ज्योतिष शाष्त्र में दिशाशूल को बड़ा महत्त्व दिया गया है …कई ख़ास मौकों पे पाठकों ने देखा होगा कि सारे साधन होते हुए भी ,पूरी प्लानिंग होते हुए भी यात्रा में बाधा आ गई अथवा रास्ते में कोई अनहोनी हो गई ,अर्थात यात्रा असुविधापूर्ण रही …वास्तव में कुछ विशेष दिनों में कुछ विशेष दिशाओं की यात्राओं को हमारे शाश्त्रों में निषेध माना गया है। आइये आपको इसकी जानकारी देते हैं ,यदि ज्योतिष में विश्वास करते हैं तो भविष्य में अपनी यात्राओं को पंचांग देखकर तय करें ,विशेषतः दिशा शूलों उस दिशा की यात्रा से यथासंभव बचें ,सामूहिक रूप से जिन लोगों का उस समय मारक भाव ऑपरेट हो रहा होता है ,एक ही बस- ट्रेन आदि में किसी ख़ास हिस्से -डिब्बे आदि में बैठकर ये लोग सामूहिक रूप से उस नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा देते हैं जिस कारण हादसे होते देखे गए हैं ....