बुधवार, 30 मार्च 2016

Paisa.... कहाँ है पैसा

वास्तव में हम एकादश व चतुर्थ भाव के ऑपरेटिंग फंक्शन में कंफ्यूज हो जाते हैं। ... जिस मकान वाहन आदि की बात आप कर रहे हैं ये मानसिक सुख का कारक हैं। .. भौतिकता भी तभी सुख देगी जब मन शांत होगा। .. लाल किताब या लाकपुरुष की बात करें तो  चतुर्थ भाव सुख का भाव है। ये चन्द्रमा के आधीन विषय है ,,,एक झोपडी में भी भी आप वही भौतिक सुख का एहसास कर सकते हैं जो आपको  लाखों खर्च किए हुए बंगले में भी नहीं आये। .. २८ बंगले होकर भी विजय माल्या आज भगोड़ा घोषित है। क्योंकि उसने सुख को एकादश से पाने का प्रयास किया ,,,एकादश भाव चतुर्थ सुख के लिए मारक आठवां भाव होता है ....जैसे ही आपने अपने सुख को भौतिकता में खोजा आपने अपने सुख को ही समझ लीजिए आग लगा दी। एकादश भाव काल पुरुष में शनि का स्थान है व वायुकारक प्रभाव  लिए होता है। ... शनि त्याग ,विछोह का कारक है व वायु का कोई आकार नहीं .. वायु में कोई स्थिरता  नहीं ,,,, फिर भला यहाँ से प्राप्त आधार स्थाई सुख का कारक कैसे होगा ??फिर ये तो अंत से एक कदम पहले का भाव है .... यहाँ से प्राप्त आधार द्वादश मोक्ष को प्राप्त करने की सीढ़ी के रूप में देखा जाता है ,और जाहिर रूप से मोक्ष प्राप्ति के लिए चतुर्थ  ,भौतिक सुख (एकादश से छठा ) शत्रु है ..... पैसे से प्राप्त बड़े बड़े भौतिक सुखों को त्यागकर हमने कई लोग अंत में अध्यात्म की तलाश में भटकते देखे ... बड़े बड़े लोगों को वृद्धाश्रम में पाया ....बड़ी बड़ी अभिनेत्रियों को फांसी खाते देखा .... कारण वही एकादश के पीछे की अंधी दौड़ ,,,, और इस दौड़ में वो नहीं दिखा जो सहज रूप से चतुर्थ में हासिल था ,,,चन्द्रमा का ठिकाना ,,मानसिक सुख का आधार,,,, ज्योतिष में हर ग्रह की १०८ गतियां हैं व हर भाव १०८ तरीके से प्रभाव देने के लिए माना जाता है ,,,,,,  हाँ अगर कई पाठक पैसे को ही आधार मान कर प्रश्न कर रहे हैं तो सामूहिक रूप से जवाब देकर बताने का प्रयास करता हूँ। .... धन (पैसा )कमाने के आधार प्रत्येक कुंडली में अलग अलग होते हैं ...   साधन अलग अलग होते हैं ,,,,, भाव भी अलग अलग होते हैं...,,, मात्र एक भाव को ही प्राप्ति के लिए देखा जाना सही निर्णय का आधार किसी भी गणक के लिए नहीं बन सकता ,,,धन यानि ध +न ,,,,, कुंडलियों में सामान्यतः धन का आगमन वहीँ से होता है जहाँ वृश्चिक व धनु राशि होती है ....आठवें के रूप में वृश्चिक राशि से पैसा कमाने के साधनों पर रिस्क लिया जाता है ,,वो रिस्क शरीर का हो ,धन का हो ,ज्ञान का हो किसी भी चीज का हो सकता है ,,,रिस्क आयेगा तो स्वयं को साबित करने के लिए नवम भाग्य के रूप में धनु राशि को आपरेट करना ही होगा ,,,... जब रिस्क लिया जाएगा तभी भाग्य को अपनी हैसियत दिखाने का मौका मिलेगा ,,,,,,अब अगर हम आय (पैसा )  एकादश में ही सुख तलाश कर रहे हैं तो देखिये कि ये एकादश आठवें भाव का सुख (चतुर्थ ) भाव है। ..काल पुरुष के अनुसार आठवां यानि रिस्क का भाव ,,,,आठवां यानि वृश्चिक राशि ,,,, कर्म अर्थात दशम इस रिस्क का पराक्रम (तीसरा)तथा एकादश अर्थात इस आठवें का सुख (चतुर्थ),,,,, अतः ज्योतिषी व जातक दोनों को चाहिए कि पैसा खोज रहे हैं तो भाव से भ्रमित न होकर एकादश के त्रिकोण को खंगालें ,,,एकादश का त्रिकोण जाहिर रूप से इसे उत्पादन का सहयोग (पंचम का प्रभाव )देने के लिए तृतीय तथा इस तृतीय (पराक्रम )को उत्पादन (पंचम का प्रभाव) देने के लिए सप्तम को पकड़ें (सम्भवतः अब पाठक समझें कि सातवें दाम्पत्य भाव के लिए क्यों कहा जाता है कि जातक अपनी लक्ष्मी घर लाया है ) सीधी सी बात है कि सप्तम भाव एकादश का भाग्य भाव है। इस त्रिकोण की तलाश के बाद कालपुरुष का प्रभाव लिए वृश्चिक व धनु को खंगालने हेतु जो जातक  व गणक ज्योतिष के महासागर में गोता लगाएगा ,वो शर्तिया खाली हाथ नहीं लौटेगा .......प्रणाम                         

27 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्कार पंडित जी, मेरा नाम दुश्यंत है, और पैशे से इंजिनियर हूँ, लगभग 6 सालो से इस विधा मे कार्य कर रहा हूँ , लेकिन इस कार्यक्षेत्र मे अब तक कोई उल्लेखनिय सफलता नहीं मिली। लगातार भागदौड़ से शरीर थकने लगता है। बिल्कुल खानाबदोश जीवन हो गया है। मुझे संगीत और थियेटर अभिनय करने का जबर्जस्त शौक है, लेकिन इंजिनियरिंग के कामों से फुर्सत नहीं क्योंकि यही मेरी आजिविका है। इसके अलावा कोई दुसरी सौर्स भी नही. लेकिन इस समय अपने जीवन के सबसे खराब समय से गुजर रहा हूँ, कामकाज एक दम ठप्प है, आजिविका कमजोर हो चुकी है, ऐसा लगता है कि कंही भाग जाऊँ। ज्योतिष मे रुची जागने के कारण और अपनी समस्या को ढुंढ्ते आपके ब्लॉग पर आना हुआ। आपने कितने सामान्य शब्दो में ज्योतिष कि जटिलतायें स्पष्ट कर दी, सोचा की आपसे अपनी समस्याओं के लिये उत्तर मिल सकता है। कृपया मुझे मार्गदर्शन किजिये कि मुझे मेरी आजिविका के लिये कुछ और विचार करना चाहिये या कार्य्क्षेत्र बदलना चाहिये। अभी अविवाहित हूँ । जन्म तारिख 19-09-1986, जन्म समय 03:15 रात्रि, स्थान इन्दौर्

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    1. अक्टूबर २०१६ के पश्चात हालात आपके पक्ष में हो रहे हैं सम्भवतः अगस्त २०१६ के पश्चात आपका विवाह कभी भी तय हो जाता है। आप २०१७ के अगस्त से पूर्व ही विवाह सम्बन्धों में बंध चुके होंगे। हाँ भाग्य अवरोध तो है मित्र ,सूर्य व चन्द्र दोनों ग्रहणों का निर्माण कुंडली में हुआ है ... कर्क लग्न .... इस लग्न से सम्बंधित मेरा पिछला लेख आप यहाँ देख सकते हैं। http://rightsunshineforu.blogspot.in/2014/04/blog-post.html ........ मोती ,माणिक व मूंगा एक साथ लाकेट में धारण करें व विद्वान ब्राह्मणो द्वारा गंगा जी के तट पर ग्रहण शान्ति करवाएं। ..एक समुद्र चित्र अपने स्थल पर पश्चिम दिशा में व सूर्य के सात दौड़ते घोड़ों का चित्र पूर्वी दीवार पर लगाएं। .. 90 दिनों के भीतर परिणाम प्रस्तुत होंगे ....

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    2. बहुत बहुत धन्यवाद पंडित जी... यदि आपसे मुलाकात करने का सौभाग्य प्राप्त हो तो मै स्वयँ को भाग्यशाली समझूंगा। क्रुपया व्यक्तीगत परामर्श लेने हेतु मार्ग्दर्शन करे ।
      धन्यवाद ।

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    3. आप देहरादून स्थित कार्यालय में कभी भी दर्शन दे सकते हैं

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  2. प्रणाम पंडित जी !बहुत ही ज्ञानवर्धक और उपयोगी पोस्ट !आभार !👍

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  3. ललित जी आपको मेरा सादर प्रणाम. प्रभु बहोत आदर सहित आपसे निवेदन है। कि आप हमारी कुंडली देख दे आप का बहुत बड़ा आभार होगा. भगवन जानने की उत्सुकता है कि क्या कारण है कि मै आठ सालो से कुटुम्ब से अलग रहने पे मजबूर हूं. और ऐसा कौन सा दोष है जिससे हमारा ग्राफ गिर गया और हमारे साथ के हमसे कही आगे निकल गए. और हम जीरो पे आ गये. और क्या भविष्य सुनहरा हो पायेगा. वक्त बहुत उतार वाला चल रहा हैं. लेकिन उम्मीद है जो हमने नही छोडी. और आपसे भी उम्मीद है कि आप मेरा मागॅ दर्शन जरूर करेगे. क्यो कि आपका व्यक्तित्व ही ऐसा है. मै निरन्तर आपकी पोस्ट पढता हूँ. आनन्द आता है और ग्यान भी मिलता है. धन्यवाद..Rajneesh srivastava. Do, 22/4/1977. Time 4:25pm kanpur, up

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  4. कृष्ण के जन्म नक्षत्र रोहिणी में चयन हुआ आपका रवि जी तो कुल से दूर तो जाना ही था..द्वादशेश सूर्य का लग्नेश को आठवें भाव में पीड़ित करना आपकी क्षमताओं का उचित मूल्यांकन नहीं होने देता..किन्तु यही योग विदेश यात्राओं का योग भी तो बनाता है..भगवती की उपासना करें...

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    1. ललित जी को सादर नमस्कार. भगवन किस छेत्र मे तरक्की कर सकते हैं. और क्या राजनीति में सफलता मिल सकती है. बताने का कष्ट करें. आपकी महान कृपा होगी. 22/4/1977.4:25/kanpur up

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    2. कृष्ण के जन्म नक्षत्र में जन्म लेकर जन्मे जातक किंग मेकर तो हो सकते हैं,किन्तु किंग नहीं..ऐसा शाप इस नक्षत्र को है..भाग्य भाव में बनता गजकेसरी योग आपकी प्रतिष्ठा को सदा उज्ज्वल रखेगा ऐसा प्रमाण मिलता है..

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  5. URUJI KRIPAYA SAHAYTA KAREIN
    MERA NAAM: ASHOK KUMAR RAGHUVANSHI
    DATE OF BIRTH: 25/12/1975
    TIME RATRI: 10.01.BAJE
    JANM STHAN : CHHINDWARA , MADYAPRADESH
    ABHI MAIN BAHUT MANSIK AUR SHARIRIK PIDA SE GUJAR RAHA HUIN.
    MERI NAUKARI, AUR AAMDANI KE BAARE MAIN BATAYEIN.

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    1. गुरु का प्रभाव पैनक्रियाज ,लीवर ,व फेफड़े के रोगों से सचेत रहने के लिए कह रहा है ,मंगल का वक्री होना रक्त विकारों का कारण बनेगा। आप तिकोना मूंगा रत्न धारण करें ,सोमवार के व्रत करें व शिव की उपासना करें। धन की कमी के संकेत तो नहीं मिल रहे कुंडली में। नवमांश में सूर्य का बनाना समस्या का कारण हो सकता है। आप माणिक व ,मूंगा एक साथ धारण करें ,साथ ही नियमित आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें अथवा ब्राह्मणो द्वारा कराएं। वर्ष भर में सब आपके पक्ष में होगा

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    2. thanks Guruji , bahut dino se aapake uttar ka intejar ker raha tha.manshik shanti aur rog nivaran ke liye kya karna hoga.

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    3. नवमांश में बन रहे ग्रहण की शान्ति योग्य ब्राह्मणो द्वारा गंगा के तट पर कराएं

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    4. GURUJI LAGTA HAI BIRTH TIME KUCHH GADBAD HO GAYA HAI MERA JANM SAMAY RATRI MAIN 22.10 HAI. IS GALATI KE LIYE MAFI CHAHATA HUN.
      KRIPYA AB GADNA KER BATAYEIN.

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  7. Namaste sir,mera naam lovepreet singh dob 16 Dec 1991 plce kota rajastha Time 2:45am h plz sir muje mere bavishye k bare me kuch btye

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  8. prana, guru ji my dob 01-01-1983 janmsthan lakhimpur kheri u.p. india time01-30am mujhe naukari ,kundali ke dosh batane ki kripa kare

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    1. गजब कुंडली है मित्र..राम जे जन्म नक्षत्र में चयनित होकर ..रूचक व शश पञ्चमैगAपुरुष योग कुंडली में..दशमेश अपनी राशि में...और आप अभी तक प्रश्न ही पूछने पे फंसे हुए हैं??स्वयं को संभवतः पहचान नहीं पाए अभी मित्र तुम...या मंगल शुक्र के प्रभाव से मात्र विलासिता व छदम आवरण को सत्य समझ बैठे हो...या तो राजनीति का दामन पकड़ो अथवा विदेश उड़ो... मर्चेंट नेवी..जल,सूचना ..संचार संबंधी कक्षेत्रों को पकड़ो..जैसे जैसे आचरण में पवित्रता आएगी व स्वयं के मन को छलना त्यागोगे...वैसे वैसे आसमान की बुलंदियों का स्पर्श करोगे..सूर्य से मात खा गए भैया तुम..स्वयं के लिए कोर्ट कचहरी,मुकदमा व भाईबहनों की ओर से दुःख का कारण बनेगा यह ग्रह तुम्हारे लिए..इसकी शान्ति करवाओ व शनि का रत्न धारण करो...तुम पैदायशी राजा हो भाई..

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  9. pranam guri sadar charan sparsh mera name paras jain meri date of birth 3 feb 1985 birth time 19:09 PM birth place kaimganj uttar pradesh hai mera question ye hai ki kya meri kundli me goverment teacher ki job ka yog hai aur mera vivah kab hoga. agar meri kundli me koi dosh ho to uska upay bataye aapki mahaan krapa hogee guru ji

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  10. Hello Sir,
    Mera Name, Nitu, DOB-06.02.1983 Place of Birth-Patna( Bihar);Husband Name- Vikas, DOB-11.02.1983, Place of Birth-Patna( Bihar), Mariage Date-24.04.2014
    Life mein sab kab thik hoga, Koi upay bataiye-Ghar mein sukh samudhi kab aur kaise aayegi, Mere husband mujhper bilkul bhi dhyaan nahin dete hai.

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  11. प्रियतम वर्मा20 जुलाई 2016 को 9:10 am बजे

    आपका यह लेख प्रशंसनीय है, अति उत्तम.
    इसमें यदि उल्लेखित भावों और राशियों के सामंजस्य को उदाहरण सहित बता दें , तो अधिक आसानी से ये स्पष्ट हो जायेगा, यथा- उत्पादकता बढाने, आय प्राप्त करने और इनके साथ साथ मानसिक संतुष्टि के लिए इन घटकों में कैसे सामंजस्य स्थापित करें .

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  12. प्रियतम वर्मा20 जुलाई 2016 को 9:20 am बजे

    आपका यह लेख प्रशंसनीय है , अति उत्तम .
    इसके साथ यदि उदहारण सहित ये भी बता दें कि भौतिक और मानसिक सुख प्राप्त करने के लिए आपके बताये भावों और राशियों में कैसे सामंजस्य बिठाएं, तो यह और आसानी से समझ आ जायेगा. आपके उत्कृष्ट ज्ञान और लेखन हेतु धन्यवाद .....

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    1. चतुर्थ भाव चंद्र का भाव है,,अर्थात माँ की गोद है..माँ की गोद में लेटा बालक छल,, द्वेष,,पाप ,,इन सब से दूर है..व पेट भरते ही किलकारियां मारने लगता है..इस दूध के लिए बालक ने अभी कोई प्रयास नहीं किया था..ये प्रकृति का स्वभाविक उपहार है उसके लिए..इसके अलावा कोई लालसा नहीं बालक को..बस यही मन्त्र समझ आ गया तो जग कदमो में है आपके...आशा है सहमत होंगे आप..प्रणाम

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  13. 12-03-1982; 23:59 pm; Meerut
    इस कुंडली में चतुर्थ एवं लाभ स्थान में परिवर्तन योग है| क्या ये घर पैर रह कर कमाई से साधन देगा?
    लाभ स्थान में मंगल शनि वक्री है| शनि की महादशा आने वाली है| वो कैसा परिणाम देगी?

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