सभी मित्रों को नववर्ष की शुभकामनाएं,,,,,,,खुश रहें मस्त रहें ,,,बस दुविधाग्रस्त न रहें,,,,लालसाओं की पूर्ति के लिए पस्त न रहें ,,,,,जीवन क्षणभंगुर है इसके अभ्यस्त न रहें ,,धर्म पर जो अडिग रहा वो ही पार पाया ,स्वार्थ पूर्ति में अपनी मदमस्त न रहें ,,,कौन मैं और क्या मेरा ,,क्या तू और क्या तेरा ,इस उधेड़बुन में तनावग्रस्त न रहें ,,,उड़ानें ऊँची हों तो अक्सर गिरने का कारण बन जाती हैं , भूल कर भी शाख अपनी पदभ्रष्ट न रहें ,,,,त्यागें न धरती अपनी ,अपने संस्कार न भुलाएं ,,,,,,आइये इसी कामना के साथ नवरात्र मनाएं
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