***** अपना घर...क्यों नही हो रहा फलदायी ****
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प्रत्येक मनुष्य का सबसे प्रिय स्वप्न सदा से स्वयं का एक घर होना है,,,छोटा हो अथवा बड़ा,, किन्तु स्वयं के परिवार पर अपनी छत हो.....अनेकों बार देखने मे आता है कि मनुष्य अपने सर्वस्व झोंक कर अपने सपनो की कुटिया बनाने का सामर्थ्य नही जुटा पाता......गृह निर्माण आरम्भ ही नही हो पाता,,,,,ऐसा संजोग ही नही जुड़ पाता..... किसी प्रकार गृह निर्माण आरम्भ हो भी जाता है तो किसी न किसी कारण इसके पूर्ण होने में अड़चन आने लगती है...सामान्यतः गृह निर्माण आरम्भ से पूर्व जातक यथासंभव जानकार विद्वान ब्राह्मणों से सलाह लेता ही है,,,,,,किन्तु सामान्य पंचांग में दिए गए ग्रह निर्माण के सूत्रों के इतर कुछ विषय और होते हैं,,,जिनका जिक्र स्थानाभाव के कारण पंचांग में करना संभव नही होता.....जिज्ञासु पाठकों व पेशेवर ज्योतिषियों हेतु कुछ सूत्र देने का प्रयास कर रहा हूँ,,,,,,आशा है पाठक व ज्योतिषी दोनो को लाभ मिलेगा......
गृह आरम्भ करने से पूर्व कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है...पाठकों से निवेदन है कि जब भी अपने नए मकान का निर्माण आरम्भ करें..अपने ज्योतिषी से इस विषय में अवश्य जानकारी प्राप्त करें..क्योंकि निषेध समयकाल में आरम्भ किया गया मकान स्वयं मकान मालिक हेतु भी अशुभ फल उत्पन्न करने में सक्षम होता है...शाष्त्र कहता है कि सूर्य जिस नक्षत्र में हो ,उससे सात नक्षत्र आगे तक गृह निर्माण आरम्भ नहीं किया जाना चाहिए..इन सात नक्षत्रों के बाद आगे 11 नक्षत्र इस कार्य हेतु शुभ माने गए हैं..इससे आगे पुनः 10 नक्षत्र अशुभ माने गए हैं...अब अगर जिज्ञासु पाठक के मन में ये प्रश्न उठे कि इस क्रम में तो 7+10+11 तो 28 नक्षत्र हो रहे हैं जबकि सामान्यतः नक्षत्र 27 ही होते हैं तो सूचित कर दूँ कि इस गणना में अभिजीत को भी शामिल किये जाने का आदेश शाश्त्रों में है...इसी प्रकार गृह आरम्भ के समय यदि सूर्य नीच,अथवा निर्बल हो,अशुभ भावों में हो तो गृहस्वामी हेतु शुभ नहीं माना जाता....इसी क्रम में चंद्रमा को गृहस्वामिनी ,गुरु को सुख ,शुक्र को धन हेतु अशुभ माना जाना चाहिए...गृह निर्माण के आरम्भ में यदि सूर्य 3-6-11 भावों में हो तो शुभ माना गया है,8-12-2-4 में ये अशुभ फल प्रदाता है...केंद्र त्रिकोण में उच्च के गुरु-शुक्र मकान की आयु को बढ़ाने वाले कहे गए है...भविष्य में गृहनिर्माण सम्बन्धी विस्तृत लेख अपनी वेब साईट अथवा ब्लॉग पर देने का प्रयास करूंगा....
Rightsunshineforu.blogspot.in
WWW.astrologerindehradun.com
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प्रत्येक मनुष्य का सबसे प्रिय स्वप्न सदा से स्वयं का एक घर होना है,,,छोटा हो अथवा बड़ा,, किन्तु स्वयं के परिवार पर अपनी छत हो.....अनेकों बार देखने मे आता है कि मनुष्य अपने सर्वस्व झोंक कर अपने सपनो की कुटिया बनाने का सामर्थ्य नही जुटा पाता......गृह निर्माण आरम्भ ही नही हो पाता,,,,,ऐसा संजोग ही नही जुड़ पाता..... किसी प्रकार गृह निर्माण आरम्भ हो भी जाता है तो किसी न किसी कारण इसके पूर्ण होने में अड़चन आने लगती है...सामान्यतः गृह निर्माण आरम्भ से पूर्व जातक यथासंभव जानकार विद्वान ब्राह्मणों से सलाह लेता ही है,,,,,,किन्तु सामान्य पंचांग में दिए गए ग्रह निर्माण के सूत्रों के इतर कुछ विषय और होते हैं,,,जिनका जिक्र स्थानाभाव के कारण पंचांग में करना संभव नही होता.....जिज्ञासु पाठकों व पेशेवर ज्योतिषियों हेतु कुछ सूत्र देने का प्रयास कर रहा हूँ,,,,,,आशा है पाठक व ज्योतिषी दोनो को लाभ मिलेगा......
गृह आरम्भ करने से पूर्व कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है...पाठकों से निवेदन है कि जब भी अपने नए मकान का निर्माण आरम्भ करें..अपने ज्योतिषी से इस विषय में अवश्य जानकारी प्राप्त करें..क्योंकि निषेध समयकाल में आरम्भ किया गया मकान स्वयं मकान मालिक हेतु भी अशुभ फल उत्पन्न करने में सक्षम होता है...शाष्त्र कहता है कि सूर्य जिस नक्षत्र में हो ,उससे सात नक्षत्र आगे तक गृह निर्माण आरम्भ नहीं किया जाना चाहिए..इन सात नक्षत्रों के बाद आगे 11 नक्षत्र इस कार्य हेतु शुभ माने गए हैं..इससे आगे पुनः 10 नक्षत्र अशुभ माने गए हैं...अब अगर जिज्ञासु पाठक के मन में ये प्रश्न उठे कि इस क्रम में तो 7+10+11 तो 28 नक्षत्र हो रहे हैं जबकि सामान्यतः नक्षत्र 27 ही होते हैं तो सूचित कर दूँ कि इस गणना में अभिजीत को भी शामिल किये जाने का आदेश शाश्त्रों में है...इसी प्रकार गृह आरम्भ के समय यदि सूर्य नीच,अथवा निर्बल हो,अशुभ भावों में हो तो गृहस्वामी हेतु शुभ नहीं माना जाता....इसी क्रम में चंद्रमा को गृहस्वामिनी ,गुरु को सुख ,शुक्र को धन हेतु अशुभ माना जाना चाहिए...गृह निर्माण के आरम्भ में यदि सूर्य 3-6-11 भावों में हो तो शुभ माना गया है,8-12-2-4 में ये अशुभ फल प्रदाता है...केंद्र त्रिकोण में उच्च के गुरु-शुक्र मकान की आयु को बढ़ाने वाले कहे गए है...भविष्य में गृहनिर्माण सम्बन्धी विस्तृत लेख अपनी वेब साईट अथवा ब्लॉग पर देने का प्रयास करूंगा....
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