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भ्रमनचक्र का अष्टम लग्न मैं व्यक्तिगत रूप से सर्वाधिक प्रबल लग्न मानता आया हूँ.कारण इसमें अधिकतर ग्रहों का करक होना है.लगभग सभी ग्रह इस लग्न के जातक को सदा सहायक रहने का प्रयास करते हैं.ऐसे में उन ग्रहों का जरा भी अच्छी स्थिति में होना सोने पर सुहागे का काम करता है.इसी कारन अमूमन वृश्चिक लग्न के जातक अन्य जातकों की अपेक्षा अधिक कार्यकुशल ,संभावनाओं से भरपूर व भाग्यशाली होते हैं .ग्रह-नक्षत्र कदम कदम पर उनका साथ देते हैं,इसी कारण चीजें उनके लिए सहज होती हैं.बचपन से ही किसी प्रकार का अभाव इन्हें नहीं मिलता,परिणामस्वरूप ये बहुत ज्यादा लापरवाह हो जाते हैं.किसी भी अवस्था में न घबराना और स्थिति को कुछ ज्यादा ही सहज रहकर निबटने की प्रवृत्ति इन्हें लापरवाह बना देती है,और इसी कारण ये सुनहरे मौकों को चूक जाते हैं.सदा आगे रहने की इच्छा ,अपने ज्ञान पर जरूरत से ज्यादा विश्वास इन्हें ले डूबता है.
इस कुंडली में ज्ञान का नैसर्गिक ग्रह ब्रहस्पति यदि भाग्य भाव में विराजमान हो जाता है तो ये अपने आप में ही कई योगों की रचना करने में सक्षम हो जाता है.कर्क राशि गुरु की उच्च की राशि है,साथ ही यहाँ से गुरु की पंचम दृष्टी लग्न पर अपनी मित्र राशि पर पड़ती है.जरा गौर करें की जिस राशि में गुरु उच्च हैं लग्न में उस उच्च राशी स्वामी की नीच राशि होती है , साथ ही भाग्य भाव में (लग्नेश मंगल के मित्र होने के बावजूद) लग्नेश की नीच राशि होती है.इस प्रकार यह लगभग एक प्रकार का नीच भंग (मैं लगभग कह रहा हूँ)योग व राशि परिवर्तन योग जैसा ही कुछ समीकरण बनने लगता है.ब्रहस्पत्ति दो द्विस्वभाव राशियों के स्वामी होते हैं,ऐसे में जब ये उच्च के होकर लग्न को प्रभावित करने लगते हैं तो जातक के अन्दर अपने आयु वर्ग के अन्य जातकों की तुलना में तिगुना ज्ञान पनपने लगता है.इसी कारण वह शुरूआती शिक्षा में तेजी से आगे बढता है,अपने मुकाबले उसे बड़े भाई बहनों की पुस्तकें अधिक आकर्षित करने लगती हैं.अपने स्तर से ऊँची किताबें वह पड़ना चाहता है.समझ लीजिये बिजली की हाईटेंसन की लाइन से वह सीधा अपने घरेलु उपकरण के लिए बिजली प्राप्त करने लगता है,जिसके कारण सर्किट उड़ने लगते हैं.बीच में कोई ट्रांसफार्मर नहीं,कोई रेगुलेटर नहीं.
ऐसे ही गुरु का ज्ञान बिना उचित अवरोध के जातक के दिमाग को भ्रमित कर देता है.हर विधा में वह अपना दखल रखने की कोशिश करता है.ऐसे में यदि गुरु को बुध का साथ मिल जाता है तो धन के लिए तो ये प्रचंड योग का निर्माण करता ही है साथ ही जातक का भाषा पर भी असाधारण अधिकार होने लगता है. किस्से कहानियां सुनाना , भाषणबाजी करना ,गप्पें मारना उसका पसंदीदा शगल होता है. यदि इस अवस्था में जातक को सही घरेलु माहौल व सही मार्ग दर्शन मिल जाये तो दुनिया में कुछ भी उसके लिए असंभव नहीं रहता वरना यही योग उसे राह से भटकाकर पीछे कर देता है.ऐसे जातक शुरू में टॉपर होते हैं किन्तु नवी -दशमी के स्तर पर आते आते उनका ग्राफ गिरने लगता है.फेल होने की नौबतें आने लगती हैं.
इस लग्न में दशम भाव में ग्रहों के राजा सूर्यदेव की सिंह राशि होती है.अब यदि सूर्यदेव स्वराशी में विराजमान हो जाते हैं तो जातक के अन्दर जन्मजात राजा के गुण आ जाते हैं.वह कक्षा में पीछे नहीं बैठ सकता,जीवन में छोटे स्तर की नौकरी नहीं कर सकता.यदि क्लास में उसके अलावा किसी और को मोनिटर बना दिया तो उसके लिए असहनीय हो जाता है,वह हाथ धोकर उस के पीछे पड़ जाता है. नौकरी के दौरान अपने सीनिअर्स से ,व अधिकारीयों से उसकी नहीं पट पाती,क्योंकि वह तो जन्मजात राजा है.अब भला उस पर किसी का हुक्म कैसे चल सकता है?
लग्नेश की युति कहीं पर भी शुक्र के साथ हो जाती है तो जातक को मूत्र स्थान से सम्बंधित रोग होने लगते हैं.अत्यधिक कामुकता उस पर हावी होने के आसार बन जाते हैं.महिला मित्र ज्यादा होने लगती हैं .जिस कारण लग्नेश व व्ययेश की युति के कारण जातक शौक़ीन मिजाज़ हो जाता है.अच्छा पहनना ,खुश्बू,आदि के पीछे वह अधिक खर्चा करने लगता है.अपनी चादर से ज्यादा पैर पसारने की आदत जीवन में बैंक बैलेंस को सदा ही निल रखती है.
चंद्रमा इस लग्न में बड़ा महत्त्व रखता है,क्योंकि भाग्य भाव का स्वामी होता है.लग्न में चन्द्रमा की नीच राशि होती है अततः यदि चंद्रदेव जरा भी बुरे प्रभाव में आते हैं तो जातक का अपनी माता से सम्बन्ध सामान्य नहीं रह पाते,सदा खट-पट बनी रहती है.और जितना अधिक जातक का अपनी माता से वैचारिक मतभेद बढने लगता है उतना ही भाग्य उसके साथ छल करने लगता है.इसी अवस्था के कारण जातक कई शानदार मौके जीवन में चूक जाता है.अततः पूर्ण प्राण-प्रतिष्ठा के साथ साथ सदा मोती धारण करे रहना शुभ फलदायक होता है.
अगले लेख में कभी किसी और लग्न पर चर्चा करने का प्रयास करूँगा.इस लेख पर अपनी राय अवश्य दें.
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भ्रमनचक्र का अष्टम लग्न मैं व्यक्तिगत रूप से सर्वाधिक प्रबल लग्न मानता आया हूँ.कारण इसमें अधिकतर ग्रहों का करक होना है.लगभग सभी ग्रह इस लग्न के जातक को सदा सहायक रहने का प्रयास करते हैं.ऐसे में उन ग्रहों का जरा भी अच्छी स्थिति में होना सोने पर सुहागे का काम करता है.इसी कारन अमूमन वृश्चिक लग्न के जातक अन्य जातकों की अपेक्षा अधिक कार्यकुशल ,संभावनाओं से भरपूर व भाग्यशाली होते हैं .ग्रह-नक्षत्र कदम कदम पर उनका साथ देते हैं,इसी कारण चीजें उनके लिए सहज होती हैं.बचपन से ही किसी प्रकार का अभाव इन्हें नहीं मिलता,परिणामस्वरूप ये बहुत ज्यादा लापरवाह हो जाते हैं.किसी भी अवस्था में न घबराना और स्थिति को कुछ ज्यादा ही सहज रहकर निबटने की प्रवृत्ति इन्हें लापरवाह बना देती है,और इसी कारण ये सुनहरे मौकों को चूक जाते हैं.सदा आगे रहने की इच्छा ,अपने ज्ञान पर जरूरत से ज्यादा विश्वास इन्हें ले डूबता है.
इस कुंडली में ज्ञान का नैसर्गिक ग्रह ब्रहस्पति यदि भाग्य भाव में विराजमान हो जाता है तो ये अपने आप में ही कई योगों की रचना करने में सक्षम हो जाता है.कर्क राशि गुरु की उच्च की राशि है,साथ ही यहाँ से गुरु की पंचम दृष्टी लग्न पर अपनी मित्र राशि पर पड़ती है.जरा गौर करें की जिस राशि में गुरु उच्च हैं लग्न में उस उच्च राशी स्वामी की नीच राशि होती है , साथ ही भाग्य भाव में (लग्नेश मंगल के मित्र होने के बावजूद) लग्नेश की नीच राशि होती है.इस प्रकार यह लगभग एक प्रकार का नीच भंग (मैं लगभग कह रहा हूँ)योग व राशि परिवर्तन योग जैसा ही कुछ समीकरण बनने लगता है.ब्रहस्पत्ति दो द्विस्वभाव राशियों के स्वामी होते हैं,ऐसे में जब ये उच्च के होकर लग्न को प्रभावित करने लगते हैं तो जातक के अन्दर अपने आयु वर्ग के अन्य जातकों की तुलना में तिगुना ज्ञान पनपने लगता है.इसी कारण वह शुरूआती शिक्षा में तेजी से आगे बढता है,अपने मुकाबले उसे बड़े भाई बहनों की पुस्तकें अधिक आकर्षित करने लगती हैं.अपने स्तर से ऊँची किताबें वह पड़ना चाहता है.समझ लीजिये बिजली की हाईटेंसन की लाइन से वह सीधा अपने घरेलु उपकरण के लिए बिजली प्राप्त करने लगता है,जिसके कारण सर्किट उड़ने लगते हैं.बीच में कोई ट्रांसफार्मर नहीं,कोई रेगुलेटर नहीं.
ऐसे ही गुरु का ज्ञान बिना उचित अवरोध के जातक के दिमाग को भ्रमित कर देता है.हर विधा में वह अपना दखल रखने की कोशिश करता है.ऐसे में यदि गुरु को बुध का साथ मिल जाता है तो धन के लिए तो ये प्रचंड योग का निर्माण करता ही है साथ ही जातक का भाषा पर भी असाधारण अधिकार होने लगता है. किस्से कहानियां सुनाना , भाषणबाजी करना ,गप्पें मारना उसका पसंदीदा शगल होता है. यदि इस अवस्था में जातक को सही घरेलु माहौल व सही मार्ग दर्शन मिल जाये तो दुनिया में कुछ भी उसके लिए असंभव नहीं रहता वरना यही योग उसे राह से भटकाकर पीछे कर देता है.ऐसे जातक शुरू में टॉपर होते हैं किन्तु नवी -दशमी के स्तर पर आते आते उनका ग्राफ गिरने लगता है.फेल होने की नौबतें आने लगती हैं.
इस लग्न में दशम भाव में ग्रहों के राजा सूर्यदेव की सिंह राशि होती है.अब यदि सूर्यदेव स्वराशी में विराजमान हो जाते हैं तो जातक के अन्दर जन्मजात राजा के गुण आ जाते हैं.वह कक्षा में पीछे नहीं बैठ सकता,जीवन में छोटे स्तर की नौकरी नहीं कर सकता.यदि क्लास में उसके अलावा किसी और को मोनिटर बना दिया तो उसके लिए असहनीय हो जाता है,वह हाथ धोकर उस के पीछे पड़ जाता है. नौकरी के दौरान अपने सीनिअर्स से ,व अधिकारीयों से उसकी नहीं पट पाती,क्योंकि वह तो जन्मजात राजा है.अब भला उस पर किसी का हुक्म कैसे चल सकता है?
लग्नेश की युति कहीं पर भी शुक्र के साथ हो जाती है तो जातक को मूत्र स्थान से सम्बंधित रोग होने लगते हैं.अत्यधिक कामुकता उस पर हावी होने के आसार बन जाते हैं.महिला मित्र ज्यादा होने लगती हैं .जिस कारण लग्नेश व व्ययेश की युति के कारण जातक शौक़ीन मिजाज़ हो जाता है.अच्छा पहनना ,खुश्बू,आदि के पीछे वह अधिक खर्चा करने लगता है.अपनी चादर से ज्यादा पैर पसारने की आदत जीवन में बैंक बैलेंस को सदा ही निल रखती है.
चंद्रमा इस लग्न में बड़ा महत्त्व रखता है,क्योंकि भाग्य भाव का स्वामी होता है.लग्न में चन्द्रमा की नीच राशि होती है अततः यदि चंद्रदेव जरा भी बुरे प्रभाव में आते हैं तो जातक का अपनी माता से सम्बन्ध सामान्य नहीं रह पाते,सदा खट-पट बनी रहती है.और जितना अधिक जातक का अपनी माता से वैचारिक मतभेद बढने लगता है उतना ही भाग्य उसके साथ छल करने लगता है.इसी अवस्था के कारण जातक कई शानदार मौके जीवन में चूक जाता है.अततः पूर्ण प्राण-प्रतिष्ठा के साथ साथ सदा मोती धारण करे रहना शुभ फलदायक होता है.
अगले लेख में कभी किसी और लग्न पर चर्चा करने का प्रयास करूँगा.इस लेख पर अपनी राय अवश्य दें.
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guruji kanya lagna graho ka fal batayo
जवाब देंहटाएंmeri janme kundli bhi is terhe hai
जवाब देंहटाएंname govind
date 18/11/1989
state gulabpura (bhilwara raj.)
Time 7:15 morning
भाग्येश स्वयम् के भाव में ग्रहण योग बना रहा है.सच्चा मोती चाँदी में धारण करें वा गाय को बातशे खिलाएँ . चमत्कार का अनुभव होगा.
हटाएंnamste pandit ji,
जवाब देंहटाएंmai वृश्चिक लग्न ka hoo , krupaya mujhe bataye mujhe kounanasa business karana chahiye, kya mujhe mujhe business fayademand hai ya nahi kripaya margdarshan kare,
my date of birth = 25/11/1985
birth time = 07:15 AM
birth place = Kolhapur
state = Maharashtra
dhanyawad.
कुंडली पूर्ण रूप से अध्ययन की मांग करती है ,क्योंकि काफी अजीब से स्थिति ग्रहों की बन रही है ,फिर भी जहाँ तक कार्य की बात है आप नौकरी प्राप्त अवश्य करेंगे किन्तु उसे लम्बा नहीं खींच पायेंगे व आखिरकार स्वयं का व्यवसाय करेंगे .व्यवसाय धातु या होटल आदि की लाइन से जुड़ा हो तो बेहतर रहेगा .आप दवाओं आदि से भी किसी प्रकार नौकरी आदि के समय जुड़ सकते हैं .आपको अपनी एक जगह न टिक पाने की आदत को लगाम लगाना होगा .बार बार जो मन आपका इधर उधर भागता रहता है उस पर नियंत्रित हुए बिना काम नहीं बन पायेंगे ,आज से दस साल बाद जब भी आप अपने को पीछे मुड़कर देखेंगे तो पायेंगे की आपने जिन लोगों के प्रति अपना समय बर्बाद किया उन्होंने सदा ही आपको धोखा दिया।अतः अभी से अपना समय अपने लिए भी निकलना सीखें .आपके पिता के कोई भाई अथवा पहले की कोई स्त्री यदि अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए हैं तो उनका उपचार आवश्यक है .
हटाएंनाम विद्याधर चौमाल 28अप्रैल 1979 समय 8:15 मिनट pm मेरी कुंडली के बारे में बताओ प्लीज़
हटाएंpandit ji pranam,
जवाब देंहटाएंmai prashant pandey, rewa (m.p.) se hu. mera janm lagan vrischik aur rashi singh hai , meri kundli me kaalsarp yog hai iska kya prabhav hoga?
my date of birth = 01/11/1983
birth time = 07:55 AM
birth place = shahdol
state = Madhya pradesh
vrishik lagan me mangal ki sabse achhi postion 10th house me hoti hai kya kyunki 1st house me to mangalik dosh dega..?
जवाब देंहटाएंस्वराशि का मंगल भला क्यों कर मांगलिक दोष उत्पन्न करेगा ,अपितु यहाँ पर तो इसे रुचक नामक पंचमहापुरुष योग देने वाला होना चाहिए पाण्डेय जी . दशम भाव में भी ये बड़ा जबरदस्त दम दिखाने का सामर्थ्य रखता है .जातक आवश्यकता से अधिक प्रभाव दिखाने वाला हो सकता है .यहाँ पर यदि चंद्रमा को भी आपरेट करा दिया जाय तो यही मंगल प्रबल राजयोग प्रदान कर सकता है .
हटाएंpandit ji pranam,
जवाब देंहटाएंvikas srivastava
my date of birth 20-4-88
birth time 1:50pm
birth place -varanasi
meri naukari ke bare kuch btane ki kropa kare kaun sa rtna dharn karu
सदा खुश रहो विकास बाबू . सिंह लग्न में कर्क राशि के पुष्य नक्षत्र में आपका चयन हुआ है .लग्नेश भाग्य भाव में उच्च ,भाग्येश उच्च व जीवन के सभी भौतिक सुखों को प्रदान करने वाले शुक्र देव मालव्य योग का निर्माण कर रहे हैं .आप अगले वर्ष के मध्य के बाद ही सुन्दर नौकरी प्राप्त कर चुके होंगे ,ऐसा संकेत मिल रहा है .थोडा अपने गुस्से पर नियंत्रण रखें व कहीं से भी किसी को अपने घमंडी होने का आभास न कराएँ .अपने जीवन के २८ वें वर्ष में आप पूर्णत स्थिति को नियंत्रित कर चुके होंगे .मूंगा व मोती एक साथ लाकेट में धारण करें .और कुछ करने की आवश्यकता नहीं है .स्वास्थ्य अभी तीन एक वर्ष तक कष्ट दे सकता है ,बाकी प्रभु की कृपा आप पर है .शुभकामनाएं .
हटाएंguruji pranam, jyoti singh my date of birth 11-01-1986 time 11:10am kanpur (up) meri govt job ke bare me bataye konsa ratn dharan karu
जवाब देंहटाएंसदा खुश रहें ज्योति जी ,प्रभु ने आपका चयन सरकारी विभाग में अवश्य तय किया हुआ है .इसी वर्ष के मध्य से योग आरम्भ हो चूका है जो अगले वर्ष के मध्य तक आपको आपकी इच्छा पूर्ती में सहायक होगा .पुखराज सवा पांच रत्ती पूर्ण विधिविधान से धारण करें .
हटाएंapna amulya samay dene ke liye bahut bahut dhanywad guruji .guruji pukhraj kafi mahanga padega kyuki use gold me banwana padta h or meri arthik sthiti itni achi nahi h .to kya me iske alawa koi dusra ratn ya koi or upay kar sakti hu .kripya avashy batayen .
हटाएंज्योति ,पुखराज आपको अष्टधातु में धारण करना है .साथ ही इसे बहुत महंगा व्यावसायिक लोगों ने बना दिया है .यदि आपको कहीं से यह सही कीमत में नहीं उपलब्ध हो रहा तो आप निस्संकोच हमसे संपर्क करें .सवा पांच रत्ती का उत्तम पुखराज मात्र पांच हजार (अंगूठी में लगवाकर ) या इससे थोडा कम कीमत का ही होता है .पुखराज न पहन पाने की अवस्था में सवा नौ रत्ती सुनैला जो की मात्र हजार रुपैये कीमत का होगा धारण करें .
हटाएंPranam Guru ji apke margdarshan aur gyanvardhan ke liye sahariday dhanyavad ....
जवाब देंहटाएंMeri Sarkari naukari nahi lag pa rahi hai pichle prayason me 2 ya 3 marks se nahi hua ,jaisa ki meri kundali me Mahapadm Kalsarp yog hai ,uska nivaran maine pahle nasik me kara liya hai.roj surya ko jal bhi deta hu ,, kripya mera marg prasast karen.
my details are:
name-Abhay Tiwari
D.O.B- 23/feb/1985
Time-00:05 night
Place-Gorakhpur (Up)
अभय जी,बहुत बहुत आशीर्वाद.दशम भाव पर शनि की दृष्टि इस लग्न में सरकारी नौकरी
हटाएंमें बाधक मानी गयी है.किन्तु फिर भी सूर्य का प्रभाव अवश्य सफलता का कारक बन सकता है.प्रयास करते रहें.दशमेश का अपने से सप्तम में होना,सप्तमेश जो की दशम भाव को सत्ता देने वाला घर है ,उसके स्वामी का भाग्येश व लग्नेश से युति करना ,विवाह के पाश्चात ,विशेषकर संतान के बाद आपको
सत्ता ,पद,व अधिकार का सुख देने का सामर्थ्य रखता है.अभी एक गोमेद धारण करें.दस माह के
भीतर अपना फल दे देगा.बाकी कोई चिंता की आवश्यकता नहीं है आपको.भाग्येश अपने से भाग्य भाव में लग्नेश व संसार के समस्त सुख दमे वाले उच्चस्थ शुक्र के साथ है.तुम तो मुकद्दर के सिकंदर हो भैय्या,तुम्हे भला क्या कमी हो सकती है जीवन में.खुश रहो मस्त रहो.बस चरित्र को बनाये रखना.शुभ कामनाएँ
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंनाम - विवेक ,तारीख -26-12-85 ,समय -4:45 am,स्थान -खण्डवा (मप्र)...पंडित जी कृपया मार्ग दर्शन करे बहोत परेशान हूँ ...नोकरी नही है....काम मे व्यवधान बहोत आते है...सरकारी नोकरी के चांस है क्या ?धन्यवाद ...प्रतीक्षा रत...
जवाब देंहटाएंnamaskar
जवाब देंहटाएंname shikha
dob 6/6/1988
time 6:15 pm
place kanpur(UP)
mujhe ratn aur anya faldayak upayo ka marg darshan kare ..
aur hmm kya pukhraj mere liye upyukt rahega..
pandit ji namaskar
जवाब देंहटाएंName - Vivek
Date Of Birth = 02 july 1983
Birth Time = 5:34 PM
Birth Place = Haridwar (Uttarakhand)
Kirpya Mujhe bataye ki mujhe manik pahnna chaiye ya munga aur kitne rati ka aur ratna ko pure rati main pehna ja sakta hai jaise 7 ya 8 kya sawa saat ya sawa aath hi hona jaroori hota hai
विवेक जी ,जून 14 तक कोई भी रत्न धारण करने से परहेज करें ,साथ ही मंगल को मजबूत बनायें.अधिक आवश्यकता आपको फिलहाल अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की है.हाथ पैरों में दर्द आदि किसी तकलीफ में अन्य बातों के साथ साथ यूरिक एसिड का ध्यान रखें.
हटाएंaapka bohot bohot dhanyawad
हटाएंDear Gurudev
जवाब देंहटाएंcharan sparash maine aapka grahan yog ka article padha aur muze behad accha laga .aap jaise guruwray ka kripya aapne liye margdarshan chahta hu mere jeevan bahot sare parshaniya waise hi hai jaise aapne iss yog ke bare mai likha hai pichale 6 saal se to mai atyadhik pareshan hu naukri nahi koi jeevan mai disha hi nahi aise hi mai yaha waha ghum raha hu jeevan ek mritutulay lasht ho chuka hai ahalaki mere kundali mai bhi dhan sthan mai chandra rahu hai .kripya aap mere kundali ek baar dekh ke taki mai mere chothe bacche mata pita aur samaj ke liye kuch kar saku philhal mai poona mai basa hu jeevan ekdam shunya awstha mai hai kripya eska life time soution bataye
mere details 16june 1978
time 11.27a.m
place lalganj(raibareli)u.p
aapke margdarshan ka abhilashi hu
Panditji PRANAM
जवाब देंहटाएंD.O.B. 21.10.1978 8.10 AM
PLACE ARAMBAGH IN W.BENGAL
mere santan sukh jiban me kab tak ayega?
panditji sadar pranam
जवाब देंहटाएंD.O.B. 21.10.1978 8.10 AM
PLACE ARAMBAGH IN W.BENGAL
mere santan sukh jiban me kab tak ayega?
पंडित जी सादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंपंडित जी काफी परेशान हू पिछले कई सालो से..... कई पंडित बता चुके है कि २०१५ अच्छा है तो कुछ २०१४ अच्छा रहेगा ऐसा बताते है..... मैं क्या करू... कृपया मार्गदर्शन करे । जन्म तिथि १९-०३-१९८७ जन्म समय ११:३० रात्रि। जन्मस्थान सागर म. प्र.
bade bhai ki janm tithi 22-01-1967 02.41 am raigarh .c.g uchh ke guru ne vakri ho kar apekshit labh nahi diya shani ki dasha kaisi hogi . ve sakriy rajniti me jana chahte hai ..uchit hoga ya nahi .....unhe koun sa vyapar karna chahiye .....kya unhe koi uchhpad prapt hoga ya nahi
जवाब देंहटाएंaapne abhi tak uttar nahi diya kripaya uttar dijiye
हटाएंpanditji sadar pranam
जवाब देंहटाएंmera naam prerna sinha hai. date of birth- 22-03-1985 place-chapra, bihar time-7:51 am
meri job kab tak hogi aur meri shadi v kab tak hogi...
pandit g pranam
जवाब देंहटाएंmera janam time 30.10.1955
जवाब देंहटाएंhai shuru se le kar abhi tak preshan hi hoon old age mein kia karoon koee rasta nazar nahin aata
janam time 30.10.1955 hai meri financial possition batein
जवाब देंहटाएंpl.jwab de
जवाब देंहटाएंGuru ji pranam ,
जवाब देंहटाएंmera janam tarikh 25sept 1979 hai .Time 10:45 am hai
mai kaun sa ratna dharan kar sakata hu.
कोई ग्रह भाव( चलित )
जवाब देंहटाएंया राशी ( लग्न ) अलग-अलग स्थानों मे होतो कौनसे भाव को महत्व दिया जाना चाहिये .?
मैं लग्न को अधिक महत्वपूर्ण पाता हूँ.चलत में ग्रह का अन्य राशि में होना संकेत करता है की अभी छेड़ छाड़ की गुंजाईश है.
जवाब देंहटाएंguru ji pernam,aaj hi maine aapka ye lekh pada, bahut accha laga. guru ji please singh lagan ke bare me bhi kuchh batai.
जवाब देंहटाएंलेख पसंद करने हेतु आभार.शीघ्र ही सिंह लग्न पर विचार करेंगे.
जवाब देंहटाएंGuruji Sadar Pranam
जवाब देंहटाएंMera Naam Javed Maleek He
Mera janam date:24/02/1982
Subah: 02:06:17 AM
ko hua hai
uttar pradesh
Dist-gonda
mujhe kya karna hai?
kyaa nahi karna?
sub kuchh baataye
danyavaad
लोहा ,चीड़फाड़ ,होटल व रेलवे आदि क्षेत्रों में आपका कार्य व्यवसाय शुभ फल देगा। स्वास्थ्य के प्रति सदा सचेत रहें ,विशेषकर गर्भ से सम्बंधित किसी प्रकार का ऑपरेशन आदि संभव है। सिर व चेहरे पर चोट ,तक्लीफ़ से बचाव हेतु पुखराज धारण करें।वर्तमान में समय व्यवसाय आदि को बढ़ाने हेतु शुभ है
हटाएंपंडित जी प्रणाम। मेरी वृश्चिक लग्न की कुंडली है।
जवाब देंहटाएं28- September-1983
10:06 am
Budaun
कहते हैं की चन्द्रमा से गुरु केंद्र में होने से गजकेसरी योग बनता है जो की मेरी कुंडली में है परन्तु गुरु के साथ केतु भी बिराजमांन हैं क्या इससे ये योग ख़त्म हो जाता है? कृपया उत्तर दें ?????
वृश्चिक लग्न में गजकेशरी योग का लाभ तब तक प्राप्त नहीं हो सकता जब तक जातक स्वयं को धर्म या अध्यात्म से नहीं जोड़ता। राम की भक्ति इसमें बड़ी सहायक है। भाग्येश होकर चन्द्रमा को लग्न में नीच राशि का फल प्राप्त होता है वहीँ गुरु की मूलत्रिकोण राशि से ये द्वादश होती है। ज्योतिष में त्रिकोणों का बड़ा महत्त्व है भैय्या। अपने फल के रूप में भाग्येश को नीच की राशि मिल रही है वो भी लग्न जैसे पावरफुल स्थान में। सहयोगी की मूलत्रिकोण छठे होकर मारक द्वितीय भाव में जाती है। इसी लिए सबसे अधिक पितृ दोष का प्रभाव इसी लग्न में मिलता है जो परम्परागत सोच रखने वाले ज्योतिषियों की नजर में नहीं आता।
हटाएंpandit ji please mujhe bataye meri nokari kab lagegi, or mujhe kis field me nokari ke liye mehnat karni chahiye. or mera ane bala bhagy kaisa hoga.
जवाब देंहटाएंname: anuradha
D'birth: 10/07/1992
time: 04:55pm
place: varanasi
अध्यापन अथवा बैंकिंग हेतु प्रयास कीजिये ,अगले वर्ष के मध्य से योग आरम्भ हो रहे हैं। स्वास्थ्य हेतु विशेष सावधान होने की आवश्यकता है (आँखों -सिर -चेहरे )पुखराज धारण कीजिये।
हटाएंpandit ji please mujhe ye bataye mere bhai ki kab achi nokari lagegi.ise samay koi bhi nakari unki lag nahi rahi hai rukabte aa rahi hai kiyu,kripya bataye. or unke ane bale samaye ke kaisa hoga.
जवाब देंहटाएंname: durgesh
D'birth:17/10/1988
time: 7:55pm
place: renukut(sonbhadr)
pandit ji pranam!
जवाब देंहटाएंplease mujhe bataye mujhe business karna chahiye ya fir nokari, kisme mera kaam safal ho payega. ise samaye me nokari me koshis kar raha hu magar koi n koi rukabate aa rahi hai. or business karne me mujhe dar yahi lag raha hai ki wo safal ho payega? magar mujhe business me interest hai. ise samaye mujhe kya karana chahiye?
or mera ane bala samaye kaisa hoga.
name: durgesh
D'birth: 17/10/1988
time: 7:55pm
place: renukut(sonbhadra) (u.p)
Namastey guru ji
जवाब देंहटाएंMy dob 20 nov 1979, time 1.35 pm, place mathura, uttar pradesh
Hume jaldi jaldi moving karni padhti hai, isliye baccho ki padhayi bhi kharab hoti hai, aur main bi deppresion me rahne lagi hu, krapya uchi margdarshan dijiye
Main roj sundarkand padhti hu
Dhanywad
Guru ji plz jawab den
जवाब देंहटाएंNamastey guru ji
जवाब देंहटाएंKrapya mere prashn ke liye thoda samay nikal lijiye guru ji .
Aapki ati krapa hogi
गुरुजी प्रणाम,
जवाब देंहटाएंजन्म की तारीख 13.11.73 और जन्म के समय 08:10 AM और जन्म स्थान भरतपुर (राज) है
मैं. मेरा भविष्य क्या रहेगा service में पिछले 4 साल से बहुत अस्थिर हूँ.
guruji namste,
जवाब देंहटाएंdob- 4.9.90, tob- 12.05pm or pob- delhi hai
meri jindgi me bht kathinai ka dour chal rha hai na job hai na koi rishta chal pa rha hai kripya btaye kya main ips officer ban skti hu agr me tyari kru to
Guru Ji Namaskar.. .. mera Name Suraj Subedi. .. Date of birth 17 oct. 1987 morning 1.15 am (16 oct night, friday), Lagna mein Karka hey aur Karka rashi hee hey.. .. .. ..
जवाब देंहटाएंQuestions .. .. marriage key best year konsa hey ? . .. .. . .. mera PHd hoga ki nahi ? mera jiwan keisa rahega
thank you
आदरणीय ललित मोहन जी सादर प्रणाम,
जवाब देंहटाएंइस ब्लॉग क माध्यम से बहुत कुछ जानने को mila इस क लिए हृदय से धन्यवाद
मेरा एक प्रसन्न है की मुझे अपना जन्म समय ठीक ठीक ज्ञात नहीं है, तो क्या मेरी कुंडली बनाई जा सकती है?
मेरा जन्म २३ मार्च १९८४ को फैज़ाबाद (उत्तर प्रदेश) में लगभग साम को ३ बजे से ५ बजे क बीच हुआ है. mai ये जानना चाहता हु की क्या मेरी सरकारी नौकरी लगेगी? यदि हा तो कब tak? मेरी पत्नी जो की 20 सितम्बर १९८३ को शाम ३ से ४ क बीच जन्म li है इन को सरकारी नौकरी मिलेगी? हमारा आगे ka जीवन यापन कैसा होगा?
विवाह पश्चात अध्यापन अथवा फाइनेंस से जुड़े विभागों में जुड़ने का योग है
हटाएंसादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंआपका लेख अच्छा लगा। मैं सामान्य सी जानकारी रखता हूँ।अतः विशेष टिपण्णी नहीं कर सकता।
प्रश्नों के उत्तर पढ़ते हुए आपकी एक बात पर गौर किया।वृष्चिक लग्न एवं पितृ दोष की प्रबल सम्भावना।
जो की मेरा भी लग्न है और कुछ कारणों से मुझे ऐसा लगता है की मैं भी इस दोष से ग्रसित हूँ।
क्या पक्के तौर पर पता लग सकता है ? यदि आप समय देना चाहें तो विवरण भेज दूं।
धन्यवाद।
Name: Vinayak
जवाब देंहटाएंDOB: 5 sept 1988
Place: mumbai
Mera surya dasham bhav me he to kya me IAS pass ho paunga.
05 सितम्बर 1988 को सूर्य ने मुंबई में लगभग १२ बजे दोपहर से डेढ़ बजे तक दशम भाव को प्रभावित किया होगा जहाँ नवमांश में भेद व लग्न नक्षत्र में बदलाव पाया जाएगा ,अतः समय न बताने के कारण आपके प्रश्न का चयन होने के बावजूद उसका उत्तर नहीं दिया जा सकता।
जवाब देंहटाएंगुरूजी प्रणाम
जवाब देंहटाएंगुरूजी प्रणाम मेरे पुत्र की कुंडली का विवरण भेज रहा हु इसके संपूर्ण जीवन के बारे में बताने की कृपा करे
जवाब देंहटाएंजन्म दिनाक 26.08.2015
जन्म समय 12.11मिनट दिनमें
जन्म स्थान जबलपुर(मध्य प्रदेश)
गुरूजी मेरे पुत्र की कुंडली वृश्चक लग्न धनु राशि की कुंडली है
rajiv syal 20.8.1968 14.20 ludhiana
जवाब देंहटाएंमैरी जन्म
जवाब देंहटाएंदिनांक 21/08/1987 समय रात्री :30 पीएम
स्थान चितौडगढ
राजस्थान
मैरे राज योग कब है राजनीति मे जाना चाहता हु
7/11/1980
जवाब देंहटाएंप्रातः 7:28am
वाराणसी
व्यापार न चलना, पत्नी एवं माता से क्लेश,
कृपया उपाय बताये
बहुत ही परेशां हूँ
वृश्चिक लग्न में लग्न मंगल द्वारा चतुर्थ व सप्तम को प्रभावित करने के परिणाम हैं ये,साथ ही भाग्येश अस्त होकर ,द्वादस्थ नीच दशमेश से युति कार्य व्यवसाय में अवरोधक है..माणिक व मोती एक साथ धारण धारण करें...घर के उस कमरे में निवास करें जिसका द्वार दक्षिण हो..सूर्योदय से पहले जागें व किसी भी हाल में सूर्यास्त के पश्चात बाहर न रहें...180 दिनों में राहत महसूस करेंगे..
हटाएंमेरी जनम तारीख है 18-08-1987 समय है दोपहर 02:15 बजे. स्थान है अलीराजपुर म.प्र. मुझे अब तक सरकारी नौकरी नहीं माली है. मैंने काफी प्रयास किये .
जवाब देंहटाएंवृश्चिक लग्न में दशम में शनि की दृष्टि को विच्छेदात्मक माना गया है विमल...संभवतः इसी कारण प्रयास सफल नही हो पा रहे...साथ ही दशम सूर्य को अपने सप्तम अर्थात चतुर्थ से किसी प्रकार का बल नहीं दे रहा,,साथ ही लग्न में शनि को इस सूर्य के लिए बाधक माना जा सकता है....किन्तु यहाँ दशम भाव में स्थिति फिर भी अनुकूल है...शिव कृपालु रहे मित्र तो तुम्हारा चयन सरकारी नौकरी में उतना ही तय है जितना सूर्य का पूरब से उदय होने तय है..एक मूंगा व माणिक तांबे में गले में एक साथ धारण करें व दाहिने हाथ की मध्यमा में शनि का छल्ला धारण करें..मायूस बिलकुल न हों...समय अनुकूल है..26 जनवरी 2017 के बाद आप अपनी आयु के 32 वें वर्ष तक कहीं भी उच्च पदस्थ रहोगे भाई...तब मेरी फीस जरूर भेज देना..
हटाएंthank u sir, definetly me bhej dunga
हटाएंगुरु जी मेरी किस्मत कुछ एसी ही ह 10वि 11वी तक पढ़ पाया अब क्या करु बहुत परेसान हु कुछ हेल्प करो प्लीज़
जवाब देंहटाएंप्रणाम
जवाब देंहटाएंगुरु जी मेरा कल्याण करें
जवाब देंहटाएंGuru ji parnaam
जवाब देंहटाएंगुरु जी
जवाब देंहटाएंNamaste guruji..
जवाब देंहटाएंMera dob 30/6/1989 time 5:45 pm place Bhopal m.p.
hai ... Mein apne marriage k bare mein janna chahti hu.
Maine apki bahut sari post padhi bad me ye sawal kiya hai...................Mere ladke ki birthdate 09/09/2014 12:58 pm. Panditji ye ladka bahut ziddi hai aur tej dimag....Kahi aisa na bahut gussa se hani ho....isko konsi line padhai karva sakte hai ki jisse iska future achcha rahe....... kundali kaisi hai?
जवाब देंहटाएंNamaste guruji, meri vruschik lagan ki kundali me surya aur mangal dusre sthan me hai, budh 1st sthan me hai, guru 9th sthan me hai, shani aur rahu 10th sthan me hai, shukra aur chandra 12th house me hai. Mujhe health ki bahot problem hai. Kuch upay bataye. Meri date of birth 25 december 1978 he. Birth place hai pune maharashtra. Birth time 4.22 am.
जवाब देंहटाएंPandit ji namaste
जवाब देंहटाएंDob- 26.02.1981
Tob- 02:25am
Pob- sirsa haryana
Meri koi bhi naukari jyada samay tak nahi rahti kya karan hai bataye bahot pareahan hoon.abhi july mein fir se naukari chhut gayi hai
Pandit ji namaste
जवाब देंहटाएंDob- 26.02.1981
Tob- 02:25am
Pob- sirsa haryana
Meri koi bhi naukari jyada samay tak nahi rahti kya karan hai bataye bahot pareahan hoon.abhi july mein fir se naukari chhut gayi hai
Panditji sadar charansparsh..me sanjay Chourasia birth place ujjain 18 july 1969 time 4.10 vrashchik lagn he...bahut pareshai me chal raha hu...kripya uchit margdarshan kijiye
जवाब देंहटाएंगुरुजी मेरे बेटे का जन्म 30 अप्रेल 2010 को रात्रि 9.35 को इंदौर में वृश्चिक लग्न में हुआ है । लग्न में चंद्रमा और भाग्य भाव मे मंगल है वो जिद्दी भी बहुत है उसका भविष्य कैसा लगता है और किस तरह का स्वभाव रहेगा।
जवाब देंहटाएंRajarshi
जवाब देंहटाएं31 10 1989
Please koi upay batai a naa...
Health job or mental happiness k lia
गुरुजी🙏 मेरा बैंक बैलेंस निल रहता है होम्योपैथी चिकित्सक एवम् बुनियादी आधुनिक चिकित्सा प्रदान करता हूँ ४९ years old Practice kabhi bahut badiya rahti hai kabhi 3 -4 din bill. Prabhu ke ASHISH SE ROGI SHIGHRA THIK HOTA HAI.PLEASE KUCHH BATAIYE 1/8/1969 KHANDWA.M.P.14:30
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