गुरुवार, 20 जून 2013

केदारनाथ धाम में प्रलय . क्या वास्तव में कहीं चूक हो गयी ?

कुछ भी लिखने से पहले स्पष्ट कर दूं की मैं न तो किसी पर आरोप लगा रहा हूँ न ही किसी को दोषी करार दे रहा हूँ .ज्योतिष का एक साधारण सा छात्र होने के नाते जो कुछ भी जाना है बस उसी आधार पर मन में संशय आ रहा है ,जिस को बयान कर रहा हूँ .थोडा बहुत यदि ज्योतिष की किसी शाखा में स्वयं को सहज पाता  हूँ तो वह  फलित है .अतः लगन -मुहूर्त आदि के विषय में किसी भी पंचांग गणक के सामने खुद को अज्ञानी की श्रेणी में रखता हूँ .
       किन्तु इस विषय  पर जहाँ तक समझ पाया हूँ १४ मई सन २०१३   को प्रातः काल ०७ :१५ पर विधिविधान के साथ ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग ,देश के महान तीर्थस्थलों में शामिल श्री केदारनाथ जी के कपाट आम जनता के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए .मिथुन राशि में चंद्रमा अपने परम शत्रु  राहु के आद्रा नक्षत्र को भोग कर अपनी राशि से द्विदाशक बना रहा था।लग्न में मारक होकर गुरु विराजमान थे .कोई  भी पंचांग में इस दिन को लेकर किसी प्रकार के शुभ मुहूर्त का जिक्र नहीं कर रहा था .सामान्य परिस्तिथियों में हम जानते हैं की  देवादिदेव महादेव  की पूजा अर्चना से सम्बंधित कोई भी कार्य आद्रा नक्षत्र में किया जा सकता है .किन्तु पंचांग अभी दिन के काफी समय तक भद्रा का काल इंगित कर रहा था .मुहूर्त शाश्त्र के जानकार जानते हैं की किसी भी शुभ कार्य हेतु सदा भद्रा से बच कर चलने का प्रमाण शाश्त्रों से मिलता है .फिर भला जब किसी भी प्रकार का मुहूर्त गणनाओं में नहीं था तो क्यों ऐसी चूक हो गयी समझ नहीं आया .फिर से स्पष्ट कर दूं की ये मात्र जिज्ञासा है ,कोई आरॊप नहीं .जिसका निवारण विद्वान गुरुजन ही कर सकते हैं .वार का स्वामी उस समय विशेष में द्वादश भाव पर था  तो क्या इसका कोई महत्त्व मुहूर्त पर नहीं होता.सूर्यदेव स्वयं द्वादश में केतु  से पीड़ित हो रहे थे ,क्या इस की गणनाओं का महत्त्व मंदिर के किवाट खुलने का समय तय करने वाले जिम्मेदार ज्ञाताओं  की निगाह में कुछ नहीं था .ज्योतिष के सिद्धांतानुसार त्रिबल शोधन में लग्नं विशेष में सूर्य का द्वादश में होना भी शुभ संकेत नहीं माना जाता . मात्र ये प्रकृति का कहर है या वास्तव में मंदिर के द्वार खोलने को तय किये गए मुहूर्त को किसी विशेष कारण से बहुत हलके में ले लिया गया . क्या ये मात्र मेरा भ्रम है या वास्तव में कहीं कोई चूक हो गयी है .पाठकों की राय व गुरुजनों के मार्गदर्शन का इस विषय पर  मैं प्रार्थी हूँ .  जय भोले शंकर -जय नीलकंठ महादेव .

12 टिप्‍पणियां:

  1. guru ji pranaam sadar charan sparsh
    guru ji Mera margdarshan kare main bahut pareshan hun kahin kaam dhandha nahi milta Mumbai me aaya hun naukri ke liye naukri to nahi per dhoka jarur milta hai yahan. kuch saal pahle mera khud ka apna business tha zyada nahi per mahine me 25000 income aa hi jati thi per business me loss hua aur main karj me doob gaya aap hi karj se chhutkara pane ka upay batayen
    is waqt meri halat aisi hai ki main apne pariwar ka paalan posan tarike se nhi kr pa raha hu
    nasha aur non veg to maine kabhi chhua hi nhi , yahi nahi main mangalvar guruvar aur shanivar ka vrat bhi rakhta tha, maine kai jaghon pr ojha sokha aur dev sthan pr bhi arzi di koi kehta ki dukaan me pret badha hai koi kehta dukaan badhi hui hai pr kisi ke dwara mujhe koi labh nhi hua ,ab app hi bataiye mere sath aisa kyon hua aur aage kya kya yoga , kya meri kismat fir se chamkegi ? guru ji main videsh jana chahata hun saudi Arab kya main wahan ja paaunga aur kya wahan jana mere liye labhkari hoga agar videsh jane ka koi yoga hai to kab tak.
    shayad aap ka marg darshan meri kismat khol de
    maine moonga moti aur hara hakeek pahen rakha hai
    sath hi agar meri kundli se mere bade bete ke baare me kuch bta sakte hain jarur batayen
    aap ki badi kripa hogi
    dob 24/10/1974,10:00 am, basti, uttar pradesh, india
    durga prasad ( chedi lal)
    aap ke aashirwad ka intzaar hai
    pranaam

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    1. सामान्य भाषा में कहूँ तो सन २०१० के अंतिम महीनो से आपका कर्ज व व्यवसाय में घाटे का समय आरम्भ हो चुका था . इस लग्न में वक्री गुरु में वक्री बुध अर्थात वक्री धनेश में वक्री आएश की दशा जातक को कंगाल तक करने का सामर्थ्य रखती है .आएश का वक्री होकर द्वादश भाव में जाना ,लग्नेश का द्वादश में होना साथ ही कार्येष का नीचस्थ होकर द्वादश में होना ,भैय्या आपकी हालत का अंदाजा लगा सकता हूँ .किन्तु बुरा मत मानियेगा ,आपका पैसे को लेकर दृष्टीकोण कभी सही नहीं रहा .पैसा काटता रहा जब भी जेब में आया .आपने छोटी बचत का महत्त्व नहीं जाना .जितना पैसा आपने कमाया ,औरों पर उससे दोगुना खर्च दिया .कुछ आदतें व कुछ कुंडली के योग .किया भी क्या जा सकता था . फिलहाल तो अभी मुझे आपके स्वास्थ्य की फ़िक्र अधिक हो रही है .जनवरी २०११ से सितम्बर २०१३ तक का समय आपके लिए शुभ नहीं है .सोमवार के व्रत शीघ्र आरम्भ करें व महादेव की उपासना आरम्भ कीजिये .इस वर्ष के आखिर से वापस अपने पुराने काम को थामिए .कार्येष वहीँ से अपनी दशा में नया अंकुर प्रदान करेगा .आपके मांस -मदिरा के प्रश्न को मैं खारिज कर रहा हूँ क्योंकि यकीन नहीं आ रहा है .खैर .....पुखराज रत्न यदि पहन सकते हैं तो पहन लीजिये .दक्षिण की ये यात्रा भविष्य में सुन्दर फल देगी .अभी स्वास्थ्य पर ध्यान दें .आगे स्वयं ही प्रभु सहायक हैं .

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  2. guru ji aap meri samasya ka samadhaan karen .main bahut pareshan hun mera ek ek din ek ek saal ke barabar hai
    durga prasad

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  3. guru ji pranam
    prkriti ke age to hum sbhi natmastak hain. uske samne kisi ki nahi chalti. hume bas itna karna hai ki iski jitni surakcha or samman kar sake karni chahiye.
    guru ji mere ek dost mere dwara aapse upne bhavishya ke bare me prashn karna chahte hain. unka naam Vikas kumar, janm tithi 20-06-1990, place-bhojpur (up),janm ka samay pratah kaal me 5 or 6.kripaya inke bare me inka aane wala samay kaisa hoga kuch jankari dene ki kripa karen.

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    1. इस समय काल में लग्न परिवर्तन पाया जा रहा है ,अतः जन्म समय का सटीक होना आवश्यक है ,कृपया अपने मित्र से कहें की इस बारे में घर से जानकारी मागें .

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  4. आदरणीय पंडितजी,

    केदारनाथ त्रासदी के बारे मे नक्षत्र दशाओं का ऐसा अद्भुत विश्लेषण देखकर विचित्रा अनुभूति हुई. आपका ज्ञान विलक्षण है..... आशा है कभी आपके दर्शन लाभ प्राप्त होगा.

    मनोज कौशिक, देहरादून

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  5. [PANAAM GURU G GURU G KYA MERI KUNDALI KA POORA VISLESHAN HO SAKTA HAI . NAME - SUMIT
    DOB - 26-9- 1980
    PALACE - GHAZIPUR U.P.
    TIME - 6.30PM

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  6. NAME - SKR
    DOB - 26-9- 1980
    PALACE - GHAZIPUR U.P.
    TIME - 6.30PM
    GURU G KO PRANAM ...GURU G MERI KUNADALI DEKH K BATAYEN KI MERI SHADI KAB TAK HOGI ...RISTE TO KAFI AA RAHE HAI LEKIN KISI K SATH HO NAHI PAA RAHA HAI JISKI WAJAH SE MERE MAA AUR PITA G KAFI PARESAAN HAI AUR BAHUT TENSSION ME HO JAATE HAI UNKO PARESAAN DEKH K MAI KAFI DISTURB HO JATA HUN ...KOI RASTA BATAYEN GURU G BAHUT URGENT HAI ...MERI SAARI PARESAANI KAB TAK DOOR HOGI

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  7. GURU JI PRANAM
    NAME-MITHILESH TIWARI
    DOB-09/11/1986
    PLACE-NASIK(MAHARASTRA)
    TIME- 12.20AM
    KRIPYA BHAGYODAY,SARKARI NAUKARI VA DHAN KE SAMBANDH ME BATAYEIN.

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  8. Ji Pranam,

    Name-Brajendra Kumar Chaurasia (Brajendra Chaurasia)
    DOB- 12/08/1986
    Time - 10:30 PM
    Problem- Apne ap se khush nahi.
    Koi uddeshya nahi.Na kahin jaane ki iksha or jaana bhi chahta hun
    lekin koi rasta hi nhi dikh rha hai Keval Andhkar......


    Apke Margdarshan k liye pankti baddh hun.

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  9. Waiting for your kind response or reply...


    Thanks & Regards,
    Brajendra Chaurasia

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