।
हटाएंHi Pandit ji,
जवाब देंहटाएंmera koi bhi kam pura nhi hota hai, jab bhi kismat ki bat aati hai to mai har jata hu.
DOB: 19-2-1984
Time 2: 35 PM mirzapur up
Om Pandit ji,
जवाब देंहटाएंJab bhi mere kismat ki bat aati hai to mai har jata hu.
kya mera jivan achha hai.?
mai yatharth geeta par belive karta hu.
DOB: 19-2-1984
Time: 2:35 PM
Place: Mirzapur
pandit ji namaste
जवाब देंहटाएंmera jeven bahot abhav mai hai kismat saath nahi se rahe .meri dob 09/12/1982 hai time 2:45 am hai .kripa karke kuch upaye bataye.
name- rajesh
जवाब देंहटाएंDOB- 28/01/1988
TIME- 15.15
PLACE- NIM KA THANA(RAJASTHAN)
QUE- MARE SARKARE NOKRE LAGE GE YA NAHE LAGE GE TO KIS ME
GURU JI SAADAR CHARAN ASPARS,
जवाब देंहटाएंGURU JI MERA BOD :- 25/9/1990 TIME :-12:40 PLACE :- DHAR
MUJHE MERI EDUCATION KE BARE ME JANNA HE ME CA & CS KAR RHA HU.
OR FUTURE ME FINANCIAL POSIATION KESE HOGI.
THANKS
NAKUL RAGHUVANSHI
गुरुजी नमस्कार मेरा नाम-रोशन गुरव है और मेरा जन्म 28-10-1981 को रात 11 बजे स्थान आठनेर बैतूल(म.प्र.)मे हुआ है।गुरुजी मै मेरी शादी और नौकरी के बारे मे जानना चाहता हु की इस वर्ष मेरी शादी होँगी या नही और क्या मुझे सरकारी नौकरी लग सकती है।
जवाब देंहटाएंमई २०१४ से मई २०१५ के मध्य विवाह सम्भव है। दक्षिण की यात्राएं तुम्हारी राह ताक रही हैँ। घर से बाहर निकलो तभी कल्याण है।
हटाएंpandit jee pranam.
जवाब देंहटाएंmera name-guru jaiswal h.DOB-22-10-1981, Time-10:30 AM Birth Place- Varanasi,U.P. hai
guru jee mera shaadi kb hoga aur jeevansathi aur sasural kaisa milega...vaiyvahik jeevan kaisa hoga...mera bhavisya kaisa h.mai naukari karunga ya business .agar business krunga to kis chij ka karu... ..guru jee mai bahut paresan hu ...Kripya mera marg darsan kre ...Guru jee Charan Sparsh...
विवाह जरा देर से सम्भव है ,शारीरिक किसी चिन्ता से भयभीत हैं आप। पुखराज धारण करे व नौकरी के लिये प्रयास करें ,आपका चयन सरकारी नौकरी मे सम्भव है।
हटाएंpandit g namskaar
जवाब देंहटाएंaapne upar ek vyakti ko jabab diya hi ki subh ke samy yani 4 baje ke aaspaas jo vyakti peda hota hi uska bhagye swaym BRAMHA g likte hi...
eske aalwa aapne chandra kundli ka v mahtv btya hai ki lagn kundli dekh kr chanrda kundli dwara upchar krna chaheye
meri 05- 03- 1991 time 04:20 AM Place Tikamgarh MP
meri chandra kundli me manglik hu.. lagn kundli me manglik nahi hi...
meri kundli me lagn me shani or rahu bethe hi... eske alawa 7thwe bhav me guru or ketu bethe hi
meri GOV job lag gai hi... to ye kb tk chalegi.. Rajniti me aa sakta hu kya
or Muje shadi kis varsh me krna chaheye or kb tk yog hi shaadi ka... hai v ya nhi....
kya upaaye kru jiwan ko khushaal or smridhr banane ke liye
सामान्य रूप से मंगल का ही सम्बन्ध मांगलिक दोष उत्पन्न करने वाला माना जाता है किन्तु वास्तव में अन्य ग्रह भी मांगलिक दोष उत्पन्न करते हैं.आपको जानकार हैरानी होगी कि गुरु भी ऐसा करते हैं.फिलहाल कुंडली का अवलोकन कर आपको मांगलिक माना जा सकता है,विवाह पूर्व योग्य ब्राह्मणों द्वारा उपचार कराएँ.
हटाएंतुला लग्न मैं १२ भाव मैं चन्द्र हे तो कोई सुजाव दीजिये
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
कार्य व्यवसाय हेतु बाहरी यात्राएँ (जल सम्बन्धी) करनी पड़ सकती हैं.आँखों का ध्यान रखें.
हटाएंकुंडली मैं कौन सा गृह अस्त है कैसे पता चलता है
जवाब देंहटाएंसामान्यतः कुछ डिग्रियों में इनका विभाजन है किन्तु समझने के लिए आप मान लीजिये कि सूर्य से आठ डिग्री आगे तक या सात डिग्री पीछे तक ग्रह को अस्त माना जाता है.
हटाएंगुरुजी नमस्कार मेरा नाम Piyush है और मेरा जन्म 10-10-1988 को 12:05 AM बजे स्थान Shahpura Distt. Jaipur ( R.J) हुआ है।गुरुजी मै मेरी शादी और नौकरी के बारे मे जानना चाहता हु की इस वर्ष मेरी शादी होँगी या नही और क्या मुझे नौकरी लग सकती है।
जवाब देंहटाएंप्रत्युत्तर दें
गुरु जी सादर प्रणाम कृपा कर के मुझे अपनी कुंडली के बारे में बताये मेरे जीवन में सौभाग्य का समय कब आएगा और मेरे लिए जॉब अच्छा रहेगा या कोई व्यापार क्यों की मेरी कुंडली में गुरु बिगड़ा हुआ है इसलिए आप कृपा कर के इसके लिए कोई उचित उपाय बताये मेरे ऊपर काफी कर्ज हो चूका है और आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब है मेरा डिटेल इस तरह है आप कृपा कर के समय निकल के इसका निदान बताये की मेरा अच्छा समय कब आएगा
जवाब देंहटाएंname - umesh kumar
date of birth - 26-05-1987
time of birth- 11:40 in night
place of birth - bikaner (rajasthan)
umeshkumar874@gmail.com
वर्तमान में आप राहु में शनि का अंतर पिछले वर्ष के मध्य से भोग रहे हैं। आय भाव में विराजमान लग्नेश व धनेश शनि को सामान्यतः धन के लिए शुभ ग्रह के रूप में देखा जाना चाहिए किन्तु यहाँ शनि की वक्रता व आयेश भौम का छटवें भाव में होना धन आने से पहले ही उसके जाने के रास्ते खोल देता है। समस्या धन आने की कदापि नहीं है अपितु धन के स्थिर होने की है। गोमेद रत्न धारण करें ,नियम से पीपल के वृष पर हर मंगलवार सरसों के तेल का दीपक जलाएं। मंगलवार के व्रत करें व मांस मदिरा का उपयोग कदापि न करें। प्रभु ने चाहा तो अगले वर्ष की जुलाई से हालात पर आपका पूर्ण नियंत्रण होगा।
हटाएंगुरूजी सादर प्रणाम एवं मार्गदर्शन के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपने जो उपाय बताये है मैं उन पर अमल करुगा आप कृपा कर के ये बताये की मुझे कोई व्यापार करना चाहिए या मेरे लिए नौकरी सही रहेगी अगर व्यापार उचित हो तो किस वास्तु का करू आपकी अति कृपा होगी ... सादर चरण स्पर्श
हटाएंउमेश कुमार शर्मा
janm dt.09/11/1969, kartik budi amawasya, ratri 24.10,gangapur city(rajasthan)dis.sawaimadhopur,(nearst city.karauli)
जवाब देंहटाएंguruji is samay hum itni pareshaniyo se gujar rahe hai ki hum apko unka thode se shabdo me byan nahi kar sakte hai. kriya aapki kripa ho jawe to hum apka bahut abhar manenge.laxmi.
guruji ek baat hum aapse aur kahna chahenge ki hamari kundali kai pandito ne banai lekin har dusra pandit us kundali ko galat bata deta hai,kyoki hamara janm ratri 1 baje ke bad huaa tha jis karan agla din suru ho jata hai . kriypa aap hamar samadhan kare.laxmi
जवाब देंहटाएंआपका जन्म कर्क लग्न में तुला राशि व स्वाति नक्षत्र में हुआ है ,कर्क स्वयं में शापित लग्न है व स्वाति के लिए उल्लेख मिलता है कि "धारा नैव पंतति चातकः ,मुखे मघस्य कि दूषणम्
जवाब देंहटाएंयत्न पूर्वक विधिना ललाट लिखितं ,तन्मार्जित किं क्षम: " अर्थात नदी के किनारे बैठ कर भी चातक पक्षी प्यासा ही रह जाता है। यही भाग्य है। कुंडली की विवेचना की जाय तो आप दैवीय अंशों को प्राप्त हैं ,देवताओं के कुल से आपका सम्बन्ध है,व शापित अवस्था को प्राप्त हो आपने ये जन्म लिया है। इसलिए कुछ कष्ट तो प्राप्त होने ही हैं। राम का जन्म याद कीजिये। सन 2002 से शनि की दशा समस्याओं की जनक मानी जा सकती है ,किन्तु आपने अधिक प्रभाव सं 2012 में सूर्य के अंतर से आरम्भ किया है। शिव की भक्ति कीजिये ,वो नीलकंठ हैं। आपकी शापित कुंडली को योगों में प्रवर्तित करना उनके लिए सहज है। संभव हो तो एक बार रामेश्वरम की यात्रा कर आएं व वहां किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा विधिपूर्वक रुद्री पाठ अपने निमित कराएं। पंचमुखी रुद्राक्ष की माला गले में धारण करें। आपके स्वास्थ्य ,दाम्पत्य व धन सम्बन्धी सभी सदमस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। ध्यान रखियेगा की किसी भी प्रकार की बुरी भावना मन में रखने से आप अपने योगों को खराब कर देती हैं ,अतः आप जितना परहित में कार्य करेंगी ,उतना प्रभु की कृपा आप पर होगी। मोती व पुखराज एक साथ पूर्ण प्राणप्रतिष्ठा के सत्तरह धारण करें ,ये आपको ह्रदय ,मुक़दमे व कार्यस्थल की समस्त समस्याओं में सहायक होगा।
guruji aapne bahut kuch sahi samadhan bataya. uske liye apka mae dil se abhari hu.guruji is samay hamara swasthya to kharab hi chal raha hai,kafi chekup kara liye lekin koi bhi treatment sahi nahi ho pata.hum dono pati patni isi tarah bimar rahte hai. sath hi hamara bahut sara paisa kisi company ne rok rakha hai,kripya in samasyao se hame kab tak mukti milegi.kripya hamara mansik santulan ko santulit kare. aapki badi meharbani hohi.hamari detial punh likh raha hu.
हटाएंname-laxminarayan
d.o.b.-09/10-11-1969
samay ratri 12-10(09-11-1969)
gangapur city.(rajasthan)dis-sawaimadhopur.
प्रणाम गुरूजी
जवाब देंहटाएंNAME PAWAN KUMAR
D.O.B 17-08-1991
TIME 07.35AM
PLACE BERHAMPUR-ORRISA-INDIA
PLEASE HELP ME .........
I AM VERY DISTURB FROM 2009 IN EVERY MATTERS,I AM FACING LOTS OF HURDLES IN MY
CAREER GROWTH. I AM FAIL IN LAST YEAR(B.COM 2YEAR).I WANT TO KNOW WHAT IS REASON FOR
ALL THIS THINGS HAPPEN TO ME?
मुझे sarkari नौकरी करना ठीक रहेगा या प्राइवेट नौकरी ? और kab तक मिलेगी ?
PLEASE HELP ME AND REMOVE ME FROM THIS OBSTACLES. I AM VERY THANKFUL TO U.
माणिक धारण करें.
हटाएंthanks guruji.........par job govt karna theek rahega ya private aur kab milegi?
हटाएंguru jee charan sparah meri d.o.b. 15./11/1973 time 6pm.place mandla m.p. hai. muchhe lagta hai.ki mere soche hue karya poore nhi ho rahe hai. menat ka poora phal muchhe nhi mil raha hai. dosro logo se kam krwane me muchhe kathinai hoti hai.samne wale se bat karne kam lete samy man ke ander bhay sankoch ya bat nh bana pane me asphal ho raha hun .ak kam karte samay doosre kam ki chinta knyo hoti hai.dat ker kathinai ka mukabla mehnat karne ke bad bhi nhi kar pa raha hu .mehnat mere karne per wah wahi dosra leta hai. krpya karan ke sath me samadhan batane ki krpa kare.mehrbani hogi
जवाब देंहटाएंguru jee pranam dob. 15/11/1973 time 6pm mandla m.p. mera socha huwa kam nhi bante hai. bahut mehnat karne ke bad bhi phal nhi milta hai. age badhne ke bad peechhe ho raha hun.sabse badi samsya doosro se apna kam nhi bawa sakta.doosre ke samne man me der ghabraht sankoch hota hai ya phir dimag hi kam nhi karta hai.menat karne ke bad prtiphal nhi mill raha krpya karke karke karan ke sath samadhan ya upay batane ki kripa karne .
जवाब देंहटाएंguru jee pranam mere putra ki d.o.b. 26/05/199 time 7.20 am. nainpur distt.mandla madhya pradesh hai pahle vah padhne likhane me achha tha .ab uska man ptadhai me nhi lag rha hai krpya uptay batane ki krapa kren.
जवाब देंहटाएंguru jee pranam krpyakarke mere prashno ka samadhan kre,
जवाब देंहटाएंपंडित जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंपंडित जी कुंडली मैं कैसे पता किया जाये के शनि देव साढे साती के दौरान कौन सी सावरी पे विराजमान हो के आ रहे है.
मुझे किसी ने बोलो है के शनि देव साढे साती मैं हर कुंडली मैं अलग अलग साँवरियो पे विरजमान हो के आते है और उनके अलग अलग फल मिलते है. हम किस तरह शनि देव की सावरी की calculation कुंडली अनुसार कर सकते है.
धन्यवाद
क्षमा कीजियेगा ,आपका प्रश्न को समझ नहीं पा रहा हूँ मैं.
हटाएंप्रभु जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंक्षमा करे मेरे उलझे हुए सवाल के लिए, मैं आप को थोड़ा विस्तार से बताता हू.
शनि की सड़ेसती मैं शनि का आप की कुंडली मैं अगल अलग वाहनो पर बैठ कर प्रवेश से सड़ेसती का आप पर अलग अलग प्रभाव
अगर शनि देव गधे पर सवार हो कर आप की कुंडली मैं आये तो परिणाम अच्छे नहीं होते और बहुत अधिक मेहनत के बाद सफलता करनी पड़ती है.
अगर घोड़े पर सवार हो कर आये तो इसका फल बहुत सुबह होता है इस से ऊर्जा और साहस मैं वृद्धि होती है. जीवन की सारी मुश्किलें हल होती है और शत्रु नाश होता है, लेकिन इस दशा मैं अहंकार से बचे नहीं तो नुक्सान होगा
अगर शनि देव हाथी पर सवार हो कर आये तो इस का परिणाम बिलकुल अच्छा नहीं होता,इंसान जो भी करता है उसका उल्टा ही होता है
अब हम किस तरह और कहा कुंडली मैं देख सकते है के शनि देव कौन सी सवारी पर आये है
पंडित जी,
जवाब देंहटाएंमेरा नाम: गौरव शर्मा
जन्म की तिथि: 10 /06 /1983
जन्म का समय: 12 : 25 AM
जन्म का स्थान: आगरा (उत्तर प्रदेश)
प्रभु जी मेरी शादी दो साल पहले हुई थी, मैने love marriage की थी, मेरी जब से शादी हुई है मुझे अपनी पत्नी से सुख नहीं मिल पा रहा है. हम दोनों मैं लड़ाई झगडे नहीं होते पर वो पत्नी धर्म का पालन नहीं करती है. जो सुख एक पति को पत्नी देती है वो मुझे नहीं मिल रहा है. हमारी कोई औलाद भी नहीं है, मैं कया करू की मुझे पत्नी सुख मिल सके.
कृपा करके मुझे क्षमा करे अगर मैं बहुत जयदा सवाल कर रहा हू.
धन्यवाद
धन्य हैं आप और धन्य है वो जिसने आपको ऐसा कहा है.मेरी तो हंसी ही नहीं रुक रही है गौरव जी.खैर इसका जवाब आप उन्ही महाशय से पूछें जिसने ऐसा कहा है आपको.मेरा अध्ययन अभी इतनी गहराई में नहीं पहुंचा है.
जवाब देंहटाएंप्रभु जी,
जवाब देंहटाएंकृपा करके मेरे दवारा १७/०९ को ९:०६ पर पोस्ट किये हुए प्रशन का भी उत्तर दे दे
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
guru ji pranam,
जवाब देंहटाएंmera nam ravi hai mujhe janana hai ki meri kundali me sarkari naukri ka yog hai ya nahi
my details are
13/11/1987 23:25
marg d
guruji namaskar.
जवाब देंहटाएंaapke bahut sare lekh padhe aapka samadhan wastav me bahut hi rochak hai.bina koi jayda karya batate hue aap jo bhi samadhan batate hai wo ham jaise sadharan logo ke liye wastav me anukul hai. ham aapka koti koti dhanywad karte hai.
guruji ham aapse ek chota sa nivedan karna chahte hai agar aap ki kripa ho jawe to aap hamari jighyasa hal kare.
name-laxminarayan bansal
d.o.b. 9/10-11-1969
ratri-12.10 (dt.09-11-1969 ki ratri)
sthan-gangapur city.(rajasthan)
lagna--kark
rashi--tula
nathatra--vishakaha-1
2ndbhavme--ketu
3rd bhavme-guru
4thbhavme-sun,sukra,chandra,budh
7 th bhav me-mangal
8 th bhav me-rahu
10th bhav me-shani
guruji ham janna chahte he ki hamara bhagyaoday kab hoga, kis tarah ka vpar kare aur kis sthan par kare.na hamara swavaym ka makan hai aur na hi dukan ,hamara batwara bhi nahi huaa,is samay hamare pas koi rojgar bhi nahi hai,bimari se alag pareshan rahte hai,hamare dwara kai logo ka invest kiya gaya paisa fansa huaa he.samajh me nahi aata ki kya kare.agar aapki kripa ho jawe to kuch rasta nikalne ka kasht kare.shivji aap par kripa kare.
guruji pranam,
जवाब देंहटाएंaap ne bahut logo ka samadhan kiya agar aapki kripa ho jawe to hamara bhi ek chota sa samadhan kare.aapki kripa hogi.
hamre do bachche hai jisme ek boy aur ek girl he. unki aage konsi line achche rahegi.unki kudali is prakar hai--
1- boy--lagna-dhanu,rashi-mesh,nathara-bharni-3
lagna se 2nd bhav me-ketu
5th bhav me-shani,guru,chandra
6th bhav me-shukra,surya,mangal
7th bhav me-budh
8 th bhav me-rahu.
2-girl---lagna-mithun,rashi-mesh,nathara-bharni-1
lagna se 3 rd bhav me-rahu
8th bhav me-shukra
9th bhav me-ketu,guru
10 th bhav me-budh,surya,mangal,shani
11th bhav me-chandra
guruji aap ki in par kripa ho jawe to aaki meharbani hogi,aapke bataye anusar in bachcho ka kalyan ho jawega.hamari arthik sthiti achchi nahi he ,ham sadharan pariwar se he.aap log ashirwad dekar hame kritharth kare.asha
guruji hamare liye kuch samay nikalne ka kashat kare.
हटाएंआप मात्र दोनों का जन्म विवरण प्रेषित करें
हटाएंआपने दोनों बच्चो का जन्म विवरण देने को कहा है.यह इस प्रकार है.
हटाएं१-लड़का-नाम-ऋतिक
जन्म समय -२२.११ , स्थान-गंगापुर (राजस्थान),दिनांक -३१-०५-२०००
२- लड़की-नाम-अम्बिका
जन्म समय -११.२७ ,दिनांक-३०-०३-१९९८ ,स्थान-गंगापुर सिटी (राजस्थान)
श्री मान जी,
जवाब देंहटाएंनमस्कार, कुंडली मैं किस तरह पता किया जाये के ग्रहचाल काया है, यानि कौन सा ग्रह वर्तमान मैं कौन से भाव (घर) मैं है और भविष्य मैं कौन से भाव मैं होगा.
धन्यवाद
लग्न व चन्द्र लग्न को आधार मानकर वर्तमान में ग्रहों को जिस राशि में हैं, समझना चाहिए।
हटाएंGuruji pranam,
जवाब देंहटाएंmera janm 3 july 1997 ko rat 12 baje hua hai ,main ye janana chahata hoon ki meri actual rashi kya hai?
आपका चयन प्रकृति ने मिथुन राशि व मृगशिरा नक्षत्र में किया है.
जवाब देंहटाएंनमस्कार ,
जवाब देंहटाएंलग्न कुंडली में मांगलिक योग नहीं हो एवं चन्द्र कुंडली में मांगलिक योग उपस्थित हो तो ऐसी स्थिति में क्या जातक का विवाह मांगलिक कन्या से किया जाना चाहिए।
धन्यवाद,
विश्वास
नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंमेरा जन्म 23-12-1979 को प्रातःकाल 04:32 को स्थान हरदा मध्य प्रदेश में हुआ हैं
निवेदन हैं कृपया मुझे मेरे विवाह , नौकरी / व्यापर , परिवार , पैतृक सम्पति योग सम्बंधित जानकारी देवें।
धन्यवाद ,
विश्वास
लग्न कुंडली में मांगलिक दोष होने से उसकी कन्फर्मेशन के लिए नवमांश व् चन्द्र कुंडली को बांचा जाता है.यदि लग्नाङ्ग में ही मंगल दोष नहीं है तो दोष खोजने की क्या आवश्यकता है?
जवाब देंहटाएंGuruji parnam
जवाब देंहटाएंMera nam sushil
Time 4:10am
Date 26-2-1985
Place bikaner rajasthan
Guru ji pls mere bare m kuch khas bat bataye me dusro p nirbhar q hu me apne aap pe nirbhar rahu aisa kuch upay batao ghar parivari ki jimmedari uthane layak kese ban sakta hu
दूसरों को खुश करने में अपनी शक्ति,धन व समय आप जाया कर रहे हैं। कामुकता का त्याग कीजिये ,बाहरी लोगों को इम्प्रेस करने की प्रवृति पर अंकुश लगाइये। पुखराज धारण कीजिये व बुधवार के २१ व्रत हुए तुलसी की सेवा कीजिए. साल भर में चमत्कार अनुभव करेंगे।
हटाएंधन्यवाद गुरूजी आपने मेरे सवाल को अपना बहुमूल्य समय दिया
हटाएंGuruji pukhraj kitne wajan ka pahnu or apne kuch khas baat bataiye mree bare me
हटाएंOr guruji mere pass paisa ata hi nai h
pandit jee pranam dob15.11.1973 6p.m.mandla m.p. hai. lagnesh 6th bhav me ayesh 6th bhav me .to kya karyo me rukavat ati hai. krapya margdarshan karne ki krapa kare.
जवाब देंहटाएंpandit jee pranam nivedan me thoda sudhar hai.lagnesh 8th bhav me ayesh our panchmesh 6th bhav me.nawmesh 2nd bhav me to kya bhagya bandh jata hai. me koi bhi kam bante nahi hai.kathinaiya bahut ati hai atm nirbhar kaise bansakta hun krpya samya nikalkar margdarshn kare.
जवाब देंहटाएंpandit ji pranam karpya samay nikalker koi esa upay bata do jisse main atm nirbhar ban sanku.pranam
जवाब देंहटाएंpandit jee pranam ,main viklang hun ditjee,isliye sabhi log majak me lete hain, krpyaker samay nikal kar madd kare.to apki mehar hogi.
जवाब देंहटाएंguruji mera naam - ASHOK KUMAR RAGHUVANSHI
जवाब देंहटाएंHAI
MERA JANM VIVRAN NIN PRAKAR HAI:
DATE OF BIRTH- 25/12/1975
TIME RATRI: 10.10 BAJE
JANM STHAN: CHHINDWARA, MP
ABHI MAIN BAHUT PRESHANI MAIN HOON , HAMESHA DAR LAGTA HAI NAUKARI JAYEGI, TARAH TARAH SE MANSIK ROP SE BHI PRESHAN HOON. BIMARI SE KAB THEEK HOUNGA AUR NAUKARI BAKI JEEVAN KAISA RAHEGA.
MERA JANM:
जवाब देंहटाएंDATE: 25/12/1975
TIME RATRI- 10.10 BAJE
JANM STHAN - CHHINDWARA, MP
GURUJI MERE NAUKARI AUR BAKI JEEVAN KE BARE MAIN BATAYEN, ABHI MAIN MANSIK AUR SHARIRIK DONO KASTON SE PRESHAN HUIN.
पंडित जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंमेरा नाम जय ओम शर्मा है.
जन्म तिथि 08 / 01 /1982
जन्म स्थान: आगरा, उत्तर प्रदेश
दोपहर के 12 : 30
सर जी मैं पिछले 3 साल से ऑस्ट्रेलिया जाने की कोशिश कर रहा हु, पर मेरा वीसा नहीं लगता है. मेरा भाई और बहन दोनों ही ऑस्ट्रेलिया मैं रहते है. मेरा काम कब बनेगा और इस के लिए कोई उपाए बातये. मैं आप का बहुत आभारी होगा.
धन्यवाद
सात तुलसी के पत्तों में सात हरी इलायची रखकर प्रत्येक बुधवार साफ़ चलते पानी में बहाएं , शीघ्र इच्छा पूर्ण होगी …
हटाएंधन्यवाद पंडित जी
हटाएंRespected Sir,
जवाब देंहटाएंMy Name is Gaurav Khandelwal. My Date of Birth on July 09, 1990 at 6.30 AM at Agra (Uttar Pradesh), India. I am facing a lot of problems since my childhood and still i am not place at a good position in my carrier.
Pleas help me for my carrier.
GAURAV KHANDELWAL
gaurav9raj@gmail.com
Guruji,Mera naam Ajit Gupta hai.Meri DOB:08 Aug. 1982,Birth time:12:22 p.m. (Day time),Birth place: Hamirpur (UP) hai.
जवाब देंहटाएंKripya bataye meri shadi kab hogi aur kya arrange hogi?
सन २०१३ -२०१४ के मध्य विवाह हो जाना चाहिए था अजित जी,खैर अब योग बन रहे हैं ,प्रभु की कृपा से इस वर्ष के अंत तक विवाह तय होकर अगले वर्ष की गर्मियों से पहले आप दूल्हा बन रहे हैं।
हटाएंNamste panditji
जवाब देंहटाएंName : Jagdish Malaviya.
DOB : 22/7/1992, Time : 11:10 PM, Place : pali(Rajasthan)
Guruji me accounts line me hu. Me bahut pareshan rehta hu Aur koi achhi job nahi mil rahi he.
Guruji mera Future kaisa rahega. Kripyaa karke bataiye
आप भविष्य में वतिक्रम से सरकारी नौकरी प्राप्त करेंगे ,संभवतः सूर्य की महादशा सं २०१७ के पश्चात कभी भी ऐसा योग उत्पन्न करे। वतिक्रम का अर्थ अपने पिता के बदले नौकरी करना ,कोर्ट की हस्तक्षेप के बाद नौकरी मिलना ,कहीं संविदा पे लगने के बाद पक्का होना आदि को कहा गया है.
हटाएंNamste panditji
जवाब देंहटाएंName :Deepak Raj
DOB :17-11-1991, Time :10:50 PM, Place : Jaipur(Rajasthan)
Guru ji mere kundli me vedesh yatra ya abroad settlement ka yog h ya nhi agar hai to kya upay h plese Kripyaa karke bataiye
Namste panditji
जवाब देंहटाएंName :Deepak Raj
DOB :17-11-1991, Time :10:50 PM, Place : Jaipur(Rajasthan)
Guru ji mere kundli me vedesh yatra ya abroad settlement ka yog h ya nhi agar hai to kya upay h plese Kripyaa karke bataiye
आपका विदेश यात्रा करना उतना ही तय है जितना सूर्य का पूरब से उदय होना। संभवतः २०२२ के आस पास ये योग बने ,शीघ्र योग हेतु पुखराज धारण करें।
हटाएंNamste GuruJi
जवाब देंहटाएंName : Gaurav Khandelwal
DOB : 09/07/1990, Time : 06:30 AM, Place : Agra (U.P.)
Guruji meri job time-to-time badalti rahti h. Main kab tak sattle ho paunga.
Kripya kr mujhe batayen.
आपको चाहिए कि तकनीकी विषयों से( मैकेनिकल आदि).स आगे सरकारी नौकरी का प्रयास करें।अगर आपके पैर में कोई समस्या नहीं है तो आप सरकार से डिफेन्स सम्बन्धी विभागों से जुड़ने का प्रयास करें। कर्क लग्न है तो वनवास जरा भोगना तो है ही मित्र। भगवान ने चाहा तो २०१८ से पूर्व ही आप व्यवस्थित हो जाएंगे। शनि वक्री है तो जाहिर रूप से स्वयं की शारीरिक मेहनत फलदायी नहीं होती। आपको लोगों से काम लेना है ,आप करवाने वाले हो सकते हैं किन्तु जहाँ करने का प्रयास करेंगे वहीँ नुक्सान उठाएंगे।
हटाएंआदरणीयं गुरु जी सादर परनाम मैंने आपका लेख पढ़ा बहुत अच्छा था मैं एक कुंडली के बारे में पूछना चाहत हूँ जनम तारीख २६-०८-१९७० टाइम १०.२९ रात की है अस्थान उत्तराखंड ,तिहारीगढ़वाल ,देवप्रयाग है इस कुंडली में आप देखके बताएं की इस कुंडली में कुछ अच्छा है या नहीं मैं, आप यह देख के प्लीज मुझे बताएं मैं आपका आभारी रहूँगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद माधव तिवारी
प्रश्न स्पष्ट नहीं है आपका …।जिस प्रकार का प्रश्न है उसके उत्तर के लिए मुझे सारे कार्य त्यागकर लगातार तीन दिन तक कुंडली बांचनी होगी।
हटाएंपाठकों से अनुरोध है कि कृपया अपने प्रश्न स्पष्ट करें
Guruji Pranam .... Mujhe Government Job Milegi ?????
जवाब देंहटाएंDOB 21/06/1993 Time 11 45 AM.......... Place Rajkot (Gujarat)
प्रयास करने पर सेना अथवा शिक्षा सम्बन्धी क्षेत्रों में सफलता का प्रमाण मिलता है। मूंगा धारण करें। भविष्य में चोटादि से बचें
हटाएंguru ji kya aap mere bhavisya k baare m vistaar se bta sakte hai ya jo m puchna chahta hu vo bta de...?
जवाब देंहटाएंguru ji kya mera bhavisya k baare m gherai se bta sakte hai aap...?
जवाब देंहटाएंगुरू जी चरण स्पर्श वंदना। आपके लेखों के द्वारा पता चलता है कि आप अपने अनुमागियों की समस्यों के प्रति कितना चिंतन रखते है। आप मानव जीवन के प्रति प्रशंसनीय कार्य कर रहे है। मेंरी समस्या है कि मेंरी जॉब में कभी भी स्थिरता नही रही है, अलग अलग फील्ड में जाब करी है और कही भी एक अच्छा मुकाम नही मिल सका। अभी भी सरकारी कार्यालय में एक कम्प्युटर ऑपरेटर हूँ। जीविका लेकर मेंरे जीवन में कब स्थिरता आयेगी।
जवाब देंहटाएंमेंरी जन्म ता० २६.१०.१९७९ है वार -शुक्रवार एवं जन्म समय रात्रि ९.०० बजे है। इसके अतिरिक्त मैं खुद ज्योतिष सीखने का पिपासु हंँू और आपकी तरह लोगो को इस देवज्ञ ज्ञान से उनके दुखः को कुछ कम करता चाहता हंँू । क्या मैं इस विधा का ज्ञान प्राप्त कर पाऊंगा, क्योकी मेंरी कुन्डली में सहज भाव में गुरू के साथ राहु की युति भी बन रही है।
गुरू जी चरण स्पर्श वंदना। आपके लेखों के द्वारा पता चलता है कि आप अपने अनुमागियों की समस्यों के प्रति कितना चिंतन रखते है। आप मानव जीवन के प्रति प्रशंसनीय कार्य कर रहे है। मेंरी समस्या है कि मेंरी जॉब में कभी भी स्थिरता नही रही है, अलग अलग फील्ड में जाब करी है और कही भी एक अच्छा मुकाम नही मिल सका। अभी भी सरकारी कार्यालय में एक कम्प्युटर ऑपरेटर हूँ। जीविका लेकर मेंरे जीवन में कब स्थिरता आयेगी।
जवाब देंहटाएंमेंरी जन्म ता० २६.१०.१९७९ है वार -शुक्रवार एवं जन्म समय रात्रि ९.०० बजे है। जन्म स्थान-पनियाला (टिहरी गढ़वाल) इसके अतिरिक्त मैं खुद ज्योतिष सीखने का पिपासु हंँू और आपकी तरह लोगो को इस देवज्ञ ज्ञान से उनके दुखः को कुछ कम करता चाहता हंँू । क्या मैं इस विधा का ज्ञान प्राप्त कर पाऊंगा, क्योकी मेंरी कुन्डली में सहज भाव में गुरू के साथ राहु की युति भी बन रही है।
भगवती जी ,अन्यथा मत लीजियेगा,किन्तु इस समस्या का कारण आपकी कुंडली में चांडाल दोष का होना है,,,स्वाभाविक रूप से आप क्षमताओं के मामले में उच्च स्तर को हासिल करते हैं,किन्तु सूर्य नीच होना आपकी काबिलियत के साथ कभी न्याय नहीं होने का कारण बना हुआ है..ऐसे में चांडाल योग के फलस्वरूप आप कई बार उन सीमाओं का उल्लंघन कर जाते हैं,आपकी उपस्थिति आपके सीनियर्स व सहकर्मियों को कई बार काम्प्लेक्स दे देती है..आप उनसे अधिक काबिल हैं ये डर उन्हें सदा आपका विरोधी बना देता है व आप स्वयं भी कई बार अपने ज्ञान के आगे किसी को कुछ नहीं आंकते ,जिससे हालात कष्टदायी होते हैं.....पंचम में सूर्य की उपस्थिति वतिक्रम से सरकारी नौकरी पाने का कारण बनेगी...संविदा,अथवा किसी अन्य कोटे के तहत अथवा कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आप नौकरी को पक्का करवा लेंगे ऐसा तारों की गति संकेत दे रही है..एक पन्ना धारण कर लें व इसे 270 दिनों का समय दें....
हटाएंsir mujhe rog bhay lagta hai 25/04/1988 10:35 am agra
जवाब देंहटाएंkripya nidan batay bahut meharbani hogi
आप मूत्र स्थान संबंधी रोगों से सशंकित हैं,जिसका कारण कहीं से प्राप्त चूर्ण पुस्तिका का अल्पज्ञान है...पानी का सेवन अधिक करें..प्रतिदिन स्नान करें ,पन्ना धारण करें,,,आपको कोई समस्या नहीं आएगी विवाह के बाद(यही फ़िक्र हैं न बंधु)
हटाएंनाम जसराज पंवार, जन्म ता 05.08.1975 है मै सरकारी योजना मे अस्थाई नौकरी वर्ष 2008 से लगातार कार्यरत है मुझे वेतन कम मिल रहा है, और 2010 से अन्य सहपाठीयो के वेतन बढोतरी होती है मगर वेतन बढोतरी बिलकुल बन्द हो गई है, मेरे सरकारी नौकरी कब तक बनेगी या नही बनेगी, मार्गदर्श करे धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकृपया जन्म समय व जन्म स्थान बताएं
हटाएंगुरुवर चरण स्पर्श , मेरा नाम सूरज है व मै अध्यापक हूँ, मेरा जन्म 30 जून 1982 6:40 am को नजीबाबाद जिला बिजनोर उ० प्र० में हुआ था कर्क लग्न मेरी कुन्डली में है मै जानना चाहता हूँ के क्या मेरी सरकारी जॉब लगेगी या नहीं, किसी ने मुझसे कहा के मुझे मूंगा फल नहीं देगा क्यूंकि मंगल की दशा मेरी निकल चुकी है क्या यह सही है ? मुझे ऐसा भी कहा के मेरा शनि खराब नहीं है और ये ही मुझे फल देगा अब,इसलिए मुझे नीलम पहनना चाहिए, लेकिन मेरे अपूर्ण ज्ञान के अनुसार शनि मेरा मारकेश एवं अष्टमेश भी है तो फिर यह कैसे सही है और क्या ये ही मेरी सहायता करेगा अब 2017 से जब शनि की दशा आएगी ? किसी से यह भी बताया के जब गुरु में मंगल की अन्तर्दशा आई थी तब मेरी सरकारी नौकरी का योग था, यदि ऐसा था तो फिर उस समय क्यूँ नहीं लग पायी? अभी दिसंबर में मेरा रीढ़ की हड्डी में fracture हो गया और तब से मै job भी छोड़े हुए हूँ , अभी तक सही भी नहीं हो पाया हूँ , मैंने दो साल पहले महामृत्युंजय यज्ञ भी करवाया था अब मुझे क्या करना है , कृपया मार्गदर्शन करें
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतीक्षा में
पंचम से शनि का गोचर अपनी तीसरी दृष्टि से सातवें भाव अर्थात कमर जोड़ व मेरुदण्ड को चोट दे गया। नवमांश व लग्न दोनों में सूर्य की स्थिति मजबूत नहीं है अतः सरकार से किसी प्रकार के लाभ प्राप्ति के आसार कम हो जाते हैं ..... आखिरी आस तृतीय से अपने दशम भाव को बल देते मंगल पर ही है .... आप मूंगा ,माणिक ,मोती व पुखराज एक साथ लाकेट में जड़वाकर धारण करें। गलती से भी नीलम उपयोग न करें..... गेहूं व गुड का हलवा प्रत्येक रविवार गरीब को खिलाएं ...
हटाएंpranam guri sadar charan sparsh mera name paras jain meri date of birth 3 feb 1985 birth time 19:09 PM birth place kaimganj uttar pradesh hai mera question ye hai ki kya meri kundli me goverment teacher ki job ka yog hai aur mera vivah kab hoga. agar meri kundli me koi dosh ho to uska upay bataye aapki mahaan krapa hogee guru ji
जवाब देंहटाएंNamskar pandit Ji ham aap she chota sa prashn karna change hai
जवाब देंहटाएंName - pvan
Date of birth - 08-09-1945
Time - 03:40:00pm
Janm asthan - pabjab
Hame inke bare me yha janna hai ki kot kachari Ka kam Jo chal raha hi kab hamre pacha me hoga ya nahi
फरबरी 2017 के बाद आप अपनी समस्याओं से मुक्त हो जाएंगे....निश्चिन्त रहें..
हटाएंnamste guru ji...
जवाब देंहटाएंmera nam pushti hai mera d.o.b 16 june hai birth place kota hai
mre husbnd or mri blkul b ni bnti hai... plzzz mri kundli dekhkr ap mje upaay btaie
पंडित जी, प्रणाम !
जवाब देंहटाएंमैं 27 वर्ष के जीवन में सभी प्रकार के कष्ट उठा चूका हूँ . पिता और बहन की असमय मृत्यु, माता की लम्बी बीमारी, पैत्रिक संपत्ति का पूर्णतः विनाश, ट्रक और अन्य व्यवसायों में घोर असफलता आदि से मैं बहूत टूट चूका हूँ. अनेक पंडितो और ज्योतिषियों पर भी लाखों रूपए खर्च कर चूका हूँ लेकिन मेरी कुंडली का सही विश्लेषण और समाधान न हो सका.
मेरी शादी हो चुकी है और एक बच्चा भी है, अब उनकी चिंता है.
किस काम में सफलता मिल सकती है ( वर्तमान में शेयर बाजार सीख रहा हूँ )
कृपया मेरा मार्गदर्शन करें.
नाम - Santosh Gupta
दिनांक - 06-08-1989
समय - 01:35 AM ( 05-06 Aug )
स्थान - Raigarh C.G.
( वृषभ लग्न , कन्या राशि , उ . फाल्गुनी नक्षत्र )
आप अपने कारक ग्रह शनि के कमजोर रह जाने का खामियाजा भुगत रहे हैं.यहाँ समस्या ये आती है कि वृष लग्न के कारक ग्रह शनि का उपाय यदि ज्योतिषी आप से करा रहा है तो स्वाभाविक रूप से वो आपको नक्षत्र के स्वामी सूर्य के विपरीत ले जा रहा है ,जो स्वयं सुखेश है...!दशम भाव पर राहु का प्रभाव सीधे चौथे भाव को जो कि बचपन है ,क्योंकि माँ की गोद है ..को प्रभावित कर रहा है.अतः कम उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ आना निश्चित था...आप वर्तमान में पंचमेश के व्यापार में संलग्न हुए हैं किंतु इसका अपने से द्वि दाशक होना इस कार्य में बहुत सहायक होगा इसने संदेह है...आप लौह धातु अथवा कंस्ट्रक्शन से सम्बंधित कार्य करें..मैन पावर सप्लाई,सिक्योरिटी एजेंसी ,अथवा गाड़ियों का कार्य आपको माफिक या जाएगा..काले रंग का उपयोग अधिक करें..कटैला अथवा नीलम का कोई भी उपरत्न धारण करें ,,व योग्य ब्राह्मणों द्वारा गजेंद्र मोक्ष का पाठ करवाएं अथवा स्वयं करें 180 दिन तक...प्रभु सहायक होंगे
हटाएंपंडित जी ,
जवाब देंहटाएं- मैं पहले ही ट्रक व्यवसाय में अपना सब कुछ खो चूका हूँ .
- नवमांश कुंडली में तो पंचम और एकादश भावों पर सूर्य-गुरु और मंगल-बुध की युति और दृष्टि हो रही है , तो क्या इससे पंचम भाव और एकादश भाव सम्बन्धी फल ( आकस्मिक आय और लाभ ) नहीं मिल सकते ?
प्रणाम पंडित जी,
जवाब देंहटाएंमेरी पुत्री का जन्म दिनांक 30 मई 2010 को सुबह 04:55am पर firozabad u.p.में हुआ है। ज्योतिष की अधिक जानकारी नहीं है किंतु रूचि के आधार पर जब उसकी कुंडली बनाकर देखी तो चौथे भाव में मंगल और अष्टम भाव में चंद्र राहु के साथ स्थित है। चिंता और आशंकाओं से व्यथित हो गया हूँ यद्यपि अभी तक सब सामान्य चल रहा है। भ्रमित हूँ कृपया द्रष्टि दिखाईये।
धन्यवाद ।
चंद्र व सूर्य आकाश में चमकने वाले दो ग्रह हैं तो राहु आकाश है शुक्ला जी ,अब यदि आकाश नहीं होगा तो इन ग्रहों की क्या बिसात???कन्या मूत्र संबंधी रोगों से ग्रस्त रहेगी,,,किन्तु जो शंका आप कर रहे हैं,उस पर यही कहूँगा कि कन्या अपने सहोदरों (सगे भाई बहनो) के लिए भारी रहेगी,......
हटाएंप्रणाम गुरूजी
जवाब देंहटाएंसादर वंदन !
किसी भी ब्लॉगपोस्ट पर एडमिन द्वारा इतना त्वरित प्रतिक्रिया को देखने का ये मेरा पहला अनुभव है । मेरी समस्या के समाधान के लिए अपने अमूल्य समय से समय निकाल कर मुझे दिशा दिखाने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ।
अभी दो महीने पूर्व ही मैंने ज्योतिष का अध्ययन पुस्तकों व विद्वानों के परामर्श से आरंभ किया है ।
और आरंभ में ही अपनी पुत्री की कुंडली बनाकर उसका समान्य अवलोकन करने से मैं चिंतित हो गया था । मेरी शंका का एक कारण और भी है।
दरअसल कुछ वर्षों पूर्व मेरी कुंडली देखकर किन्हीं ज्योतिषी महोदय ने संभाव्य संतान क्षय की आशंका जताई थी किंतु तब अप्रासंगिक होने के कारण इस पर विचार ही नहीं किया किंतु जब पुत्री की कुंडली देखी तो सशंकित हुआ।
मेरा जन्म 1 सितंबर 1983 को फिरोजाबाद (उप्र) में सुबह 0900am पर हुआ है।
अभी चार महीने पहले ही एक पुत्र का भी पिता बना हूँ। कृपया अरिष्ट के निदान का कोई उपाय सुझाईये गुरूजी।
एक निवेदन और है ....निश्चितरूप से आपके द्वारा दिए गए उत्तर के पूर्व भाग में जो राहु के आकाश की परिकल्पना वाली जो बात कही गई है वो मैं अल्पज्ञान के कारण समझ नहीं सका ।कृपया और प्रकाश डालियेगा ।
आपका कृपा कटाक्ष यों ही मुझ पर बना रहे।
पुनः बहुत-बहुत आभार !
नक्षत्र के प्रमाण व आपकी कुंडली के अवलोकन के पश्चात ये तो स्पष्ट है कि कन्या राहु चंद्र के योग को आपसे ही प्राप्त कर आई है,,,आप स्वयं तृतीय के प्रभाव से सहोदरों का अहित देख चुके हैं ,जिसकी ऊर्जाएं अचेतन मन को दुविधा से सदैव ग्रस्त रखती हैं,,,ग्रहण का सामान्य अर्थ ग्रहण करना होता है,,,चंद्र ने ग्रहण किया,,किससे??? राहू से,,,क्या???भ्रामकता....किसके प्रति???? सीधा सा जवाब है माँ व सहोदरों के प्रति,,,रोहिणी नक्षत्र का प्रमाण कई बार घर से दूर रहकर दूसरी माँ के आँचल की छाँव बनता है,,,सहोदरों के अलावा भी सगे बंधु प्राप्त कराता है,,,,किन्तु यहीं से कंस की कैद में सहोदरों की अल्पमृत्यु का कारक बनता है,,बहन के रूप में नामालूम ऊर्जाएं देर तक व्यथित करती हैं,,क्या आप इस बारे में (अपने भाई बहनो)कुछ जानकारी दे सकते हैं....पहले भी कहा ,कि कन्या सहोदर पर भारी हो सकती है...
हटाएंनमस्ते गुरूजी मैं सॅरभ एक astrologer फिलहाल अभी सीख रहा हूं और एक अच्छे गुरू को भी ढूंढ रहा हूं। मैं आशा करता हूं कि अाप मेरे गुरू बनकर मुझे सही जोतिष सिखाऍंगें।। मैं आप के फैसले का इंतजार कर रहा हूं।।
जवाब देंहटाएंसौरभ जी,ज्योतिष सीखना कोई बड़ी बात नहीं,,बस जतन से सीखें व जल्दबाजी न करें,सामान्यतः ज्योतिष का आरंभिक अध्ययन आपके शुरुआती 6 वर्ष मांगता है,,पश्चात निरंतर अभ्यास,,खूब पढ़िए,,बस ये सलाह है कि बस स्टैंड व स्टेशन में मिलने वाली चूरन छाप पुस्तकों को ज्योतिष मत समझियेगा,,,विश्वविद्यालयों में चलने वाली पुस्तकों से अध्ययन करें,,,,,,प्रभु सदा स्वयं आपका पथ प्रशस्त करे......
जवाब देंहटाएंpranam guruji,
जवाब देंहटाएंguruji meri dob 28/03/1992 hai. our samay 4:00 hai. mai ek company mai job karata hun lekin mai is job se santusth nahi hun. muze achhi company me job kab milegi.
krupaya margadarshan kare.
जन्म स्थान व समय सही से बताएं
हटाएंnamaste guruji
जवाब देंहटाएंपंडित जी, प्रणाम !
जवाब देंहटाएंपंडितजी मेरा नाम दिपक है.मेरी जन्म दिनांक 28/03/१९9२ है जन्म समय सुबह 4:00 है स्थान अहमदनगर, maharashtra है। छोटी सी कपनी मे जॉब करता हूं। 2014 से लगातार कार्यरत हूं मुझे वेतन कम मिल रहा है। मुझे अच्छा जॉब कब प्राप्त होगा।
कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।
मैं आपका आभारी रहूँगा ।
निराश न हों दीपक जी ,वर्तमान में राहु में सूर्य का अंतर बहुत सोच समझ कर चलने की मांग कर रहा है,बाहरी कारणों से अधिकारियों से बिगाड़ करना बेवकूफी होगी ,,साथ ही किसी भी प्रकार से मित्र व सहयोगियों से मनमुटाव न करें ,,,ध्यान लगाएं नित्य कुछ समय के लिए ,,इस समय नौकरी बदलने के लिए प्रयास न करें ,,,ये समय गुजर जाएगा व नवम्बर से थोड़ा पक्ष में होंगे जो अगले वर्ष फरबरी के बाद आपके लिए नई संभावनाओं के वाहक बनेंगे ,राहु में चंद्र भी आरम्भ होने वाला है ,मानसिक झंझावात व बानी हुई प्लानिंग्स का पूरा न होना इसके रूप में देखा जाता है। सब्र रखियेगा ,,संन 2018 में आपका परोक्ष या अपरोक्ष सम्बद्ध बाहरी शक्तियों ,देशों ,व नौकरियों से बनेगा ,,,,,एक अच्छा सा ओपल रत्न चांदी में दाहिने हाथ की तर्जनी में (अंगूठे के बाद की की पहली ऊँगली में ) धारण करें ,सामान्यतः ओपल अनामिका में धारण करते हैं ,किन्तु आप इसे तर्जनी में पहने ......प्रभु आपका सहायक हो,, प्रणाम
हटाएंGuruji namaskar,
जवाब देंहटाएंToday after reading your blog...i started looking life in a different way.
Guruji i got married in 2010 from then till now my life and i am suffering a lot.
Before marriage study, job , life everything was going fine but after marriage everything got changed.
At a point in life i tried to attempt suicide for two times in life.
I have a son he is also ADHD .
Guruji i just want to know if there is any end to my sufferings or i have to die like this.
My kundli details are
Dob 15 dec 1986
Place nabha punjab
Time 12.55 pm
Sex female
I would be highly thankful if you really really solve my problems.
Regards
Vandana
वंदना जी ,जिस दिन आपका चयन मीन लग्न में राहु के साथ हो गया था ,उसी दिन ये तय हो गया था कि आपकी संतान ( चंद्र की कर्क राशि पर आप राहु की दृष्टि पाती हैं ,व नवम अर्थात पंचम से पंचम में शनि बुध की युति है ) को स्नायु तंत्र व मानसिक व्यव्हार से सम्बंधित अस्थिरता से जूझना होगा ,,और स्पष्ट कहूँ तो आपकी समस्या का कारण भी अपरोक्ष रूप से इन्ही ग्रहों को माना जा सकता है। वास्तव में आप बहुत अधिक बारीकी से चीजों को देखती ,सोचती व रियेक्ट करती हैं ,,,आपकी सोच अमूमन अपने के समय से तीन साल आगे रहती है ,जिस कारण आपको सामंजस्य बैठाने में दिक्कत आती हैं। दिसम्बर 2015 के बाद से लग्नेश जो कि स्वयं द्वादश में है ,स्वयं के प्रबल शत्रु अष्ठम भाव का प्रभाव लिए दैत्य गुरु शुक्र से प्रताड़ित हो रहा है ,,जिस कारण हालात आपको अधिक कष्ट दे रहे हैं ,,,आप एक पाखी पुखराज पूर्ण प्राण प्रतिश्ठा के साथ धारण कीजिये। केले के वृक्ष में नित्य जल अर्पित कीजिये व केले का सेवन त्याग दीजिये ,,,कच्ची हल्दी की गाँठ पीले कपडे में बांधकर दाहिने हाथ की बाजू में पहनिए। ..अभी समय संयम की मांग कर रहा है ,,,परिस्थितियां आपको वापस एक प्रतिष्टित नौकरी पर संन 2018 के मध्य के बाद स्वयं सुशोभित कर देंगी,,,, पुत्र की जन्म तिथि आदि नहीं बताई आपने तो इस समय उसके लिए कुछ भी कहना सम्भव नहीं है ,,फिलहाल माँ की धारण की हुई चांदी में मोती बनाकर बच्चे को धारण कराइये व रात सोते समय उसका सिरहाना दक्षिण दिशा में रखकर सिरहाने की तरफ स्टील के खुले मुंह के बर्तन में बिना ढके पानी रखिये व प्रातः उस पानी को किसी भी पौधे पर डाल दीजिये ,,उस पानी को पियें नहीं ,ऐसा लगातार 90 दिन करें व फिर मुझे सूचित करें।
हटाएंगुरूजी मेरे बेटे का जन्मतिथि 09 12 2005 समय रात 8.45 है वह अपनी उम्र के हिसाब से मानसिक रूप से 3 या 4 साल पीछे चल रहा है। बताया जा रहा है कि उसकी जन्मकुंडली के हिसाब से नवम भाग में चंदमा पर राहु की छाया है।ऐसा होने पर क्या होता है और उपाय भी बताइयेगा ।मैं उसको लेकर बहुत चिंतित होता हूँ
जवाब देंहटाएंमेरे बेटे का जन्मस्थान अमरोहा उत्तर प्रदेश का है
जवाब देंहटाएंकर्क लग्न में लग्नस्थ शनि पर मंगल की दृष्टि व लग्नेश का राहु से प्रताड़ित होना ,घर में सामने की तरफ से निकलते नाली ,गड्ढे का पश्चिम में जमा होकर नकारात्मक ऊर्जाएं व दुर्गन्ध पैदा करना ,तथा घर से पूर्व दिशा की और पीपल के वृक्ष का होना ,,जिसपर की गई कोई मनौती माता अथवा दादी के द्वारा पूर्ण न करना ,इस रूप में देखा जा सकता है। बच्चे को मूंगा व मोती एक साथ गले में धारण कराएं व चींटियों को चीनी का बूरा बच्चे के हाथ से डलवाएं ,ग्रहण की शान्ति केरलीय विधि से योग्य ब्राह्मणों द्वारा नक्षत्रों का ध्यान देकर ,योगादि से समृद्ध दिन करवाए .... उपाय नित्य कीजिये ,अवस्था बढ़ने के साथ साथ अपनी युवावस्था में आपका पुत्र अपनी गति से आगे आने लगेगा।
हटाएंजन्म समय दोपहर 1 बजकर 41 मिनट दिन 02 दिसम्बर 1992 नाम मनीष मिश्र
जवाब देंहटाएंस्थान - सतना(मध्यप्रदेश)
मेरा प्रश्न है की क्या मुझे अच्छी सरकारी नौकरी लगेगी??
मैं मेहनत करता हूँ। जो कम की शुरुआत करता हूँ आगे चलकर अड़चन आती है।
क्या मैं इस समय माणिक्य धारण कर सकता हूँ।
प्रणाम
हटाएंआदरनिया मेरा सादर प्रणाम.
जवाब देंहटाएंमेरी ज्योतिष विज्ञान में आस्था और गहरी रूचि है।
मै अपने कैरियर को लेकर बोहत परेशां हूँ. 2015 में मैंने अपना post graduation complete किया है. और कुछ महीने पहले 23 जुलाई 2016 को मेरे पिता का स्वर्गवास हो गया. घर मै बरी होने के घर की आर्थिक जिम्मेदारी भी मुझ पर ही है। पिछले साल से बैंक की तैयारी कर रही हूँ, मगर दुर्भाग्यवश कोई सफलता नहीं मिल रही है. मुझे सफलता कभी मिलेगी भी या नहीं? कृपया मार्गदर्शन करे . . .मेरे जन्म का विवरण इस प्रकार है
NAME: NEELIMA
DOB :18-02-1990
BIRTH OF PLACE :MUNGER
TIME:16:15
आप एक मूंगा धारण करें व बैंक के अलावा भी सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करें ,,,, गुरु वक्री हो गया है ,यही असल समस्या है। ..सम्भव हो तो गुरुवार के दिन १० अंधों को एक पंक्ति में बैठाकर भोजन करा दें ,,पैसे नहीं दें। ... ऐसा करके घर भी नहीं पहुंचोगे कि सर्विस जोइनिंग लेटर हाथ में होगा,,
हटाएंpranam guruji,
जवाब देंहटाएंmain jyotish seekhna chahta hun aur isiliye internet par jyotish ke lekh padhta rehta hun. guruji meri ek samasya hai agar aap nivaran karen to bahut hi ehsaanmand rahunga.
meri badi bahan ki kundli me ketu aur mangal dhanu lagna me viraajman hain. uski shaadi ke liye gharwale bahit pareshan hain. uski shaadi me mangal aur ketu ya rahu me se kaun adchan kar rha hai kripya batayen . aur ek bat wo gusse me vaani par control nahi rakh paati. aisa kyon hai. shaadi kab tak hogi. ladka kaisa hoga(work, vichar, ghar).
meri bahan ki details is prakar hain
DoB- 26 october 1982
11:55am
Jaipur, Rajasthan
Kripya mujhe iske bare me upay bataye, dhanyawad.
Jitender
कन्या पूर्ण रूप से मांगलिक है..ग्रह योग के अनुसार वैसे भी 28 वें वर्ष से पूर्व विवाह नहीं होना चाहिये था अन्यथा सम्बन्ध विच्छेद की नौबत आती..खैर अभी सम्बन्ध तय होने का गोचर आरम्भ हो गया है,,,अगले वर्ष सितंबर से पूर्व विवाह जन्मस्थान से दक्षिण पूर्व की ओर ,फाइनेंस अथवा कम्युनिकेशन क्षेत्र से जुड़े जातक के साथ संभव है..कन्या को पुखराज सवा आठ रत्ती धारण कराएं व 5 बुधवार सवा सौ ग्राम कोयला चलते पानी में बहा दें..
हटाएंपंडित जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंमेरा नाम
Gorav Sharma
25/06/1983
जन्म का समय: 12:15 A.M
जन्म का स्थान: आगरा उत्तर प्रदेश
पंडित जी काफी लंबे समये से पैसे का नुक्सान बहुत हो रहा है. कमाई से ज्यादा नुक्सान हो जाता है
कोई हल बताये ताकि नुक्सान से बच सकु
धन्यवाद
पंडित जी
जवाब देंहटाएंमेने अपनी जन्म तिथि ग़लत लिख दी थी
10/06/1983 मेरी जन्मतिथि है
Please मेरी समस्या का कोई समधान बतायें मैं आप का बहुत आभारी होगा
धन्यवाद
गौरव साहब,,अभी तो कष्टदायी समय आना बाकी है,,,सूर्य व चंद्र का अंतर मानसिक ,,शारीरिक समस्याओं के साथ ही परिजनों के स्वास्थ्य के लिए 2019 तक कष्टदायी रहेगा...राहु में गुरु का अंतर बिना सोचे समझे,बिना सलाह किये गए कामो का परिणाम प्रस्तुत कर गया ,उसी का खामियाजा आप भुगत रहे हैं...पुखराज धारण कीजिये व नित्य गजेंद्र मोक्ष के पाठ कीजिये...धीरे धीरे राह दिखेगी...
हटाएंधन्यवाद पंडित जी
हटाएंpranam guruji,
जवाब देंहटाएंmain aapka abhari hun aapne meri ek samasya ka jawab diya, kripya meri ek sansha door karen.
Main koi bhi kaam karta hun to bahut jyada der baad parinam nikalta hai. main higher studies (post graduation from abroad) ki tayari kar raha hun bahut dino se, lekin bahut adchan aati rahti hain. kripya mujhe batayen main videsh se post graduation kar paunga ya nahi. aur haan to mujhe kis direction me jagah milegi(post graduation in engineering ya phir MBA). post graduation ke baad naukri kaisi hogi aur ek baat guruji meri shaadi ke baare me bhi bata de to kripa hogi(shaadi kab tak , ladki kaisi hogi)
main bahut hatash ho gaya hun padhte padhte. meri details is prakar hain.
DoB- 28 August, 1985
Time- 9:20pm
place- jaipur, Rajasthan.
regards,
jitender
pranam guruji,
हटाएंkripya meri samasya ka bhi samadhan karen, mujhe kripa kar mere question ka jawab den.
Dhanyawad.
Regards,
Jitender
pranam guruji,
जवाब देंहटाएंmein aapki post ko padkar kafi prabhavit hu, guru ji in dino mere jeevan me kafi kathinaaia aa rahi, mera rishta kahi tay nahi ho pa raha..me jeevan me kaafi mehnat kari par abhi tak koi badi naukri nahi lagi, aur kai mere acche dosto ne b mere jarurat padne par sath chod dia...kripya mujhe bataiye kya meri kundali me koi sarkari naukri hai, shadi kab hogi, koi videsh yog hai..me apni jindagi me kafi bura samay dekha hai ...mera acca samay kab shuru hoga, meri kundali me kya writer bananae ke koi yog sampann hai
meri details kuch is prakar hai:
Name: kavita
DOB 04/09/1992
Time: 09: 15 AM
place: allahabad( pratapgarh) U.P
आप विदेश अवश्य जाएंगी ये विधाता द्वारा तय है ,विवाह आपका अगले वर्ष के अंतिम महीनो में होना संभावित है। आप निरंतर सोमवार के व्रत रखें व घर के पश्चिमी कमरे में रहें। सच्चा मोती सवा दस रत्ती दाहिने हाथ की तर्जनी (कनिष्ठका में नहीं ) धारण करें।
हटाएंगुरु जी प्रणाम नव वर्ष की शुभकामनाएँ । क्या 12 भाव का शुक्र विदेश यात्रा करवा देता है।
हटाएंप्रणाम गुरु जी। नव साल आपको तरक्की प्रदान करे।
जवाब देंहटाएंगुरु जी प्रणाम।कुंडली के12वे भाव का शुक्र क्या विदेश यात्रा का मौका देता है।
जवाब देंहटाएंजय हो आपकी मित्र। ..यदि शुक्र का सम्बन्ध किसी प्रकार तृतीय अथवा अष्ठम भाव से बन जाय तो इसकी संभावनाएं अधिक प्रबल हो जाती हैं
हटाएंसादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएं