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कुंडली के बारे में जानते -पढ़ते -सुनते समय नवमांश कुंडली का जिक्र आप लोगों ने कई बार सुना होगा। तब मन में ये प्रश्न आता होगा कि ये नवमांश कुंडली आखिर है क्या ? कई जिज्ञासु पाठक व कई मित्र जो ज्योतिष में रूचि रखते हैं वे कई बार आग्रह कर चुके हैं कि आप नवमांश कुंडली पर भी कुछ कहें। क्या होती है ?कैसे बनती है आदि ........
सामान्यतः आप सभी को ज्ञात है कि कुंडली में नवें भाव को भाग्य का भाव कहा गया है। यानि आपका भाग्य नवां भाव है। इसी प्रकार भाग्य का भी भाग्य देखा जाता है ,जिसके लिए नवमांश कुंडली की आवश्यकता होती है। जागरूक ज्योतिषी कुंडली सम्बन्धी किसी भी कथन से पहले एक तिरछी दृष्टि नवमांश पर भी अवश्य डाल चुका होता है।बिना नवमांश का अध्य्यन किये बिना भविष्यकथन में चूक की संभावनाएं अधिक होती हैं। ग्रह का बलाबल व उसके फलित होने की संभावनाएं नवमांश से ही ज्ञात होती हैं। लग्न कुंडली में बलवान ग्रह यदि नवमांश कुंडली में कमजोर हो जाता है तो उसके द्वारा दिए जाने वाले लाभ में संशय हो जाता है। इसी प्रकार लग्न कुंडली में कमजोर दिख रहा ग्रह यदि नवमांश में बली हो रहा है तो भविष्य में उस ओर से बेफिक्र रहा जा सकता है ,क्योंकि बहुत हद तक वो स्वयं कवर कर ही लेता है।अतः भविष्यकथन में नवमांश आवश्यक हो जाता है .
पाठक अब देखें की नवमांश कुंडली का निर्माण कैसे होता है व नवमांश में ग्रहों को कैसे रखा जाता है। हम जानते हैं कि एक राशि अथवा एक भाव 30 डिग्री का विस्तार लिए हुए होता है। अतः एक राशि का नवमांश अर्थात 30 का नवां हिस्सा यानी 3. 2 डिग्री। इस प्रकार एक राशि में नौ राशियों नवमांश होते हैं। अब 30 डिग्री को नौ भागों में विभाजित कीजिये
… पहला नवमांश ०० से 3.२०
दूसरा नवमांश 3. २० से ६.४०
तीसरा नवमांश ६. ४० से १०. ००
चौथा नवमांश १० से १३. २०
पांचवां नवमांश १३.२० से १६. ४०
छठा नवमांश १६. ४० से २०. ००
सातवां नवमांश २०. ०० से २३. २०
आठवां नवमांश २३. २० से २६. ४०
नवां नवमांश २६. ४० से ३०. ००
मेष -सिंह -धनु (अग्निकारक राशि) के नवमांश का आरम्भ मेष से होता है।
वृष -कन्या -मकर (पृथ्वी तत्वीय राशि ) के नवमांश का आरम्भ मकर से होता है।
मिथुन -तुला -कुम्भ (वायु कारक राशि ) के नवमांश का आरम्भ तुला से होता है।
कर्क -वृश्चिक -मीन (जल तत्वीय राशि ) के नवमांश आरम्भ कर्क से होता है।
इस प्रकार आपने देखा कि राशि के नवमांश का आरम्भ अपने ही तत्व स्वभाव की राशि से हो रहा है। अब नवमांश राशि स्पष्ट करने के लिए सबसे पहले लग्न व अन्य ग्रहादि का स्पष्ट होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए मानिए कि किसी कुंडली में लग्न ७:०३:१५:१४ है ,अर्थात लग्न सातवीं राशि को पार कर तीन अंश ,पंद्रह कला और चौदह विकला था (यानी वृश्चिक लग्न था ),अब हम जानते हैं कि वृश्चिक जल तत्वीय राशि है जिसके नवमांश का आरम्भ अन्य जलतत्वीय राशि कर्क से होता है। ०३ :१५ :१४ मतलब ऊपर दिए नवमांश चार्ट को देखने से ज्ञात हुआ कि ०३ :२० तक पहला नवमांश माना जाता है। अब कर्क से आगे एक गिनने पर (क्योंकि पहला नवमांश ही प्राप्त हुआ है ) कर्क ही आता है ,अतः नवमांश कुंडली का लग्न कर्क होगा। यहीं अगर लग्न कुंडली का लग्न ०७ :१८ :१२ :१२ होता तो हमें ज्ञात होता कि १६. ४० से २०. ०० के मध्य यह डिग्री हमें छठे नवमांश के रूप में प्राप्त होती। अतः ऐसी अवस्था में कर्क से आगे छठा नवमांश धनु राशि में आता ,इस प्रकार इस कुंडली का नवमांश धनु लग्न से बनाया जाता।
अन्य उदाहरण से समझें ....... मान लीजिये किसी कुंडली का जन्म लग्न सिंह राशि में ११ :१५ :१२ है (अर्थात लग्न स्पष्ट ०४ :११:१५ :१२ है )ऐसी अवस्था में चार्ट से हमें ज्ञात होता है कि ११ :१५ :१२ का मान हमें १०.०० से १३. २० वाले चतुर्थ नवमांश में प्राप्त हुआ। यानी ये लग्न का चौथा नवमांश है। अब हम जानते हैं कि सिंह का नवमांश मेष से आरम्भ होता है। चौथा नवमांश अर्थात मेष से चौथा ,तो मेष से चौथी राशि कर्क होती है ,इस प्रकार इस लग्न कुंडली की नवमांश कुंडली कर्क लग्न से बनती। इसी प्रकार अन्य लग्नो की गणना की जा सकती है।
इसी प्रकार नवमांश कुंडली में ग्रहों को भी स्थान दिया जाता है। मान लीजिये किसी कुंडली में सूर्य तुला राशि में २६ :१३ :०७ पर है (अर्थात सूर्य स्पष्ट ०६ :२६ :१३ :०७ है ) चार्ट देखने से ज्ञात कि २६ :१३ :०७ आठवें नवमांश जो कि २३. २० से २६. ४० के मध्य विस्तार लिए हुए है के अंतर्गत आ रहा है। इस प्रकार तुला से आगे (क्योंकि सूर्य तुला में है और हम जानते हैं कि तुला का नवमांश तुला से ही आरम्भ होता है ) आठ गिनती करनी है। तुला से आठवीं राशि वृष होती है ,इस प्रकार इस कुंडली की नवमांश कुंडली में सूर्य वृष राशि पर लिखा जाएगा। इसी प्रकार गणना करके अन्य ग्रहों को भी नवमांश में स्थापित किया जाना चाहिये।
ज्योतिष के विद्यार्थियों अथवा शौकिया इस शाश्त्र से जुड़ने वालों के लिए भी नवमांश का ज्ञान होना उन्हें अपने सहयोगी ज्योतिषी से एक कदम आगे रखने में बहुत मददगार साबित होगा ऐसा मेरा विश्वास है। बहुत सरल शब्दों में नवमांश का दिया गया ये उदाहरण आशा है आप सब जिज्ञासुओं को सहायक होगा। आपकी अमूल्य राय की बात जोहता .... …… आपका अपना ही .......बंधु……
( आपसे प्रार्थना है कि कृपया लेख में दिखने वाले विज्ञापन पर अवश्य क्लिक करें ,इससे प्राप्त आय मेरे द्वारा धर्मार्थ कार्यों पर ही खर्च होती है। अतः आप भी पुण्य के भागीदार बने )
कुंडली के बारे में जानते -पढ़ते -सुनते समय नवमांश कुंडली का जिक्र आप लोगों ने कई बार सुना होगा। तब मन में ये प्रश्न आता होगा कि ये नवमांश कुंडली आखिर है क्या ? कई जिज्ञासु पाठक व कई मित्र जो ज्योतिष में रूचि रखते हैं वे कई बार आग्रह कर चुके हैं कि आप नवमांश कुंडली पर भी कुछ कहें। क्या होती है ?कैसे बनती है आदि ........
सामान्यतः आप सभी को ज्ञात है कि कुंडली में नवें भाव को भाग्य का भाव कहा गया है। यानि आपका भाग्य नवां भाव है। इसी प्रकार भाग्य का भी भाग्य देखा जाता है ,जिसके लिए नवमांश कुंडली की आवश्यकता होती है। जागरूक ज्योतिषी कुंडली सम्बन्धी किसी भी कथन से पहले एक तिरछी दृष्टि नवमांश पर भी अवश्य डाल चुका होता है।बिना नवमांश का अध्य्यन किये बिना भविष्यकथन में चूक की संभावनाएं अधिक होती हैं। ग्रह का बलाबल व उसके फलित होने की संभावनाएं नवमांश से ही ज्ञात होती हैं। लग्न कुंडली में बलवान ग्रह यदि नवमांश कुंडली में कमजोर हो जाता है तो उसके द्वारा दिए जाने वाले लाभ में संशय हो जाता है। इसी प्रकार लग्न कुंडली में कमजोर दिख रहा ग्रह यदि नवमांश में बली हो रहा है तो भविष्य में उस ओर से बेफिक्र रहा जा सकता है ,क्योंकि बहुत हद तक वो स्वयं कवर कर ही लेता है।अतः भविष्यकथन में नवमांश आवश्यक हो जाता है .
पाठक अब देखें की नवमांश कुंडली का निर्माण कैसे होता है व नवमांश में ग्रहों को कैसे रखा जाता है। हम जानते हैं कि एक राशि अथवा एक भाव 30 डिग्री का विस्तार लिए हुए होता है। अतः एक राशि का नवमांश अर्थात 30 का नवां हिस्सा यानी 3. 2 डिग्री। इस प्रकार एक राशि में नौ राशियों नवमांश होते हैं। अब 30 डिग्री को नौ भागों में विभाजित कीजिये
… पहला नवमांश ०० से 3.२०
दूसरा नवमांश 3. २० से ६.४०
तीसरा नवमांश ६. ४० से १०. ००
चौथा नवमांश १० से १३. २०
पांचवां नवमांश १३.२० से १६. ४०
छठा नवमांश १६. ४० से २०. ००
सातवां नवमांश २०. ०० से २३. २०
आठवां नवमांश २३. २० से २६. ४०
नवां नवमांश २६. ४० से ३०. ००
मेष -सिंह -धनु (अग्निकारक राशि) के नवमांश का आरम्भ मेष से होता है।
वृष -कन्या -मकर (पृथ्वी तत्वीय राशि ) के नवमांश का आरम्भ मकर से होता है।
मिथुन -तुला -कुम्भ (वायु कारक राशि ) के नवमांश का आरम्भ तुला से होता है।
कर्क -वृश्चिक -मीन (जल तत्वीय राशि ) के नवमांश आरम्भ कर्क से होता है।
इस प्रकार आपने देखा कि राशि के नवमांश का आरम्भ अपने ही तत्व स्वभाव की राशि से हो रहा है। अब नवमांश राशि स्पष्ट करने के लिए सबसे पहले लग्न व अन्य ग्रहादि का स्पष्ट होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए मानिए कि किसी कुंडली में लग्न ७:०३:१५:१४ है ,अर्थात लग्न सातवीं राशि को पार कर तीन अंश ,पंद्रह कला और चौदह विकला था (यानी वृश्चिक लग्न था ),अब हम जानते हैं कि वृश्चिक जल तत्वीय राशि है जिसके नवमांश का आरम्भ अन्य जलतत्वीय राशि कर्क से होता है। ०३ :१५ :१४ मतलब ऊपर दिए नवमांश चार्ट को देखने से ज्ञात हुआ कि ०३ :२० तक पहला नवमांश माना जाता है। अब कर्क से आगे एक गिनने पर (क्योंकि पहला नवमांश ही प्राप्त हुआ है ) कर्क ही आता है ,अतः नवमांश कुंडली का लग्न कर्क होगा। यहीं अगर लग्न कुंडली का लग्न ०७ :१८ :१२ :१२ होता तो हमें ज्ञात होता कि १६. ४० से २०. ०० के मध्य यह डिग्री हमें छठे नवमांश के रूप में प्राप्त होती। अतः ऐसी अवस्था में कर्क से आगे छठा नवमांश धनु राशि में आता ,इस प्रकार इस कुंडली का नवमांश धनु लग्न से बनाया जाता।
अन्य उदाहरण से समझें ....... मान लीजिये किसी कुंडली का जन्म लग्न सिंह राशि में ११ :१५ :१२ है (अर्थात लग्न स्पष्ट ०४ :११:१५ :१२ है )ऐसी अवस्था में चार्ट से हमें ज्ञात होता है कि ११ :१५ :१२ का मान हमें १०.०० से १३. २० वाले चतुर्थ नवमांश में प्राप्त हुआ। यानी ये लग्न का चौथा नवमांश है। अब हम जानते हैं कि सिंह का नवमांश मेष से आरम्भ होता है। चौथा नवमांश अर्थात मेष से चौथा ,तो मेष से चौथी राशि कर्क होती है ,इस प्रकार इस लग्न कुंडली की नवमांश कुंडली कर्क लग्न से बनती। इसी प्रकार अन्य लग्नो की गणना की जा सकती है।
इसी प्रकार नवमांश कुंडली में ग्रहों को भी स्थान दिया जाता है। मान लीजिये किसी कुंडली में सूर्य तुला राशि में २६ :१३ :०७ पर है (अर्थात सूर्य स्पष्ट ०६ :२६ :१३ :०७ है ) चार्ट देखने से ज्ञात कि २६ :१३ :०७ आठवें नवमांश जो कि २३. २० से २६. ४० के मध्य विस्तार लिए हुए है के अंतर्गत आ रहा है। इस प्रकार तुला से आगे (क्योंकि सूर्य तुला में है और हम जानते हैं कि तुला का नवमांश तुला से ही आरम्भ होता है ) आठ गिनती करनी है। तुला से आठवीं राशि वृष होती है ,इस प्रकार इस कुंडली की नवमांश कुंडली में सूर्य वृष राशि पर लिखा जाएगा। इसी प्रकार गणना करके अन्य ग्रहों को भी नवमांश में स्थापित किया जाना चाहिये।
ज्योतिष के विद्यार्थियों अथवा शौकिया इस शाश्त्र से जुड़ने वालों के लिए भी नवमांश का ज्ञान होना उन्हें अपने सहयोगी ज्योतिषी से एक कदम आगे रखने में बहुत मददगार साबित होगा ऐसा मेरा विश्वास है। बहुत सरल शब्दों में नवमांश का दिया गया ये उदाहरण आशा है आप सब जिज्ञासुओं को सहायक होगा। आपकी अमूल्य राय की बात जोहता .... …… आपका अपना ही .......बंधु……
( आपसे प्रार्थना है कि कृपया लेख में दिखने वाले विज्ञापन पर अवश्य क्लिक करें ,इससे प्राप्त आय मेरे द्वारा धर्मार्थ कार्यों पर ही खर्च होती है। अतः आप भी पुण्य के भागीदार बने )
गुरु जी
जवाब देंहटाएंतुला लग्न की कुंडली में शुक्र 9वें भाव में हो और नवमांश कुंडली में 4 भाव मे सूर्य और मंगल के साथ उच्च का शुक्र हो तो इसके फलादेश के बारे में आप क्या कहेंगे ।।
आपके आशीर्वाद का इच्छुक
ओमजी
पिता की सहायता ,पैतृक सम्पदा अथवा पिता से प्राप्त मकान पर अपने प्रयास से प्राप्त धन द्वारा सुन्दर और बड़े मकान के निर्माण के योग के रूप में इसे माना जा सकता है।
हटाएंI was trying to learn this but I could not understand reading some book but now you made me learn. Thank you very much.
हटाएंतुला लग्न का शुक्र नवां भाव मे यानि लग्नेश ओर अष्टमेश भाग्य भाव मे बुध के घर मे ।धनु लग्न नवांश के 4 भाव मे सूर्य मगल के साथ उच्च का शुक्र का फल मान सम्मान सुन्दर मुखमंडल ज्योतिष यानी खोजकर्ता विजनेस करने वाला सुन्दर भवन मे रहने वाला उम्र के साथ साथ उन्नति करने वाला मधुमेह कि संभावना भी है अपने खाने का भी ध्यान रखे समय पर भोजन करे
हटाएंguruji pranam DOB-17-05-1987 TIME 11.05 PM PLACE-BALAGHAT (mp).meri beti ki dettails he iske vivah ko lekar bahut chintit he pichle 2 sal se prayas kr rhe he.iski abhi tak kahi b koi permanant job b ni he.prashashan me jane ki iskshha rakhti he.iske bhavishya ko lekar bahut chinta hoti he. margdharshan kre kripya kr.
जवाब देंहटाएंप्रशासनिक पदों हेतु कुंडली शर्तों को पूर्ण नहीं कर पा रही है। कोर्ट अथवा पुलिस सम्बंधित किसी विभाग प्रयास करने से सफलता प्राप्त होना संभव है। विवाह हेतु चन्द्रमा पर शनि की दृष्टि व राहु का प्रभाव कारण माना जा सकता है। ओपल व गोमेद अलग अलग धारण करें अथवा एक साथ चांदी में लाकेट बनाकर पहने। अगले वर्ष के मध्य से पूर्व ही प्रभु की कृपा से मनोवांछित फलों की प्राप्ति है।
हटाएंguruji apka sadar dhanybad
हटाएंguruji koi vishesh disha agar bta sake to jisse thodhi sahayata mil sake.or vivahik jeewan theek rahega ya ni kyuki ye bahut krodh krne lagi he.halaki pahle esi ni thi ab shant rahi ni pati he ya ye kahe ki man shant ni rhta he.choti 2 baton me rone lagti he.
हटाएंguruji apko avam apke poore pariwar ko nav varsha ki hardik shubhkamanye naya varsh apke liye mangalmay ho
हटाएंपंडितजी चरण स्पर्श , मेरे एक मित्र ने प्रश्न पूछा . मै उसे जवाब तो दे नहीं पाया लेकिन उसे कहा की पंडितजी से पूछकर जवाब ज़रूर दूंगा . उसे मुझसे पूछा की एक इन्सान जिसका जन्म स्थान , समय , वर्ष दुसरे से अलग है और अगर वो दोनों साथ ही एक ही स्थान पर खड़े हो बगल में तो दोनों पर ग्रह का प्रभाव अलग कैसे हो सकता है . एक ही होना चाहिए क्योकि ग्रह भी एक ही जगह है और वो दोनों भी एक साथ खड़े है . ....कृपया मार्गदर्शन करे पंडितजी . धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंआपके प्रश्न के जवाब में आपसे ही प्रश्न पूछता हूँ आनंद जी ……
हटाएंजून के महीने की गर्मियों में तमिलनाडु में एक दक्षिण भारतीय जहाँ आराम से खड़ा रहता है ,ठीक उसी जगह पर उत्तर भारत का मेरे जैसा पहाड़ी क्यों गश खाने लगता है ?या ठीक इसी के उलट जब जनवरी की पहाड़ों में पड़ी बर्फ जब मुझे कोई समस्या नहीं ,तो भोपाल ,मद्रास व कलकत्ता के शख्श को क्यों दिक्कत हो जाती है। कश्मीर लद्दाक में होने वाले याक व पहाड़ी कुत्ते केरल में क्यों नहीं पनपते ? वही सूर्य सबके लिए है ,वही बर्फ सबके लिए है। वही हवा सबके लिए है। बाजार में बिकते फल सबके लिए एक ही हैं तो क्यों सबको अलग अलग फल पसंद हैं।
सब बच्चे एक ही कक्षा में ,एक ही पुस्तक से ,एक ही अध्यापक द्वारा पढ़ाये जा रहे हैं तो फिर सबका रिज़ल्ट अलग अलग क्यों है ?एक ही माँ के जाय दो बच्चों के रूप रंग ,स्वाद ,शौक इतने अलग अलग क्यों हैं जब माँ का दूध व पिता का वीर्य एक ही है तो ?
जन्म के साथ ही आपका ग्रह विशेष के साथ अलग अलग नाता तय हो जाता है ,साथ ही स्थान काल व परिस्थिति के अनुसार शरीर का विज्ञान भी तय हो जाता है। ऐसे में ग्रह विशेष का फर्क मनुष्य विशेष पर अलग अलग होता है। मेरा पडोसी अपने बच्चे के लिए रोज मिठाई लाता है पर मेरे बच्चे के लिए नहीं ,क्यों भला ?जब आदमी वो ही है तो ?जवाब उसके अपने बच्चे से सम्बन्ध व मेरे बच्चे से सम्बन्ध में फर्क होना है। जून के महीने भी सूर्य वही है जो जनवरी के महीने में। फिर ताप में इतना अंतर क्यों। जवाब सूर्य की दशा -स्थिति में फर्क होना है। पुलिस को देखकर चोर ही क्यों भागता है आम आदमी क्यों नहीं ?जवाब कर्मों में अंतर होना है। बरसात के अमरुद में इतना स्वाद क्यों नहीं जितना सर्दियों के अमरुद में होता है ?जवाब उनके भीतर के तत्वों का वातावरण से संपर्क में ,सम्बन्ध के अनुपात में फर्क होना है …… आशा है आपको संतुष्ट कर पाया हूँ .......
पंडितजी चरण स्पर्श ...बहुत बहुत धन्यवाद् ..मन्न प्रसन्न हो गया ...यह उत्तर ज़रूर अपने मित्र को दिखाऊंगा .
हटाएंKya khob samjhaya h aapne poore 7 janmo tak yaad rhega bhai bul nahi sakta ki sabko alag prinaam kyu h main bhi jyotish janta hu
हटाएंइसी क्रम में और देखिये कि सेना का जवान अपने अधिकारी को क्यों salute देता है और मुझे नहीं ?मेरे पडोसी को शिक्षा विभाग की और से हर माह तनख्वाह मिलती है मुझे क्यों नहीं ?रेलवे अपने कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष बोनस देता है मुझे क्यों नहीं ,रेलवे तो वही है ,सेना तो वही है। शिक्षा विभाग तो वही है। मेरा बच्चा मुझे ही पिता क्यों कहता है पडोसी को क्यों नहीं ?बच्चा तो वही है ?किसी विभाग के गेट पर आपको एंट्री मिल रही है पर मुझे क्यों नहीं विभाग तो वही है ? अफसर की पगार अधिक क्यों है और बाबू की कम क्यों ,एक समान क्यों नहीं ?पगार देने वाला विभाग तो एक ही है ? जवाब संबंधों में अंतर होना है ,कार्य में अंतर होना है ,औहदे में अंतर होना है ……आशा है आप कुशल होंगे ,
जवाब देंहटाएंनमस्कार गुरु जी
जवाब देंहटाएंसादर चरण स्पर्श
11 जुलाई 1986 दिन मे 11 बजकर 16 मिनट मे कानपुर उत्तर प्रदेश मे जन्म हुआ है.
मै पागल सा होता जा रहा हू . कुछ समझ नहीं आ रहा है क्या करू क्या ना करू.
जिंदगी मे बहुत कुछ करने का सोचा था .लेकिन अभी तक कुछ कर नहीं पाया .
सोच सोच कर मेरा दिमाग फटा जा रहा है.
आपसे जानना चाहता हू आगे मेरी जिंदगी मे क्या लिखा है . कुछ अच्छा कुछ बड़ा कर पाउँगा की नहीं .. सोचा हुआ कुछ पूरा होगा की नहीं या ऐसे ही चलता रहेगा .
धन्यवाद
गुरु जी
जवाब देंहटाएंआपके मार्गदर्शन का इन्तजार है .
मंगल बुध व शनि तीन ग्रहों का वक्री होना ही समस्या का कारण है। भाग्य भाव पर शनि की दृष्टि भाग्योदय में विलंब का कारक बनती है।आपका भाग्योदय 30 -32 वें आयुवर्ष में विदेशी संस्थानों -लोगों द्वारा होगा।तब तक पन्ना रत्न चांदी में धारण करें ,किन्नरों की सेवा करें। हर शनिवार तुलसी के पत्तों में इलायची रखकर पीपल वृक्ष पर शाम के समय अर्पित करें। …… लाभ होगा
हटाएंguruji, meri ladaki ka janm 23/07/1988 time 1:10 place korba M.P. iski sadi lagate lagate raha ja rahi hai
हटाएंदिल से आपको धन्यवाद गुरु जी ,
हटाएंनमस्कार गुरु जी
जवाब देंहटाएंसादर चरण स्पर्श गुरु जी
meri date of birth 28-10-1985 morning 01.00 am janam sthan Taranagar dist-churu hai meri janam patri me surya ketu chandra rahu ki yuti hai maine manik 10 saal se pahan rakha hai aur kya karna chayiye dimag disturb rahta hai business ko lekar chinta rahti hai--aur nov 2014 se sani ka dhaiya suru ho gaya kya karu-------आपके मार्गदर्शन का इन्तजार है
पंडितजी चरण स्पर्श ....पंडितजी ...मानसिक बीमार व्यक्ति के उपर पूर्णिमा और अमावस के दिन या उससे एक दो दिन पहले या बादमे क्या प्रभाव पड़ता है .
जवाब देंहटाएंपूर्णिमा के निकट मन की उग्रता में तीव्रता व अमावश्या की तिथि के आस पास निराशा हावी हो सकती है. ..
हटाएंमानसिक रोग है जन्म 15/10/1969 समय रात्रि 10 स्थान बिलासपुर छ.ग.
हटाएंगुरु जी
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम
मेरी जन्म तिथि 19।12।1986 है एवं समय 1:15 Am है
मै एक डॉक्टर हु और खुद का क्लिनिक चलता हु
मेरा मन अभी और पढाई करने का करता रहता है पर अपने काम की वजह से असमंजस में रहता हु । कृपया सही मार्गदर्शन करे की किस्मे सफलता मिलेगी ।
लग्न कुंडली में दशमेश को अस्त माना जा सकता है,किन्तु नवमांश में कुंडली शानदार बल प्राप्त कर रही है...आपको चाहिए कि एक्सरे ,अथवा सर्जरी (डेंटल आदि भी सम्भव है) आदि में विशेषता प्राप्त करें...भविष्य में चाहेंगे तो सरकारी सेवा से भी जुड़ सकते हैं..पन्ना धारण करें..ये कार्य रोजगार के लिए लाभप्रद होकर भविष्य में आपको सांस फेफड़े सम्बन्धी समस्या अथवा अस्थमा आदि (जो शुरूआती संकेत कुंडली से प्राप्त हो रहे हैं,) से बचाव में भी सहायक होगा...
हटाएंNAME-POOJA RAIKWAR
जवाब देंहटाएंPLACE-ITARSI(MP)
TIME-4:45PM
KIYA MAI MANGLIK HU?
MERA CARREAR KESA RHEGA ?
MUJHE ART CARREAR BNANA H?
MERI LOVE MARRIGE HOGI YA ARREANG?
OR MARRIGE K BAD SB THIK RHEGA?
Pandit ji namaskar boht ummid lekr aak paas aaye hai.pandit ji hm kshatriya cast k hai or hm love marriage krna chahte hai.hm jounpur k rhne waale hai.hm jinse vivah krna chahte hai wo brahman hai pr unki rashi me mangala dosh hai wo b Ashtam bhav dosh.jisse se b puche log khte hai ki iska koi upay ni hai.pr hm janna chahte hai ki kya sch me aisa hai ki iska koi upay ni hai.unka naam Deepak d
जवाब देंहटाएंubey hai.Birth date-21/09/1985 hai or samay subh ka 1-30hai.mera Birth date-13/08/1988 hai or samay 9-10am ka hai.aap kuch btaiye ki kya kre.hmari shaadi honi hai ya ni
अगर आप लड़के का जन्म विवरण सही दे रही हैं तो मैं आपको यकीन दिलवाता हूँ कि ये कहीं से भी अष्ट मांगलिक नहीं हैं,और इसके आगे पीछे 15 दिनों तक इस समय काल में जन्म लिया कोई भी जातक ,चाहे वह अपराहन अथवा रात्रि में जन्मा है,मांगलिक नहीं होगा.....वैसे अभी धर्म के कथित ठेकेदारों को ये जानने व समझने में बहुत समय लगने वाला है कि वर्ण व्यवस्था मनुष्यों की नहीं अपितु राशियों की होती है...तीन ब्राह्मण वर्ण की राशियों में से एक का आधिपत्य मंगल ,दूसरे का चंद्रमा व तीसरे का देव गुरु को प्राप्त होता है...इसी प्रकार तीन क्षत्रीय वर्णीय राशियों में से एक
जवाब देंहटाएंको सूर्य देव धारण करते हैं,दूसरी का स्वामित्व मंगल व तीसरे का देव गुरु के पास है...ऐसे में नैसर्गिक मैत्री चक्र देखने पर हम इन चारों ग्रहों (सूर्य-चन्द्र-भौम-गुरु) को परस्पर परम मैत्री के भाव से माना गया है..अतः जाति सम्बन्धी किसी भी समस्या का सामना कम से कम ज्योतिषीय दृष्टि से तो आपको नहीं करना है...सामजिक व्यवस्था में वर्ण व्यवस्था का विरोधी होते हुए भी मैं इस बारे में आपकी कोई सहायता नहीं कर सकता..बाकी कुण्डलियाँ आपस में सुन्दर मिलान प्राप्त करती हैं.. आप चाहें तो विवाह सम्भव है. प्रभु राम आपके सहायक हों.....शुभकामनाएं...
Kripya jawab de guru ji..hm aapko shi jaankaari de diye hai..ldka ka dob-21-09-1987 hai..is samay mera jeevn boht uljhn me hai kya kre or kya na kre kuch samjh ni aa rha hai..plz help kijiye
जवाब देंहटाएंGuru ji hme maaf kriye hm aapko shi jaankaari ni bata aaye.ldk ki dob-21/09/1987 hai.or mera 13/08/9188 hai..kripya ab aap btaiye kuch.
जवाब देंहटाएंआपको जवाब ऊपर दिया जा चुका है
जवाब देंहटाएंKripya jawab de guru ji.
जवाब देंहटाएंपूजा जी ,आप बार बार गलती कर रही हैं और हमसे उम्मीद कर रही हैं कि बार बार आपके प्रश्न का चयन हो ,ऐसा सम्भव नहीं है , व्यक्तिगत मेल पर भी डीएसए बार प्रश्न भेज दिया है। पाठक कृपया समझें कि दिन भर में हमें यहाँ अपने कार्यालय में पूर्व निर्धारित अपॉइंटमेंट्स के अनुसार काम करना होता है। बार बार एक ही प्रश्न पर लौटना हमारे लिए संभव नहीं है।अपवाद में आपके प्रश्न को लिया जा रहा है किन्तु आगे हमसे ऐसी उम्मीद कृपया न लगाएं …… आप भाग्यशाली हैं कि आपके प्रश्न का चयन कई सौ प्रश्नो के मध्य निशुल्क जवाब के लिए हुआ ,वहां भी आपके द्वारा गलत डाटा दिया गया …… अब आप फिर गलत डेटा उपलब्ध करा रही हैं … यदि लड़के को आप अष्ट मांगलिक मान रही हैं तो उसका जन्म रात्रि नहीं अपितु दोपहर १४:३० के बाद हुआ है ,दोपहर अथवा रात्रि कहीं भी ०१:३० पर जन्म होने से लड़का मंगल दोष से मुक्त है ……
हटाएंguru gi mujhe maaf kitye agr meri vjh se ap ko preshani hue ho,
हटाएंbt data shi hai.DOB-8/3/1993
PLACE-itarsi
TIME-4:45pm
kiya mai manglik hu?
mera future kesa rhega?
माफ़ी के साथ अर्ज है पूजा जी कि ऊपर दिया गया जवाब उन मोहतरमा के लिए था जिन्होंने अपना नाम नहीं बताया ,बेनामी प्रश्नो के साथ ये ही समस्या है … आगे पाठक ध्यान दें कि बेनामी नाम वाले प्रश्नो को संभवतः नहीं लिया जाय ……। अतः प्रश्न अपने नाम के साथ ही दें …।
हटाएंपूजा जी ,आप मांगलिक नहीं हैं ,किन्तु सप्तम में सूर्य शनि की युति को भी शुभ नहीं माना जा सकता ....आपका साथी आपसे आयु में बड़ा(अधिक ) होना संभव है। साथ ही ये संतान प्राप्ति में समस्या उत्पन कर सकता है। अतः योग्य ज्योतिषी द्वारा कुंडली मिलान कर ही विवाह करें ,विवाह से पूर्व घट विवाह अवश्य करा लें। आपको दाम्पत्य सुख नवम्बर २०१५ से मार्च २०१६ के मध्य प्राप्त हो सकता है ,इससे पूर्व किया गया सम्बन्ध खराब होने की संभावनाएं रहती हैंविवाह पूर्व योग्य ब्राह्मणो द्वारा घट विवाह अवश्य करा लें …
हटाएंthank you pandit ji..
हटाएंPranam pandit ji..kshama chahte hai hm galati se ldk ka dob shi ni diye.kripya shi date or samay k aadhaar pr bata dijiye ki kya wo ashtm bhav mangala hai..ldk ka dob-21/09/1987 hai or samay subh ka 1:30hai or mera dob 13/08/1988 hai tathaa samay-9-10am hai..plz help kijiye
जवाब देंहटाएंpranaam guruji..
जवाब देंहटाएंmeri wife ki DOB 16.1.1991 hai..humari november me shadi hui thi...wo TB ki pt. hai or ilaaz kerwa rahi hai..per uska TB ka treatment sahi kaam nahi ker raha..doctor ab second line treatment start krenge..kripya samadhan kre ki uski kundli me koi khraab ya koi maarak yog h jo aisa ho raha hai..aage ki life per bhi btaye ki koi preshani ho..santaan ka yog..
aapki bahut sat kripa
जन्म समय व स्थान नहीं बताया आपने
हटाएंguru ji mei apse kuch apne bare me jankari lena chahta hu mei life future kya h
हटाएंguru ji mei apse kuch apne bare me jankari lena chahta hu mei life future kya h
हटाएंपन्ना रत्न सवा सात रत्ती धारण करें , तुलसी के सात पत्तों पर हरी इलायची रखकर प्रत्येक शनिवार पीपल के वृक्ष पर १९ शनिवार रखें। आपका चयन अक्टूबर २०१५ तक सरकारी सेवा में होना संभव है.प्रयासरत रहें आपका चयन सरकारी नौकरी में अवश्य होना है ,तब हमारे लिए मिठाई अवश्य भिजवा दीजियेगा…।
जवाब देंहटाएंगुरूजी चरण स्पर्श मेरा जन्म 09/09/1992 समय 4:25 pm दिन को झारखण्ड के गिरीडिह जिला मे है इधर मै कई दिनो से मानसिक तनाव भ्रम तथा पेर मे दर्द है इसका निवारन बताये ओर नोकरी का क्षेत्र बताये
जवाब देंहटाएंमानसिक तनाव आप अगस्त २०१४ से अधिक अनुभव कर रहे हैं ,जबकि इसकी नीव राहू में सूर्य का अंतर सन २०१३ सितम्बर से रख चुका था ,,अभी हालात फरबरी २०१६ के बाद नियंत्रण में आएंगे .......आप गोमेद रत्न सवा आठ रत्ती धारण करें ……आपने बताया नहीं किन्तु आप नाक से सम्बंधित किसी समस्या से जूझ रहे हैं ,अथवा सिर पर किसी प्रकार की चोट आदि का निशान है .... जिस कारण हवा का सही दवाब मस्तिष्क को नहीं मिल पा रहा है …सोते समय तकिये से परहेज करें ....कार्य व्यवसाय लोहा ,खानपान ,शादी विवाह की सजावट ,शादी विवाह में भोजन कैटरिंग आदि का कार्य आदि शुभ है …… पिलहाल २०१६ तक मेहनत कीजिये ,पश्चात हालात हर प्रकार से नियंत्रण में होंगे
हटाएंगुरूजी चरण स्पर्श मेरा जन्म 09/09/1992 समय 4:25 pm दिन को झारखण्ड के गिरीडिह जिला मे है इधर मै कई दिनो से मानसिक तनाव भ्रम तथा पेर मे दर्द है इसका निवारन बताये ओर नोकरी का क्षेत्र बताये
जवाब देंहटाएंraat 8 bje..delhi..guru ji
जवाब देंहटाएंMaaf kr dijiye guru ji..mera naam divya hai or jink baare me hm aapse puche unka naam deepak hai.mera uddesya aapko pareshaan krna ni tha hm boht preshaan the anjaane me galati ho gai sch me kshamaprarthi hai..or aap shi kh rhe hai ldk ka birth ka time 2:55 dopahar hai or din 21/09/1987 hai or mera birh day 13/08/1988 or time morning k 9-10k beech hai kripya ab btaynge kya aap he hmlog kaise kya kre ki shaadi ho or koi problm b na ho shaadi hone k baad..hme maaf kr dijiye or kripya ab shi se samajha dijiye ki kaise kya kre??
जवाब देंहटाएंGuru ji ab to koi upay bata dijiye...hmse glti ho gai maafi maangte hai
जवाब देंहटाएं3feb 1988 at 21:10 please bataye uchch goverment job mil payegi
जवाब देंहटाएं3feb 1988 at 21:10 please bataye uchch goverment job mil payegi
जवाब देंहटाएंGURUJI KRIPAYA SAHAYTA KAREIN
जवाब देंहटाएंMERA NAAM: ASHOK KUMAR RAGHUVANSHI
DATE OF BIRTH: 25/12/1975
TIME RATRI: 10.01.BAJE
JANM STHAN : CHHINDWARA , MADYAPRADESH
ABHI MAIN BAHUT MANSIK AUR SHARIRIK PIDA SE GUJAR RAHA HUIN.
MERI NAUKARI, AUR AAMDANI KE BAARE MAIN BATAYEIN.
गुरु जी प्रणाम। गुरु जी कृपया मेरी मदद करे में बहुत परेशान हू अभी तक करिअर स्थिर नही है नौकरी नही हैं क्या करू किस क्षेत्र में करू कृपया मार्ग दर्शन करे । नाम पंकज शर्मा
जवाब देंहटाएंजन्म तिथी 4 दिसम्बर 1978 समय 5.35 शाम का जन्म स्थान बुलंदशहर up
pls pls help me
पंकज जी ,बुध व गुरु का वक्रत्व आपको समस्या का कारक बन गया।आप स्वयं को अभी तक पहचान ही नहीं पाये इस कारण अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाये। आप स्वयं को दूसरों की दृष्टि से देखने के प्रयास में ही व्यस्त रह गए ....अपने लिए क्या बुरा है क्या उचित ये तय ही नहीं किया आपने। खैर आपका भाग्योदय ४२ वें वर्ष होना है मित्र .... अपनी आयु के मध्य में आप किसी राजनीति से जुड़े व्यक्ति के संपर्क में आकर आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं ,साथ ही विदेश ,विदेशी संस्थानों आदि से आय प्राप्ति के योग हैं। पन्ना रत्न धारण करें व शेयर, ब्याज ,लोहा ,मशीन आदि से जुड़ा कार्य सफलता का कारक बनेगा। २०१६ के मध्य से हालात नियंत्रण में महसूस होंगे।
हटाएंGURUJI KRIPAYA SAHAYTA KAREIN..इधर मै कई दिनो से मानसिक तनाव भ्रम में बहुत परेशान हू..मै पागल सा होता जा रहा हू . कुछ समझ नहीं आ रहा है क्या करू क्या ना करू.
जवाब देंहटाएंजिंदगी मे बहुत कुछ करने का सोचा था .लेकिन अभी तक कुछ कर नहीं पाया .
सोच सोच कर मेरा दिमाग फटा जा रहा है.
आपसे जानना चाहता हू आगे मेरी जिंदगी मे क्या लिखा है . कुछ अच्छा कुछ बड़ा कर पाउँगा की नहीं .. सोचा हुआ कुछ पूरा होगा की नहीं या ऐसे ही चलता रहेगा..कृपया मार्गदर्शन करे
Mera naam- Vivek kaushik
DOB - 5 january,1986
TIME- 14:55 PM
Place- Saharanpur
चातक पक्षी की ही भाँती आप सब कुछ अपने भीतर सहेज कर भी सफलता के लिए छटपटा रहे हैं। भाग्य ने भला जो लिख दिया उससे कैसे बचा जाय। "धारा नैव पंतति चातकः मुखे मघस्य कि दूषणम् ,यत्न पूर्व विधिना ललाट लिखितम ,तन्मार्जित न क्षमः "शाश्त्रों में स्वाति के लिए ऐसा उल्लेख मिला है।धारा के निकट बैठ कर भी चातक पक्षी प्यासा ही रह जाता है भाग्य की इससे बड़ी विडम्बना क्या कही जाए। साढ़े साती के अंतिम चरण में अमूमन ऐसी अवस्थाएं देखी गई हैं ,कालसर्प दोष के अलावा ग्रहण दोष से भी पीड़ित हैं आप। भाग्योदय ३६ वें वर्ष में है आपका। फाइनेंस व भवन निर्माण सम्बन्धी कार्य शुभ रिजल्ट देते देखे गए हैं। पाना धारण करें व ग्रहण व कालसर्प दोष की शान्ति योग्य ब्राह्मणो की देखरेख में गंगा के किनारे कराएं।स्वाति नक्षत्र में बरसे हुए जल को किसी बर्तन में सहेजें ....... प्रभु ने चाहा तो आयु के तक आप सफलता के चरम पर होंगे।
हटाएंpranam pandit jee
जवाब देंहटाएंpandit jee maine jabse hosh smbhala hai maine apne life me sirf pareshaniya hi dekhi hai,mera koi kaam kabhi bhi pura nhi hota hai,meri study tak adhuri rah gyi, parrents se bhi kabhi nhi banti hai,kitna bhi sbke liye achha krti hu firbhi hmesha sab mujhe hi galat smjhte hai. pls tell me ke meri shadi kabtak hogi? life partner kaisa hoga nd married life kaisi hogi?kya shadi ke baad meri sthiti me koi sudhar hoga??
plss helm me pandit jee mai bahut bahut jyada pareshan hu.
my details are:-
date of birth= 11/8/1987
time 08:08am
place= munger, state- bihar, india
pls reply..
अपने आचार व्यवहार पर , आवश्यकता से अधिक खुला स्वभाव होना ही कारण है। साथ ही सबसे बड़ी समस्या ये है कि आपके पास स्वयं के लिए नहीं है। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं कैसे दूसरों को मैं प्रभावित करूँ ,इसी उधेड़बुन में आपका समय निकल रहा है। पन्ना धारण करें व कृष्ण की उपासना करें।
हटाएंguru ji meri D O B 20 07 1993
जवाब देंहटाएंtime 6:40 AM
place burhanpur m.p
meri engg. ho gye he job kab tak lag jayegi or kya meri kundli me govt job he ya fir me khud ka koi buisness karuga
इस वर्ष अगस्त से आप अपने सपनो को पंख लगता हुआ देखेंगे व सं 2018 के अंतिम महीनों में भाग्य आपके प्रयासों को अधिक सार्थक मुकाम देगा,,,हाँ आपको सरकारी सेवाओं के लिए प्रयास करना चाहिए,,एक पन्ना धारण कर लें आप
हटाएंगुरूजी सादर प्रणाम,
जवाब देंहटाएंमेरी डिटेल्स
Dob: 30.01.1984
Place: Kota Rajasthan
Time:10:40 PM
गुरूजी मैंने लाइफ में हमेशा संघर्ष ही देखा है एवं अभी भी वही देख रहा हूँ, जो चीज़े दुसरो को बड़ी आसानी से मिल जाती हैं मुझे उनके लिए भी संघर्ष करना पड़ता है, सामान्य जीवन चलाने में भी कठिनाइयां आती हैं। कोई काम नही बनता बस दाल रोटी का जुगाड़ ही कर पाता हूँ। आजकल आत्महत्या करने की भी बहुत मन में आती है। किसी का कोई सहारा भी नही है। मुझे कई पंडितों ने बताया की मेरी कुंडली में गज केसरी योग है किन्तु मुझे तो कभी फायदा नही दिखा। कृपया सहायता करें।
बुध जब भी सूर्य से पीछे हो जाता है तो अपने नैसर्गिक क्षमता का आधा रिजल्ट भी नहीं दे पाता..एक पन्ना रत्न अष्टधातु में सवा आठ रत्ती धारण करें,,तीन इलायची तुलसी के पत्तों में रखकर 17 बुधवार गाय के बच्चे ,अर्थात बछिया को खिलाएं...
हटाएंगुरु जी सादर प्रणाम मुझे आपके माग॓दश॓न की आवश्यकता है शायद यही वजह है कि आज मौका मिला है ६ १२ १९७६ कानपुर उत्तर प्रदेश समय १२ः३० रात्रि कुछ जरूर बताएं किस िदिशा में आगेबढ़े
जवाब देंहटाएंBeti ka janm jaipur 13.8.1991 .time6.30 am
जवाब देंहटाएंShadi kab hogi
Life kitni hai
Merried life kaisi rahegi
13.8.91 jaipur 6.30am
जवाब देंहटाएंShadi kab hogi
Life kitni lambi(umar)
Merried life kaisi rahegi
Santan sukh kaisa rahega
Financially kaisi rahegi life
मेरी जन्म तारीख है १२-८-६९ समय १०:०० सवेरे स्थान उदयपुर राज.मेरा व्यवसाय सब चोपट होगया है अभी मै बेरोजगार हु बहुत परेशान हु कोई मार्ग दर्शन करे ताकी परिवार पाल सकु
जवाब देंहटाएंसन १९९६ के बाद किया कार्य व्यवसाय केतु की अंतर्दशा के साथ साथ शुक्र की महादशा की समाप्ति रूप से समाप्त होकर शुक्र के प्रभाव से ही नए बीजों को अंकुरित कर ,सूर्य की महादशा में बाहरी संबंधों रास्ते खोजेगा व आपके लिए आय के नए स्रोत खोलेगा। वास्तव में जुलाई २०१५ से ही बदलाव के योग आरम्भ हो गए थे,आप भांपने में चूक गए। खैर फिलहाल आप पन्ना सवा दस रत्ती चांदी में धारण करें व घर के उत्तरी कोने में तुलसी का पौधा लगाकर नित्य उसपर जल अर्पित करें । इस वर्ष के अंत से पूर्व ही आप बदलाव महसूस करेंगे
हटाएंPandit ji
जवाब देंहटाएंSuraj Upadhyay
DOB.19th sept 1992
Time.. 13.30
Place ..mumbai
लेखक बन सकता हूँ ??
अभी मै CA की पढाई कर रहा हूँ ।
आप एक शानदार कुंडली के जातक हैं ,संसार का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जिसमें आपकी पैठ न हो ,,,ऐसी कोई विद्या नहीं जिसपर आपकी पकड़ न हो ,,किन्तु आपका यही बहुआयामी व्यक्तित्व ही आपका वास्तविक शत्रु है ,जो आपके फोकस व आपकी ऊर्जाओं को विभाजित कर देता है। आपका चयन सहज ही प्रशासनिक पदों पर इनकम टैक्स ,कस्टम ,सेल्स ,बैंक आदि पर हो सकता है ,,,,,, हाँ दशम भाव के योग भाषा पर ,लेखनी पर ,साहित्य पर ,ज्योतिष आदि किसी भी विषय पर आपका सहज नियंत्रण करा देते हैं। किन्तु लग्न का राहु कभी आपको शान्ति से नहीं बैठने देगा ,, अतः मेरी आपको सलाह है कि पहले आप अपना कर्रिएर बनाये ,पश्चात लेखन में हाथ आजमाएं। . राहु की शांति यथाशीघ्र पैठाणी पद्धति से कराइये ,अन्यथा आप सदा भ्रमित ही रह जाएंगे।
हटाएंsir, dob 4/10/1977 time 6.45 am pob etah up mera court me civil service ka case chal rha hai kya usme success milegi, mera future kaisa hai
जवाब देंहटाएंउत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करते ही आपका दशमेश अस्त हो गया ,,सामान्य रूप से जिसे बुधादित्य योग बनाना था वो पंच महापुरुष योग 'भद्र' का निर्माण कार्नर से भी चूक गया ,,,द्वादस में बैठे सिंह राशि के शनि ने दिसम्बर 2013 के पश्चात अपने स्वभावानुसार आपको मुकदमें में उलझ दिया।लग्न में ग्रहण योग से पीड़ित सूर्य स्वयं का बचाव करने में समर्थ नहीं रहा ,अतः आपकी सहायता नहीं कर पाया .. ...... वर्तमान में दिसम्बर माह से बुध की अंतर्दशा आरम्भ हो रही है ,,,,पन्ना रत्न सवा आठ रत्ती चांदी में बनाकर धारण करें ,घर के उत्तरी कोने में तुलसी व मनी प्लांट लगाकर उसे नित्य जल दें ,,,मंगलवार को लाल सिन्दूर व लड्डू चलते पानी में बहाइये ,,, योग्य ब्राह्मणों द्वारा केरलीय विधि से ग्रहण व अनंत कालसर्प दोष की शान्ति गंगा के तट पर विधिपुर्वक कराइये ,,,, प्रभु ने चाहा तो अवश्य आप फाइनेंस ,टैक्स ,कस्टम आदि विभागों में अपना कर्रिएर बनाएंगे .. शुभकामनाएँ
हटाएंaadil khan male 30 September 1988 9 30 pm jila bundi rajasthan
जवाब देंहटाएंpndit ji career ko lelar behad pareshan hu pichle 7 -8 saalo se pareshn chl raha hu padaai ke shetr me bhi asafal raha or fir vyavsay kiya usme bhi safalta nahi mil paai he ..samjh nhi aaraha ki kya karu dimag soch soch ke pagl sa hogya he
Mera naam K Kumar hai. Janm Bali, Howrah, Paschim Bangal me 6 feb 1973 ko 11 baj kar 10 minute subah par hua hai.
जवाब देंहटाएंAbhi pita bahut bimar chal rahe hai aur aay ke sadhan bhi chhut gaya hai. Janawari 2016 me ek sadak accident me marte marte bacha hu. Left pair ki jaangh ki haddi toot gayi thi.
ham teen bhai hai. manjhle bhai se alag se pareshan hu.
Bhavn nirman ya Jameen sambandhi kary me safalta milegi kya. Aay ka sadhan kya aur kaisa hoga? Pita ki tabiyat me sudhaar hoga? Bhai se kaise mansik rup se pratadit hone se bachu?
प्रणाम सर ,
जवाब देंहटाएंमेरा नाम स्वेता है और मेरी समस्या सन्तान को लेकर है , मेरी जन्म तिथि 25-11-84,17:35 कोलकाता एवं मेरे पति का जन्म 21-09-84 समय 13:22 कोलकाता है विवाह को भी 7 वर्ष से अधिक हो गये है परन्तु संतान की प्राप्ति नहीं हुई कृपया कर इस सम्बन्ध में प्रकाश डाले और मार्गदर्शन करे .....
sir namaskar...mera nam akshay bhardwaj h
जवाब देंहटाएं25/11/1991
1:05pm
muradnagar(up)
sir maine suna h ar padha b h ki bhgwan sbko kisi na kisi uddeshy se bhejte h....job shadi to sabhi k jivan ka hissa h...par mai ye janna cahta hu ki mere jivan ka uddeshy kya h...mai kis liye aya hu ar kya mai apne lakshay k liye sahi raste per b hu ya nhi....kripya krke margdarshan kare....dhanyawad
Meri dob 19/2/1991
जवाब देंहटाएंTime-2:45am
Place-ghaziabad
Guru ji mujhe apne future k bare mei janna hai meri study...job kab tak lagegi...shaadi kab tak hogi...kaisi rhegi shaadi...month bata dijiye kab tak hogi...husband kaisa milega ....kya krta hoga...sahi rhegi shaadi ya nhi meri plz tell gurujii...
मेष -सिंह -धनु (अग्निकारक राशि) के नवमांश का आरम्भ मेष से होता है।
वृष -कन्या -मकर (पृथ्वी तत्वीय राशि ) के नवमांश का आरम्भ मकर से होता है।
मिथुन -तुला -कुम्भ (वायु कारक राशि ) के नवमांश का आरम्भ तुला से होता है।
कर्क -वृश्चिक -मीन (जल तत्वीय राशि ) के नवमांश आरम्भ कर्क से होता है।
आपने ये किस आधार पर बताया है
Guruji parnaam! Agar navmansh kundali me surya
जवाब देंहटाएंvrsh ke namansh me ko acchi tarha samjhaiye lagan or namansh kundali banakar aapki karpa hogi
Dear Sir,
जवाब देंहटाएंLove or Arranged marriage please check.
I am a Software Engineer in a reputed MNC in Bengaluru. I am searching match for me.
When I am seeing a girl's horoscope in matrimony site what should I see first and next to check compatibility.
I am a B.Tech I am looking someone from my caste (Brahmin) preferably with professionally qualified like B.Tech/MBBS/MCA/MBA .
Apart from that
Where is the problem ? when shall I get married.
How will be the beauty,education,job and nature of my wife.
How will be my in laws.
How will be my married life.
How will be my prosperity post marriage.
1. How can I check I mean what should I see in the girl's horoscope to decide she will match with me or not.
2. How to check if the girl had any affair before marriage.
3. How to check she will not have any affair after marriage.
4. Please tell me some formulae or shortcut or tips by seeing which I can be sure she will be a good partner for me and can proceed.
My birth details :
Date of Birth: 10 February 1981 Tuesday
Time of Birth: 21:43 (=09:43 PM), Indian Standard Time
Place of Birth: Bhubaneswar (Orissa), India
Latitude: 20.13N Longitude: 85.50E
Gender : Male ; Marital Status : Single
Regards,
Sumit
Nikhil Vyas
जवाब देंहटाएंDob-12/12/1993
Time-16:00
Place-Ahemedabad,Gujarat
Pranam Guruji
me apna carrier electrical field me banana chahta hu.kya me isme safalta paa sakunga.meri kundali me Mangal kesa result dega ?
MAYANK GANGIL
जवाब देंहटाएंDob-16/08/1989
Time-19:35
place-Morena M.P
Pranam Guru Ji
Me apna carrier transport field me banana chahta hu.kya me isme safalta
paa sakunga.aur meri kundali me shani kesa result dega?
व्यापार व्यवसाय के लिए सामान्यतः ज्योतिषी दशम भाव को महत्व देते हैं,,किन्तु वास्तव में लग्नेश की उपस्थिति से दशम भाव इसे अधिक प्रभावित करता है ,,ऐसे में शनि से दशम हमें शुक्र बुध की कन्या राशि को प्रभावित करता दिखाई देता है ,,, शुक्र का प्रभाव ट्रांसपोर्ट पर होता ही है ,किन्तु यहाँ बुध का स्वभाव तथा बुध आश्रित राशि का स्वभाव देखना भी महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में निर्णय ये होता है कि ट्रांसपोर्ट का काम आपको माफिक आ ही जाता है ,,किन्तु इसका उपयोग खनन ,,सरकारी विभागों में गाडी लगवाना,,बैंक आदि फाइनेंस से जुड़े विभागों में गाड़ियां आदि लगवाना ,सरकारी प्रोजेक्ट्स में उपयोग करने के रूपमें देखा जाता है।आप ओपल धारण कर लें।
हटाएंNamskar guruji
जवाब देंहटाएंMai mere bacche ke bare me puchana chahat hu..mera ladaka hai rishikesh usaka date of birth hai 19/8/1996 hai akola maharashtra time 3.25pm...meri ladki vaishnavi usaka date of birth hai 11/4/1999 akola maharashtra, time 12.25pm ....pl aap muje inke padhai aaur careers ke bare me puchana chahati hu...aaur ye bhavishya me kase rahenge...mere sath acche rahenge kya?...mera bhi date of birth hai 30/10/1971 hai akola (maharashtra)8.22pm time..
मात्र एक कुंडली का विवरण देकर एक ही प्रश्न करें सर आप ,,अन्यथा इस प्रकार के प्रश्न का चयन होने के बावजूद मैं उत्तर देने असमर्थ हूँ। ..एक कुंडली का विषलेषण करके फौरी तौर पर भी जवाब दिया जाए तो आधा घंटा कम से कम लग ही जाता है ,,आप ही बतायें की ये लगभग दो घंटे का काम कैसे मेरे लिए एक साथ सम्भव है ,, जबकि ये सुविधा बिना शुल्क के है ,,ऐसे में अपनी रिजक कमाने के लिए मुझे यहाँ भी क्लाइंट देखने होते हैं सर.....
जवाब देंहटाएंguru g ko pranam mera naam sumit kumar hai meri shadi 18 month ho chuke hai abhi tak santaan nahi ho payi hai usk liye mai bahut paresaan hun kripya maarg darsan karen d.o.b. 26-9-1980 time 6.30 pm janam sthan ghazipur utter pradesh
जवाब देंहटाएंप्रणाम पंडित जी
नाम: गौरव दूबे
जन्म तिथि: 30/08/1997
जन्म समय: 12:32 p.m. (दोपहर)
जन्म स्थान: मुम्बई
पंडित जी मेरे तीन प्रश्न हैं आशा हैं जवाब अवश्य मिलेगा।
प्रश्न
(1): मुझे नौकरी हेतु किस क्षेत्र में जाना च