ये एक ऐसा प्रश्न है जो जाने अनजाने सभी के मन को कचोटता रहता है,सफलता की कोई सीमा नहीं है न ही कोई सर्वमान्य मापदंड इसके लिए तय हुआ है.हर इंसान सदा आगे ही बदना चाहता है और इसी कारण हर वो मंजिल उसे छोटी लगती है जिसे वह हासिल कर चुका होता है. और आगे ,और ऊंचा और बड़ा ,और ...और ....और......और...पता ही नहीं लगता की इस और के फेर में कब जीवन की संध्या बेला आ गयी .
जीवन को चलने के लिए धन की आवश्यकता होती है,व धन प्राप्ति के लिए कोई न कोई रोजगार चाहिए.ज्योतिषीय पहलु से देखें तो दशम ,तृतीय व लग्न का आपस में किसी प्रकार का सम्बन्ध होना व इस में भाग्य भावपति का छोटा सा भी किरदार बेहतरीन छोंके का काम करता है.जातक अमूमन दसम भाव से सम्बंधित या दशम भाव को प्रभावित करने वाले ग्रह से जुड़ा हुआ ही कोई कार्य अपने जीवन में करता है. इसमें सफलता इस बात पर निर्भर करती है की लग्नेश व पराक्रमेश का आपस में कैसा सम्बन्ध है.यदि लग्नेश पराक्रमेश से आगे स्थापित होता है तो जातक जितनी मेहनत करता जाता है उतना ही फल उसे प्राप्त होता जाता है. यदि इसी क्रम में भाग्येश भी पराक्रमेश से आगे हो जाता है तो जातक कम मेहनत में ही अधिक सफलता प्राप्त करने लगता है.अब आप सोच रहे होंगे की इसमें दशमेश का क्या रोल है.बंधुओ दशमेश ही यह निर्धारित करता है की वह सफलता कितनी टिकाऊ है?इसी के उलटे क्रम में यदि लग्नेश व भाग्येश पराक्रमेश से पीछे होते हैं तो जातक लगातार अपनी और से तो मेहनत करता जाता है किन्तु सफलता उससे कोसों दूर रहती है.वह आगे आने के लिए निरंतर संघर्षरत रहता है किन्तु भाग्य सदा उसे निराश करता है.
पराक्रमेश व दशमेश एक लाइन में होते हैं ,अब यदि इनके स्वाभाव में नैसर्गिक विषमता होती है तो जातक की क्षमताओं का उचित मूल्यांकन नहीं हो पता.उदाहरण के लिए वृश्चिक लग्न में यदि पराक्रमेश शनि कहीं से भी दशमेश सूर्य को प्रभावित कर देता है तो जातक नौकरी नहीं कर पता.या तो उसे नौकरी मिलती ही नहीं या मिलती भी है तो वह अधिक समय तक उस में टिक नहीं पाता.अततः जातक को चाहिए की ऐसे में नौकरी पर समय ख़राब न कर स्वयं का कार्य व्यवसाय करे.क्योंकि सूर्य के प्रभाव के कारण वह साधारण स्तर की नौकरी कर नहीं पाता व शनि का प्रभाव उसे उच्च स्तर की नौकरी पाने नहीं देता.अततः यहाँ ऐसा कार्य जिसमे जातक खुद ही बॉस हो ,ठीक रहता है.यहाँ उसके हुनर उसकी काबिलियत को सही दिशा व उचित फल प्राप्त होता है. मेरे एक जानने वाले महाशय इसी योग के फलस्वरूप कुछ साल साधारण स्तर की नौकरी में बर्बाद कर आखिर में स्वयं के धातुओं के व्यवसाय में उतर कर अब मोटा प्रोफिट छाप रहे हैं.
अततः यदि कभी ऐसा महसूस करें तो किसी अच्छे ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाकर ये जान लें की कहीं आप दशमेश के स्वाभाव के विपरीत काम धंदे में तो नहीं हैं.एक छोटा सा टर्न आपके लिए सफलता के द्वार खोलने में सक्षम है.
mere liye kya kaam sahi rahega.my dob is 01-01 1968,11:53 PM,reewa mp
जवाब देंहटाएंguru ji pranam ... NAME SANJAY KUMAR SHARMA , DOB 26-11-1965
जवाब देंहटाएंTIME 08:00 PM
NEW DELHI-INDIA PLS ADVICE ABOUT MYSELF & FACING DEBT PROBLEM PLS ADVICE
mere liye kya kaam sahi rahega
गुरूजी मेरी जन्म दिनाक 25मार्च1980 रात के 9:30 hardoi up india में हुआ है और वर्तमान में यूपी के शाहजहांपुर के एक दैनिक समाचार पत्र में पत्रकार है लेकिन काम को देखते हुए ठीक फल नही मिल रहा है क्या करे
जवाब देंहटाएंjagdish thakur birth date 22 dec 1981, Time : 2.25 am , birth place : chandigarh
जवाब देंहटाएंpandit jee pranam.
जवाब देंहटाएंmeri life me hamesha problem rahti hai ठीक फल नही मिल रहा है क्या करे
date 22 dec 1981, time 2.25 am, place chandigarh
life mein ठीक फल नही मिल रहा है क्या करे
जवाब देंहटाएंdate of birth 22 dec 1981, time 2.25am, chandigarh
Sir plz success for life tip
जवाब देंहटाएंpanditji pranam ple. btaye ki bhagasha aur parakramash aga ho yh ksa jana kripaya vistarsa bataeye
जवाब देंहटाएंPranam pandit ji apka lekh bhut hi gyanvardhak hota hai aisa gyanvardhak kekh dene ke liye thanks
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंbhut hi gyanvardhak lekh hai thanks
जवाब देंहटाएंNamaste guruji mera naam arjun hai
जवाब देंहटाएंDOB 05.01.1989
Time 10:12 am jaipur rajasthan
Guruji aapke lekh ko padh kr laga jaise mere mnn ki stithi ka varnan hai. Mai ek choti company me computer operator hu or mere ofc me koi mujhe tu kehta h ya boss bn ke order deta hai to gussa or aatma samman haavi ho jata hai. 4 saal se hu 6000 salary h. Marg darshan de guru ji naukri kru ya vyavasay or konsa kru.