अपने पिछले लेख में हमने मेष लग्न के स्त्री व पुरुष दोनों के जीवनसाथी के
बारे में चर्चा करी थी,आज आपको द्वितीय अर्थात वृष लग्न के पुरुषों के
होने वाले जीवन साथी के बारे में बताने का कुछ प्रयास करता हूँ।यदि आपकी
कुंडली में वृष लग्न है तो जाहिर तौर पर आपके सप्तम में वृश्चिक राशि का
आधिपत्य होगा। लग्न और सप्तम इन दोनों राशियों का यहाँ चंद्रमा से विशेष
महत्त्व होता है।वृष में जहाँ चंद्रदेव उच्च होते हैं वहीँ सप्तम(वृश्चिक)
में इन्हें नीच मान लिया जाता है।वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होता है।अततः
जिस जातक के सप्तम में मंगल नाकारात्मक राशि का आधिपत्य होता है उसका
जीवनसाथी भारी शरीर, भरे हुए चेहरे ,बड़ी आँखों, धार्मिक विचारधारा वाली
होती है।किन्तु बातों को मन ही मन में गुंथने की उस की प्रवृत्ति होती
है।आम बोलचाल में वह भाषा के साधारण नियमों का कम ध्यान रखती है अर्थात कभी
कभी दूसरों के ह्रदय को दुखाने वाली बात कर देती है।
-- मंगल की उपस्थिति यदि सिंह -वृश्चिक-मकर या कुम्भ राशियों में हो व यदि अन्य ग्रहों का जरा सा भी सहयोग मिल रहा हो,तो ऐसा जातक अपनी स्त्री के भाग्य से किसी प्रकार का सरकारी सम्मान प्राप्त कर सकता है।
--यही मंगल यदि अपनी सप्तम या अष्टम दृष्टि से दाम्पत्य के भाव को देख रहा हो तो भैय्या अब आपको अपनी सहधर्मिणी के उग्र स्वाभाव के लिए खुद को मजबूत कर लेना ही बेहतर है।
--आठवें भाव में सप्तमेश का चला जाना संकेत कर देता है की जातक को विवाह के पश्चात शारीरिक सुख पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होगा ,चाहे कारण कुछ भी बने।
--मंगल यदि सिंह या मकर राशि में हो तो जातक की स्त्री नौकरी या अन्य किसी प्रकार से धन की सहायता प्रदान करती है,ऐसा नहीं होने की अवस्था में इस योग का लाभ जातक को उसी प्रकार प्राप्त होता है,जैसा मैं ऊपर वर्णन कर चुका हूँ।
--छठवें भाव में सप्तमेश के होने से स्त्री खर्चीले व थोड़े लापरवाह स्वभाव की होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
--मिथुन या मीन राशि में मंगल विवाह पश्चात धन प्राप्ति की संभावनाओं को दर्शाता है।
--मंगल किसी भी भाव में मजबूत दशा -अंशों में हो व शुक्र कमजोर पड़ रहा हो जातक सदा पत्नी भक्त बन कर रहता है।स्त्री घर के मुखिया की तरह आचरण करने वाली होती है व पति को अपने से कमतर आंकती है।अधिक पुरुष संतानों को जन्म देती है.
--यदि जातक की कुंडली में बुध और शनि की युति हो रही हो व मंगल पर शुक्र का प्रभाव किसी भी प्रकार से हो तो पुरुष को यथासंभव चिकित्सीय या योग खान पान आदि की सहायता से अपने को आतंरिक (शारीरिक ) रूप से मजबूत करने का प्रयास समय रहते कर लेना चाहिए।
--शुक्र मंगल की युत्ति में जातक को चाहिए की विवाह पूर्व ही स्वयं को शाकाहारी बना ले व विवाह पश्चात यथासंभव स्त्री को भी गरिष्ट भोजन न करने दे व कामोत्तेजित करने वाली वस्तुओं ,साहित्यों ,फिल्मों आदि से दूरी बनाये रखें
बीच में व्यस्तताओं के कारण लिख नहीं पाया,इसी कारण कोशिश कर रहा हूँ की इस कमी को जितना जल्दी हो सके पाट दूं।किन्तु अफ़सोस है की जिस स्तर से या जिस संख्या में ग्राफ मेरे पाठकों की और संकेत करता है ,उस तरह से टिप्पणियां प्राप्त नहीं हो रही हैं।पाठक अपने सवाल सीधे मेरी मेल आई डी पर भेज देते हैं .अततः आप से अनुरोध है को जो भी जिज्ञासा या सलाह हो वह ब्लॉग के जरिये ही हो,ताकि चर्चा में सभी को रस आये,व कुछ नए योगों की तरफ हमारा ध्यान जाए।अगली मुलाक़ात तक ...............................विदा।
( आपसे प्रार्थना है कि कृपया लेख में दिखने वाले विज्ञापन पर अवश्य क्लिक करें ,इससे प्राप्त आय मेरे द्वारा धर्मार्थ कार्यों पर ही खर्च होती है। अतः आप भी पुण्य के भागीदार बने )
-- मंगल की उपस्थिति यदि सिंह -वृश्चिक-मकर या कुम्भ राशियों में हो व यदि अन्य ग्रहों का जरा सा भी सहयोग मिल रहा हो,तो ऐसा जातक अपनी स्त्री के भाग्य से किसी प्रकार का सरकारी सम्मान प्राप्त कर सकता है।
--यही मंगल यदि अपनी सप्तम या अष्टम दृष्टि से दाम्पत्य के भाव को देख रहा हो तो भैय्या अब आपको अपनी सहधर्मिणी के उग्र स्वाभाव के लिए खुद को मजबूत कर लेना ही बेहतर है।
--आठवें भाव में सप्तमेश का चला जाना संकेत कर देता है की जातक को विवाह के पश्चात शारीरिक सुख पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होगा ,चाहे कारण कुछ भी बने।
--मंगल यदि सिंह या मकर राशि में हो तो जातक की स्त्री नौकरी या अन्य किसी प्रकार से धन की सहायता प्रदान करती है,ऐसा नहीं होने की अवस्था में इस योग का लाभ जातक को उसी प्रकार प्राप्त होता है,जैसा मैं ऊपर वर्णन कर चुका हूँ।
--छठवें भाव में सप्तमेश के होने से स्त्री खर्चीले व थोड़े लापरवाह स्वभाव की होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
--मिथुन या मीन राशि में मंगल विवाह पश्चात धन प्राप्ति की संभावनाओं को दर्शाता है।
--मंगल किसी भी भाव में मजबूत दशा -अंशों में हो व शुक्र कमजोर पड़ रहा हो जातक सदा पत्नी भक्त बन कर रहता है।स्त्री घर के मुखिया की तरह आचरण करने वाली होती है व पति को अपने से कमतर आंकती है।अधिक पुरुष संतानों को जन्म देती है.
--यदि जातक की कुंडली में बुध और शनि की युति हो रही हो व मंगल पर शुक्र का प्रभाव किसी भी प्रकार से हो तो पुरुष को यथासंभव चिकित्सीय या योग खान पान आदि की सहायता से अपने को आतंरिक (शारीरिक ) रूप से मजबूत करने का प्रयास समय रहते कर लेना चाहिए।
--शुक्र मंगल की युत्ति में जातक को चाहिए की विवाह पूर्व ही स्वयं को शाकाहारी बना ले व विवाह पश्चात यथासंभव स्त्री को भी गरिष्ट भोजन न करने दे व कामोत्तेजित करने वाली वस्तुओं ,साहित्यों ,फिल्मों आदि से दूरी बनाये रखें
बीच में व्यस्तताओं के कारण लिख नहीं पाया,इसी कारण कोशिश कर रहा हूँ की इस कमी को जितना जल्दी हो सके पाट दूं।किन्तु अफ़सोस है की जिस स्तर से या जिस संख्या में ग्राफ मेरे पाठकों की और संकेत करता है ,उस तरह से टिप्पणियां प्राप्त नहीं हो रही हैं।पाठक अपने सवाल सीधे मेरी मेल आई डी पर भेज देते हैं .अततः आप से अनुरोध है को जो भी जिज्ञासा या सलाह हो वह ब्लॉग के जरिये ही हो,ताकि चर्चा में सभी को रस आये,व कुछ नए योगों की तरफ हमारा ध्यान जाए।अगली मुलाक़ात तक ...............................विदा।
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गुरुजी को सादर चरण स्पर्श,
जवाब देंहटाएंपंडित जी आपका धन्यवाद्। आपने मुझे पुखराज पहनने के लिए बताया था।
जैसे ही संभव हो पायेगा मैं पुखराज पहन लूँगा। मुझे कृपया करके कोई अन्य भी उपाय सुझाएँ जिससे राहु की महादशा मैं शांति मिले तथा धन से सम्बंधित परेशानी दूर हो जाए। 2014 में राहु महादशा मैं शनि की अन्तर्दशा शुरू हो जायेगी उसका उपाय भी सुझाएँ।
नाम: लोकेश अग्रवाल
जन्म तिथि (DD/MM/YYYY) : 16/07/1982
जन्म समय: 07:00 AM
जन्म स्थान: Khurja (Uttar Pradesh) / खुर्जा (उत्तर प्रदेश)
वर्तमान निवास: Ghaziabad (Uttar Pradesh) / गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)
Guru ji prannam
जवाब देंहटाएंPl help
16/4/71 7/10 pm jind (haryana)
Patn se choti choti baaton per man mutav hota hai ji
Kya upai karoon guru ji
Help pla
guruji mai amrendra jha brishab lagna hai rohini nachatra hai aur mai abhi tak safal nahi hua ji mere 7 me rahu hai sukra 12 me handrama 1 me ketu ke saath hai 11 me surajaur guru hai ji kripa karke aap bolo ji
जवाब देंहटाएंगुरुजी मेरी कुण्डली भी वृषभ लग्न की है.
जवाब देंहटाएं28/07/1986
1:14am
Neemuch (M.P.)
अगस्त २०१५ से कुछ समय अच्छा नही चल रहा. आर्थिक परेशानी है. कृपया कोई उपाय बताये.
पैतृक सम्पदा पर संभवतः आप आवश्यकता से अधिक खर्च कर गए ,अथवा राहु के प्रभाव में कार्य व्यवसाय पर बिना सोचे समझे खर्च कर बैठे। आप घर की दक्षिणी दीवार पर हाथी का चित्र लगाकर उसके आगे गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करें। मांस मदिरा से परहेज करें ,प्रभु ने चाहा तो 90 दिनों में हालात पक्ष में होंगे।
हटाएंGuru ji
जवाब देंहटाएंSadar Pranam
Guru ji mera naam Anshuman Singh he.
Dob 26-09-1981
Tim 09:03
Pls Gwalior
Guru ji meri kundli brashav lagan ki he. Kaal sharp yog bhi he jis ki me naashiq ujjain aadi jagah pujan kara chuka hi. Ek varsh se Samay kaafi kharab chal rahe he. Sahi samay kab aayega tatha upay bataye. Jai gurudev
आपकी कुंडली वास्तव में पितृ दोष से पीड़ित है। संभव हो तो नीलम धारण कीजिये ,,पितृ शान्ति गंगा के घाट पर का योग्य ब्राह्मणों द्वारा कराइये। आप परोक्ष या अपरोक्ष रूप से विदेशी लोगों अथवा संस्थानों से जुड़ेंगे ,कहते हुए संकोच होता है कि यदि पिता जीवित हैं तो उनसे रसोई अलग किये बगैर आपका भाग्य अवरुद्ध ही रहेगा ,...
हटाएंGuru ji mera naam gaurav hai meri dob 9 oct1987 h time 21:45 tikamgarh m.p. mujhe much accha nhi lagta mujhe confuse rhna pdta h hat cheek me
जवाब देंहटाएंद्वादश में गुरु वक्री हो गए हैं भाई , साथ ही राहु सूर्य को प्रताड़ित कर रहा है .. इसी का परिणाम भुगत रहे हो। ..... कच्ची हल्दी की गाँठ दाहिने हाथ की बाजू में बांधो ,,,,माणिक ताँबे के छल्ले में गले में पहनो ,,,,,ताँबे के बर्तन का पानी पियो व प्रातः सूर्य नमष्कार करो। 90 दिनों में फर्क महसूस होगा ,..
हटाएंGuru jee charnspars mera jan 8/11/1972 hai sam 7.20 pm hai patna bihar mera nov 2014 se biznes ek dam band ho chuka hai arthik sankat se guzar raha hu pls kuch batay
जवाब देंहटाएंमार्च २०१५ से सूर्य में शनि के अंतर ने तीव्रता से आपको मायूस किया। एक पन्ना आप धारण कीजिये ,,फरबरी २०१७ से हालात नियंत्रण में आ रहे हैं।
हटाएं11-6-1983 ...4:30 am के बारे मे बताऐं
जवाब देंहटाएंMy Known with DOB 7/3/74 at 11: AM Jaipur. Please predict his profession, nature & future.
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम! मेरी जन्म तिथि22/10/1986 समय 23.16 स्थान चिरमिरी, जिला- कोरिया, छत्तीसगढ़
जवाब देंहटाएंरोजगार नहीं है, मिलेगा या स्वरोजगार का योग है , किस क्षेत्र में कब होगा बतायें
Guru ji
जवाब देंहटाएंMera naam Deepika hai
29 sept 1998
9PM
Delhi
Mujhe mere husband ke bare me jaana or career ke bare me bhi. Mere husband kaise honge vyavhar or banwat bhi. Meri nokri kab lgegi